क्या बाल खोलकर नदी में स्नान करना ठीक है? जानें क्या कहता है शास्त्र

शास्त्रों में इस बात का जिक्र है कि नदी में स्नान करते समय कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि आप जब भी नदी में स्नान करें बालों को बांधकर ही करें। आइए जानें ऐसा क्यों कहा जाता है।
image

हमारे धर्म शास्त्रों में कई ऐसी बातों का जिक्र मिलता है जिसका पालन सदियों से चला आ रहा है। कई बार घर के बड़े लोग इन बातों का पालन करने की सलाह भी देते हैं जिससे हमें खुशहाल जीवन मिल सके। ऐसे ही शास्त्रों में नदी में स्नान करने के लिए भी कुछ नियम बनाए गए हैं जिनका पालन करना जरूरी माना जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार नदी में स्नान करने को पवित्र और मोक्षदायी माना जाता है। गंगा, यमुना, नर्मदा जैसी कई पवित्र नदियों में स्नान करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक शुद्धि और पुण्य की प्राप्ति होती है। यही नहीं ऐसा भी कहा जाता है कि जो व्यक्ति इन नदियों में स्नान करता है उसे शारीरिक और मानसिक पवित्रता दोनों मिलती है। ऐसे ही शास्त्रों की मानें तो स्नान के एक नियमों में से महिलाओं का नदी में बाल बांधकर स्नान करना प्रमुख है। मान्यता है कि नदी में स्नान करते समय महिलाओं के बाल खुले नहीं होने चाहिए। इस तथ्य के बारे में पूरी जानकारी लेने के लिए हमने नारद संचार के ज्योतिष अनिल जैन जी से बात की। आइए जानें शास्त्रों में लिखी इस बात का मतलब और इससे जुड़ी मान्यताओं के बारे में विस्तार से।

शास्त्रों के अनुसार नदी में स्नान करने का महत्व

significance of snan

हिंदू धर्म में स्नान को शुद्धि और आध्यात्मिकता का प्रतीक माना जाता है। विशेष रूप से नदी में स्नान करने का बहुत बड़ा धार्मिक महत्व होता है। पवित्र नदियों में स्नान करने से न केवल शरीर को शुद्धि मिलती है, बल्कि मानसिक और आत्मिक शुद्धि भी प्राप्त होती है। ऐसा कहा जाता है कि नदी में स्नान करने से आपके तन और मन दोनों की शुद्धि होती है। हिंदू धर्म में जल को जीवनदायिनी माना गया है। गंगा, यमुना, सरस्वती, गोदावरी, नर्मदा, कावेरी आदि नदियों को पवित्र माना गया है और इनमें स्नान करना पुण्यदायी माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, जो भी व्यक्ति नदियों में स्नान करता है, उसके पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष प्राप्ति का मार्ग मिलता है। विशेष रूप से यदि आप कुछ खास तिथियों जैसे अमावस्या, पूर्णिमा आदि में नदी स्नान करते हैं तो इसका विशेष महत्व होता है।

क्या बाल खोलकर नदी में स्नान करना ठीक है?

शास्त्रों के अनुसार, यदि महिलाएं नदी में स्नान करते समय कुछ विशेष नियमों का पालन करें तो यह अधिक शुभ होता है। इनमें से एक नियम यह भी है कि बाल खोलकर स्नान नहीं करना चाहिए। इसके पीछे कई धार्मिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक कारण बताए गए हैं। आइए जानें उनके बारे में-

बाल खोलकर नदी में स्नान न करने के धार्मिक कारण

bathe with open hair good or bad

हिंदू धर्म में बालों को शक्ति और ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि खुले बालों की ओर नकारात्मक ऊर्जा अधिक आकर्षित होती है, जिससे मन अशांत हो सकता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, नदियों को देवी के रूप में पूजा जाता है। खुले बालों से स्नान करना पवित्र नदी का अनादर माना जाता है। इसके साथ ही खुले बालों से स्नान करने पर नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव में आने की संभावना बढ़ जाती है। शास्त्रों में कहा जाता है कि खुले बाल कई नकारात्मक शक्तियों को भी आकर्षित करते हैं, इसलिए इनसे बचने के लिए नदी में स्नान करते समय हमेशा बालों को बांधकर रखना चाहिए।

इसे जरूर पढ़ें: महिलाओं को बाल खोलकर मंदिर में प्रवेश क्यों नहीं करना चाहिए? जानें क्या कहता है शास्त्र

बाल खोलकर नदी में स्नान न करने के वैज्ञानिक कारण

अगर हम धर्म की बात न भी करें तब भी कुछ वैज्ञानिक कारणों की वजह से खुले बालों से नदी में स्नान करने पर बाल गीले रह जाते हैं और हवा के संपर्क में आने से सर्दी-खांसी, जुकाम जैसी समस्याएं हो सकती हैं। नदी का पानी हमेशा स्वच्छ नहीं होता और उसमें कई प्रकार के खनिज तत्व और बैक्टीरिया मौजूद होते हैं, जो बालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। जब आप बाल खोलकर स्नान करते हैं तो इससे आपके बालों को नुकसान पहुंच सकता है और ये बैक्टीरिया बालों को खराब भी कर सकते हैं। यही नहीं कई बार खुले बाल नदी के पानी में उलझ सकते हैं और उन्हें नुकसान भी पहुंच सकता है।

शास्त्रों के अनुसार नदी में स्नान करने के नियम

snan rules in river

यदि आप नदी में स्नान कर रही हैं तो आपको हमेशा बालों को बांधकर ही स्नान करना चाहिए। आप यदि बालों को कपड़े से ढककर स्नान करें तो यह भी आपके लिए अच्छा हो सकता है।
नदी में स्नान के समय आपको वस्त्र हमेशा साफ़-सुथरे ही पहनने चाहिए। कोशिश करें कि स्नान के समय हल्के रंगों के वस्त्र ही पहनें।
नदी में स्नान के समय यदि आप कुछ मंत्रों का जाप करते हैं तो इससे आपके जीवन में सकारात्मक प्रभाव होता है।
स्नान के समय आपको इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि आप नदी के जल को अशुद्ध करने से बचें और उसमें कोई भी ऐसी चीज न डालें जिससे पानी दूषित हो सके।

नदी में स्नान करने के आध्यात्मिक लाभ

नदी में स्नान करने से व्यक्ति के आस-पास की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और वह स्वयं को शुद्ध महसूस करता है। जल को शांतिदायक तत्व माना गया है, इसलिए जब हम नदी में स्नान करते हैं तब मन को शांति और स्थिरता मिलती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पवित्र नदियों में स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो सकते हैं। यही नहीं नदी स्नान करने से शरीर में एक नई ऊर्जा उत्पन्न होती है जो शरीर को भी ऊर्जावान बनाए रखती है।

यदि आप नदी में स्नान करती हैं तो आपको इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि आप बालों को बांधकर ही स्नान करें, जिससे शरीर और मन में कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Images: freepik.com

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP