जन्माष्टमी, जिसे कृष्णाष्टमी भी कहा जाता है, भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह उत्सव भाद्रपद माह की अष्टमी तिथि को, आमतौर पर अगस्त या सितंबर में पड़ता है। इस दिन विशेष रूप से भारत के विभिन्न हिस्सों में, विशेषकर उत्तर भारत में, बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
जन्माष्टमी के दिन लोग उपवासी रहते हैं, रात को भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना करते हैं और उनकी जन्म कथा सुनते हैं। इस दिन विशेष रूप से "दही हांडी" का आयोजन भी होता है। आपको बता दें, जन्माष्टमी की पूजा रात के समय होती है, क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रात्रि को हुआ था। पूजा का समय आमतौर पर मध्यरात्रि के आसपास होता है, जब अष्टमी तिथि और चंद्रमा की स्थिति सबसे उचित होती है।
जन्माष्टमी के दिन नक्षत्र भी महत्वपूर्ण होता है, विशेष रूप से रोहिणी नक्षत्र, जो भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का प्रमुख नक्षत्र माना जाता है। अब ऐसे में जन्माष्टमी के पूजा किस मुहूर्त में करें और पारण कैसे करें। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
लड्डू गोपाल की पूजा किस मुहूर्त में करें?
- जन्माष्टमी का पर्व भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मनाने की परंपरा है। वहीं इस साल जन्माष्टमी 26 अगस्त को है।
- सुबह लड्डू गोपाल की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त - सुबह 5 बजकर 56 मिनट से सुबह 7 बजकर 37 मिनट तक पूजा का उत्तम समय रहेगा। इस दौरान अमृत चौघड़िया मुहूर्त रहने वाला है।
- कृष्ण पूजा के लिए शुभ मुहूर्त - दोपहर 03 बजकर 36 मिनट से शाम 6 बजकर 49 मिनट तक पूजा के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा।
- श्रीकृष्ण की पूजा के लिए रात्रि का मुहर्त उत्तम माना जाता है। आप निशिता काल में यानी कि रात 12 बजकर 01 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 45 मिनट तक लड्डू गोपाल की पूजा विधिवत रूप से कर सकते हैं। यह श्रीकृष्ण की पूजा के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त है।
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जन्माष्टमी व्रत के पारण के लिए शुभ मुहूर्त कब है?
पंचांग के हिसाब से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत का पारण समय 26 अगस्त को देर रात 12 बजकर 45 मिनट के बाद कर कर सकते हैं।
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जन्माष्टमी व्रत का पारण कैसे करें?
जन्माष्टमी के दिन कान्हा को भोग में पंजीरी और माखन चढ़ाई जाती है। उसके बाद उसी से व्रत का पारण किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि कान्हा के भोग के प्रसाद से ही पारण करने से पूजा पूर्ण मानी जाती है और उत्तम परिणाम भी मिलते हैं।
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Image Credit- HerZindagi
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