हम में से बहुत से लोगों के घर में लड्डू गोपाल विराजित होंगे। जहां कुछ लोगों ने लड्डू गोपाल की प्रतिमा स्थापित की होगी तो वहीं, कुछ लोगों ने लड्डू गोपाल की फोटो घर में रखी होगी। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें इसी कड़ी में यह बताया कि लड्डू गोपाल की प्रतिमा एवं लड्डू गोपाल की फोटो घर में रखने से अलग-अलग प्रभाव व्यक्ति के घर और जीवन पर पड़ते हैं। ऐसे में आइये जानते हैं कि घर में लड्डू गोपाल कि प्रतिमा रखना ज्यादा उचित और लाभकारी है या उनकी फोटो रखना।
घर में लड्डू गोपाल की प्रतिमा रखना शुभ है या फोटो
धर्म शास्त्रों के अनुसार, घर में लड्डू गोपाल की प्रतिमा रखना अधिक शुभ और फलदायी माना जाता है, बजाय केवल उनकी फोटो रखने के। प्रतिमा, विशेष रूप से छोटी और प्यारी सी लड्डू गोपाल की मूर्ति, भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप का जीवंत प्रतिनिधित्व करती है। यह माना जाता है कि प्रतिमा में भगवान की उपस्थिति अधिक प्रत्यक्ष और साकार होती है, जिससे भक्त उनसे अधिक गहराई से जुड़ पाते हैं और उनकी सेवा बेहतर तरीके से कर पाते हैं।
शास्त्रों में मूर्ति पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि जब हम प्रेम और भक्ति भाव से किसी देवता की मूर्ति की पूजा करते हैं, तो उस मूर्ति में उस देवता की सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद का वास होता है। लड्डू गोपाल की प्रतिमा को घर में स्थापित करना और उनकी नियमित सेवा करना एक प्रकार का दिव्य संबंध स्थापित करता है। भक्त उन्हें स्नान कराते हैं, वस्त्र पहनाते हैं, भोग लगाते हैं और उनके साथ खेलते हैं, जिससे एक पारिवारिक और प्रेमपूर्ण माहौल बनता है। यह सेवा भावना भक्त और भगवान के बीच एक अटूट बंधन बनाती है।
हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि लड्डू गोपाल की फोटो रखना अशुभ है या उसका कोई महत्व नहीं है। फोटो भी भगवान के स्मरण और ध्यान का एक अच्छा माध्यम हो सकती है। विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो किसी कारणवश प्रतिमा नहीं रख सकते या जिनकी यात्रा आदि में प्रतिमा साथ ले जाना संभव नहीं है, उनके लिए फोटो एक अच्छा विकल्प है। फोटो भी भक्ति और श्रद्धा का भाव उत्पन्न कर सकती है और भगवान से जुड़ाव महसूस करा सकती है।
यह भी पढ़ें:अचानक टूट जाए लड्डू गोपाल की बांसुरी तो क्या है मतलब?
धर्म शास्त्रों के अनुसार घर में लड्डू गोपाल की प्रतिमा रखना अधिक महत्वपूर्ण और फलदायी है। यदि किसी कारणवश प्रतिमा रखना संभव न हो, तो फोटो भी श्रद्धा और भक्ति के साथ रखी जा सकती है। महत्वपूर्ण यह है कि भक्त का हृदय प्रेम और समर्पण से भरा हो, चाहे वह प्रतिमा के माध्यम से अपनी भावनाएं व्यक्त करे या फोटो के माध्यम से।
अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
image credit: herzindagi
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों