Karwa Chauth 2024 Paran Vidhi: करवा चौथ के अगले दिन इस विधि से करें पारण, व्रत का मिलेगा दोगुना फल

करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद पावन माना जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की सुख-शांति और समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। अब ऐसे में इस दिन व्रत का पारण किस विधि से करें। इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
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हिंदू धर्म में करवा चौथ का व्रत बेहद सौभाग्यशाली माना जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि जो दांपत्ति इस दिन व्रत रखता है और पूजा-पाठ पूरी श्रद्धा के साथ करता है। उनका दांपत्य जीवन सुखमय रहता है। साथ ही उत्तम फलों की भी प्राप्ति होती है।

पंचांग के अनुसार, करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। करवा चौथ को पतिव्रता धर्म का प्रतीक माना जाता है। यह माना जाता है कि इस व्रत को रखने से पति की उम्र लंबी होती है और उन्हें सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। करवा चौथ का व्रत सुख-समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। अब ऐसे में करवा चौथ का पारण किस विधि से करें। इसके बारे मे ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

करवा चौथ पारण का शुभ मुहूर्त क्या है?

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पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 20 अक्टूबर रविवार के दिन सुबह 06 बजकर 46 मिनट पर आरंभ होगी और इस तिथि का समापन 21 अक्टूबर को सुबह 04 बजकर 16 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के आधार पर करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर को रखा जाएगा और चंद्रोदय का समय शाम 07 बजकर 54 मिनट पर होगा। इसके बाद आप व्रत का पारण विधिवत रूप से कर सकते हैं।

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करवा चौथ के अगले दिन पारण कैसे करें?

करवा चौथ का पारण चंद्रोदय के बाद किया जाता है। यह व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना से किया जाता है।
सबसे पहले चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है। एक थाली में चंदन, रोली, अक्षत, दीपक, मिठाई आदि रखकर चंद्रमा को दिखाया जाता है।
चंद्र दर्शन के बाद पति के हाथों से जल ग्रहण करके व्रत का पारण किया जाता है।
इसके बाद चंद्रमा की आरती की जाती है।
पारण के बाद सात्विक भोजन किया जाता है।
करवा चौथ के दिन पारण करने से पहले भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करें और उसके बाद मिठाई से पारण करें। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से दांपत्य जीवन खुशहाल बनी रहती है और सुख-समृद्धि और सौभाग्य में भी वृद्धि होती है।

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करवा चौथ व्रत का महत्व क्या है?

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करवा चौथ का व्रत मुख्य रूप से पति की लंबी उम्र और निरोगी जीवन के लिए रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को रखने से पति की आयु बढ़ती है और उन्हें हर तरह के संकट से बचाया जाता है। करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। माना जाता है कि इस व्रत को रखने से महिलाओं को सौभाग्य की प्राप्ति होती है और उनका वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है।

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Image Credit- HerZindagi

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