when is krishna janmashtami  date

Janmashtami 2024 Kab Hai: आज मनाया जाएगा कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व, यहां जानें पूजा के शुभ मुहूर्त समेत अन्य जानकारी

पूरे देश में जन्माष्टमी की धूम है और लोग कान्हा के जन्म की तैयारी में लगे हुए हैं। आज यानी कि 26 अगस्त की आधी रात को कान्हा का जन्म होगा और पूरे देश में उत्सव मनाया जाएगा। 
Editorial
Updated:- 2024-08-26, 08:47 IST

भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन जहां एक ओर सभी मंदिरों में श्री कृष्ण के बाल रूप के दर्शन के लिए भारी भीड़ उमड़ती है वहीं, लोग अपने-अपने घरों में लड्डू गोपाल की सेवा और पूजा करते हैं। 

इस दिन लड्डू गोपाल का भव्य श्रृंगार होता है और उन्हें 56 भोग अर्पित किया जाता है। आधी रात यानी कि ठीक 12 बजे कृष्ण जन्म के साथ ही सभी भक्त लल्ला के जन्मोत्सव की खुशियों में डूब जाते हैं। ऐसे में वृंदावन से ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जानते हैं कि इस साल कब मनाया जाएगा जन्माष्टमी का पर्व, पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है और इस त्योहार का महत्व क्या है।  

कब है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami Kab Hai 2024)?

janmashtami 2024 kab hai

जन्माष्टमी का पर्व हर साल भादो महीने की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। कई बार एक ही तिथि 2 दिन होती है, ऐसे में बहुत से लोगों के मन में ये सवाल आते हैं कि व्रत और पूजन करना किस दिन शुभ होगा। अगर आप भी इस साल की जन्माष्टमी की सही तारीख और शुभ मुहूर्त के बारे में जानना चाहते हैं तो यहां पढ़ें। 

  • इस साल कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त, सोमवार को मनाई जाएगी। 
  • भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का शुभारंभ 25 अगस्त, रविवार, रात्रि 3 बजकर 39 मिनट से हो रहा है। 
  • अष्टमी तिथि का समापन 26 अगस्त, सोमवार को रात्रि 2 बजकर 19 मिनट पर होगा।
  • रोहिणी नक्षत्र 26 अगस्त को ही मिल रहा है, इसलिए जन्माष्टमी पर्व इस दिन ही मनाना शुभ होगा। 

यह भी पढ़ें: लड्डू गोपाल को किन-किन चीजों से स्नान कराना चाहिए?

कृष्ण जन्माष्टमी 2024 पूजा का शुभ मुहूर्त (Janmashtami Shubh Muhurat 2024)

इस साल जन्माष्टमी के दिन एक विशेष योग बन रहा है जिसका नाम है जयंती योग। जयंती योग का अर्थ है द्वापर युग में श्री कृष्ण के जन्म के समय जिस योग का निर्माण हुआ था उसी योग का निर्माण एक बार फिर से जन्माष्टमी पर हो रहा है। इसी वजह से इस साल का पर्व हर बार से खास है। 

शास्त्रों के अनुसार, श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के होने के समय हुआ था। इस साल 26 अगस्त को रोहिणी नक्षत्र वृषभ राशि में दोपहर 3 बजकर 55 मिनट से रात के 3 बजकर 38 मिनट तक है, इसी वजह से इस पर्व का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। 

इस बार जन्माष्टमी पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण भी हो रहा है। 26 अगस्त को सर्वार्थ सिद्धि योग का आरंभ दोपहर 3 बजकर 55 मिनट से रोहिणी नक्षत्र के साथ होगा और इसका समापन 27 अगस्त को सुबह 5 बजकर 57 मिनट पर होगा।

अगर हम पूजा के शुभ मुहूर्त की बात करें तो जन्माष्टमी की पूजा के लिए कुल 45 मिनट का समय है। यानी कि 26 अगस्त को रात 12 बजकर 1 मिनट से लेकर 12 बजकर 45 मिनट तक लड्डू गोपाल की पूजा करना और उन्हें भोग अर्पित करना बहुत ही शुभ होगा। 

यह भी पढ़ें: Laddu Gopal: लड्डू गोपाल हैं आपसे प्रसन्न तो मिलते हैं ये संकेत

कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व

janmashtami  ki tithi

जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। ऐसे में इस दिन व्रत रख लड्डू गोपाल की पूजा-सेवा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। घर पर लड्डू गोपाल की कृपा बनी रहती है। जीवन के कष्टों से छुटकारा मिलता है और संतान पक्ष से जुड़ी परेशानियां दूर हो जाती हैं।

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर इस साल कब पड़ रही है जन्माष्टमी और क्या है इस दिन का शुभ मुहूर्त एवं महत्व। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।   

image credit: herzindagi  

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।

;