Ashok Sundari Puja Vidhi: ऐसे करें शिव जी की बेटी अशोक सुंदरी की पूजा, जीवन में मिलेगी तरक्की

Ashok Sundari Puja Vidhi: सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को समर्पित है। इस पूरे महीने भर लोग शिवजी की पूजा करते हैं। बहुत से लोगों को यह पता है कि शिवजी के 2 पुत्र हैं, लेकिन आपको बता दें उनकी एक बेटी भी है।

 
ashok sundari ki puja

Ashok Sundari Puja Vidhi: अशोक सुंदरी के बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। ऐसे में आज के इस लेख में हम आपको माता अशोक सुंदरी के बारे में और उनकी पूजन विधि के बारे में कुछ जानकारी देने वाले हैं। अशोक सुंदरी भगवान शिव की पुत्री और भगवान गणेश और कार्तिकेय की बहन है। अशोक सुंदरी के जन्म को लेकर पुराणों में यह कहा गया है कि माता पार्वती के अकेलेपन को दूर करने के लिए शिव जी ने कल्पवृक्ष के पेड़ से अशोक सुंदरी की उत्पत्ति की थी। बता दे कि शिवलिंग पर अशोक सुंदरी का विशेष स्थान हैं जहां आप उनकी पूजा कर सकते हैं। ये तो रही अशोक सुंदरी के जन्म और शिवलिंग में उनके स्थान की बात। चलिए जानें अशोक सुंदरी के पूजा विधि के बारे में।

अशोक सुंदरी की पूजा के लिए सामग्री (ashok sundari puja samagri)

ashok sundari in shivling

  • घी का दीप
  • धूप
  • शुद्ध जल एवं गंगा जल
  • फूल
  • बेलपत्र
  • शमी पत्र
  • शमी फूल
  • दूर्वा
  • कुमकुम
  • चंदन
  • अक्षत
  • रोली
  • मौली धागा

कैसे करें अशोक सुंदरी की पूजा (ashok sundari puja vidhi)

ashok sundari puja vidhi

अशोक सुंदरी की पूजा अकेले ही नहीं की जाती है, इनके पूजन के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा भी की जाती है। शिवलिंग के ठीक सामने बीच में जहां उभार होता है वहीं अशोक सुंदरी का स्थान माना गया है। अशोक सुंदरी की पूजाके लिए सोमवार का दिन बेहद खास माना गया है। अशोक सुंदरी की पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद पूजा का सामान एकत्र कर लें।

इसे भी पढ़ें: सोमवार के दिन शिव पूजन में भूलकर भी न करें ये गलतियां, हो सकता है भारी नुकसान

  • सबसे पहले शिवलिंग में गंगाजल और शुद्ध जल डालते हुए अशोक सुंदरी के स्थान और शिवलिंग पर जल अर्पित करते हुए स्नान करवाएं।
  • अब अशोक सुंदरी और शिवलिंग को चंदन अर्पित करें ( जैसे कुमकुम, चंदन, रोली और गुलाल लगाएं)।
  • वस्त्र के लिए मौली धागा के टुकड़े चढ़ाएं।
  • अब फूल, बेलपत्र, उपलब्ध हो तो फूल माला और दूर्वा चढाएं (गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने के नियम)।
  • अब देवी अशोक सुंदरी और शिव परिवार को धूप दीप दिखाकर कपूर आरती करें।
  • पूजन और आरती के बाद फल एवं मेवा मिष्ठान का भोग लगाएं।
  • अंत में हाथ में फूल बेलपत्र (बेलपत्र के प्रकार) लेकर क्षमा प्रार्थना करें और अपनी मनोकामना कहें।
  • पूजन के लिए सामग्री या विधि का उतना महत्व नहीं है, जितना की आपके भाव का आप साफ मन से पूजा कर अपनी कामना भगवान से कहते हैं, तो वे आपकी मनोकामना को जरूर पूरी करते हैं।

ये रही अशोक सुंदरी की पूजा करने की विधि और पूजा के लिए लगने वाले सामग्री। अगर हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से।

Image Credit: Herzindagi

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP