Karwa Chauth Vrat Katha:हिंदू धर्म में करवा चौथ व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए विधिवत रूप से पूजा-पाठ करती हैं और माता करवा से सुखी वैवाहिक जीवन के लिए कामना करती हैं। आपको बता दें, इस साल करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर को रखा जाएगा।
ऐसी मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत रखने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है और दांपत्य जीवन में कभी भी कोई परेशानी नहीं आती है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जल व्रत रखती हैं और विधि-विधान से पूजा-आराधना करती हैं। मान्यता है कि करवा चौथ के दिन पूजा के साथ-साथ व्रत कथा भी अवश्य पढ़नी चाहिए।
ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि करवा चौथ से जुड़ी दो कथाएं प्रचलित हैं। एक कथा साहूकार और उसके 7 बेटों से जुड़ी हुई है तो वहीं, दूसरी कटा गणेश जी और बुढ़िया से जुड़ी है। आइए आज हम आपको इस लेख में गणेश जी और बुढ़िया की मनोरम एवं रोचक कथा के बारे में विस्तार से बताएंगे।
करवा चौथ 2024 गणेश जी और बुढ़िया की कथा पढ़ें
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार गणेश जी अपने दोनों हाथों में 2 कटोरी लिए पृथ्वी पर भ्रमण कर रहे थे। एक कटोरी में दूध (कच्चे दूध के उपाय) था तो वहीं, दूसरी कटोरी में कच्चे चावल थे। विशेष बात यह थी कि गणेश जी के हाथ में जो कटोरियां थीं उनका आकार बहुत छोटा था लिहाजा दूध और चावल बहुत ही कम थे।
इसे जरूर पढ़ें - विवाह में आ रही हैं अड़चनें तो मां पार्वती के इन मंत्रों का करें जाप, जल्द ही मिलेगा अच्छा वर
गणेश जी ने पृथ्वी पर घुमते-घुमते कई लोगों से खीर बनाने का आगरह किया लेकिन सबी ने मना कर दिया क्योंकि मात्र एक मुट्ठी चावल और ज़रा से दूध से खीर बनना संभव नहीं था। तभी श्री गणेश एक बुढ़िया यानी कि बूढ़ी अम्मा के दरवाजे पर पहुंचे और उनसे प्रार्थना करने लगे कि वह खीर बना लें।
बूढ़ी अम्मा मान गईं और गणेश जी से दोनों कटोरी मांगने लगीं। तब गणेश जी ने बूढ़ी अम्मा से एक 2 बोर लाने को कहा। जब अम्मा ने कारण पूछा तो उन्होंने बोला कि इन दोनों कटोरी में मौजूद दूध और चावल को बोर में खाली करना है ताकि बोरा भरकर खीर बन सके और गांव में बंट सके।
बूढ़ी अम्मा चौंक गईं और बोलीं कि यह तो संभव ही नहीं कि ज़रा से दूध और चावल से बोरा भर जाए लेकिन गणेश जी के कहने पर वह 2 बोरे ले आईं और उनमें चावल और दूध डाल दिया। इसके बाद बोर चावल और दूध से भर गए जिसे देख बूढ़ी अम्मा चौंक गईं। उन्होंने खीर बनाना शुरू किया।
बूढ़ी अम्मा खीर बनाकर बाहर गांव वालों को बुलाने के लिए जाने लगीं और गणेश जी से बोलीं कि आप स्नान कर लीजिए इसके बाद आपको भोग लगाकर ही गांव में खीर बाटूंगी। गणेश जी स्नान के लिए चले गए और बूढ़ी अम्मा गांव वालों को बुलाने के लिए बाहर चली गईं कि तभी उनकी बहु आई।
बूढ़ी अम्मा की बहु गर्भवती थी। खीर देखकर उसका मन ललचा गया और उसने थोड़ी सी खीर खाली। इसके बाद जब गणेश जी (गणेश जी को क्यों चढ़ाते हैं दूर्वा घास) स्नान करके आए तब तक अम्मा भी आ चुकी थीं और उन्होंने गणेश जी को भोग लगाने के लिए खीर निकालना शुरू किया। तब गणेश जी ने भोग पाने से मना कर दिया।
अम्मा ने कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि माई खीर का भोग तो पहले से ही लग चुका है। गणेश जी ने बताया कि खीर किसी और ने नहीं बल्कि उनकी बहु ने ही खाई है। यह जान अम्मा दुखी हो गईं और बहु को उदास मन से देखने लगीं तब श्री गणेश ने उन्हें समझाया कि खीर नवजात बालक ने खाई है।
गर्भ में पल रहे बालक या गर्भवती मां द्वारा खीर खा लेने से एक प्रकार से भोग गणेश जी को ही लगा है क्योंकि गर्भवती महिला या गर्भ में पल रहा बालक सबसे शुद्ध और पवित्र माने जाते हैं। तब कहीं जाकर बूढ़ी अम्मा संतुष्ट हुईं और गांव के सभी लोगों को खीर खिलाई। साथ ही, गणेश जी ने भी खाई।
यह भी पढ़ें:Karwa Chauth 2024: पहली बार करने जा रही हैं करवा चौथ का व्रत, तो जरूर करें इन नियमों का पालन
जिस दिन यह घटना हुई उस दिन करवा चौथ थी। इसलिए यह कथा करवा चौथ के पावन व्रत से जुड़ गई। यही कारण है कि करवा चौथ के दिन गर्भवती महिला द्वारा भोजन करना वर्जित नहीं माना गया है बल्कि इसे एक प्रकार से भगवान का भोग लगाने के समान माना गया है।
अगर आप भी इस साल करवा चौथ का व्रत रख रही हैं तो गणेश जी और बुढ़िया से जुड़ी यह व्रत कथा अवश्य पढ़ें। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
image credit: herzindagi
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों