(last lunar eclipse 2023) साल 2023 का आखिरी चंद्र ग्रहण शरद पूर्णिमा के दिन लगने जा रहा है। ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण लगना बहुत अशुभ माना जाता है। इस दौरान सभी शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है। ये चंद्र ग्रहण आंशिक माना जा रहा है। ग्रहण की शुरुआत दिनांक 29 अक्टूबर को रात 11 बजकर 32 से लेकर इसकी समाप्ति रात 03 बजकर 36 मिनट पर होगा।
आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से चंद्र ग्रहण के बारे में विस्तार से जानते हैं।
जानें कब लगेगा चंद्र ग्रहण? (When is Chandra Grahan 2023)
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण दिनांक 28 अक्टूबर को लगने जा रहा है। यह चंद्र ग्रहण 11 बजकर 32 मिनट से लेकर दिनांक 29 अक्टूबर को सुबह 03:36 मिनट पर समाप्त होगा।
चंद्र ग्रहण में सूतक मान्य होगा या नहीं (Chandra Grahan Sutak kaal)
दिनांक 28 अक्टूबर को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा। इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य होगा। चंद्र ग्रहण लगने के 09 घंटे पहले ही सूतक काल लग जाता है और ग्रहण समाप्त हो जाने के बाद सूतक भी समाप्त हो जाता है। इसलिए चंद्र ग्रहण लगने से 09 घंटे पहले से लेकर ग्रहण की अवधि तक सूतक काल का पालन करना जरूरी माना जाता है।
जानें चंद्र ग्रहण में सूतक के नियम (Chandra Grahan 2023 Sutak Rules)
- चंद्र ग्रहण लगने के 09 घंटे पहले ही सूतक काल लग जाता है। सूतक काल (सूतक काल नियम) का मतलब है - ऐसा समय जब धरती सेंसिटिव रहता है और अनहोनी होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है। इसलिए सूतक काल की अवधि को अशुभ माना जाता है और इसके कुछ नियम भी बताए गए हैं।
- गर्भवती महिला को सूतक और ग्रहण काल में खास ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान गर्भवती महिला को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और नुकीली चीजों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
- सूतक काल के दौरान पके भोजन को ग्रहण समाप्त होने के बाद भी खाना चाहिए और उसमें तुलसीदल डालकर रखना चाहिए। ग्रहण में खानी-पीना वर्जित माना गया है।
- अगर आपके घर में तुलसी (तुलसी के उपाय) का पौधा है, तो सूतक लगते ही स्पर्श करने से बचना चाहिए और सूतक काल में पूजा न करें और न ही जल डालना चाहिए।
- सूतक काल में भगवान की प्रतिमा को स्पर्श करने से बचना चाहिए। इसलिए मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं।
कहां-कहां दिखाई देगा चंद्रग्रहण? (Chandra Grahan Visibility)
साल का आखिरी चंद्रग्रहण भारत समेत ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, एशिया, हिंद महासागर, अटलांटिक, दक्षिणी प्रशांत महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा।
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कब लगता है चंद्रग्रहण? (How Chandra Grahan Occur)
विज्ञान के हिसाब से सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी के आ जाने से चंद्र ग्रहण लगता है। इसे बेहद अद्भुत घटना माना जाता है,लेकिन धार्मिक दृष्टिकोण से ग्रहण लगना बेहद अशुभ होता है। क्योंकि इसका संबंध समुद्र मंथन की कथा और राहु-केतु से जोड़ा जाता है।
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