Maha Kumbh 2025: क्या महाकुंभ पर पड़ेगी राहु-केतु की महादशा?

महाकुंभ के दौरान राहु-केतु के प्रभाव किस राशि के जातकों के लिए शुभ परिणाम लेकर आया है। इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। 
impact of rahu and ketu during maha kumbh 2025

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, महाकुंभ बृहस्पति और सूर्य ग्रहों की खास स्थितियों पर निर्भर करता है। जब बृहस्पति वृषभ राशि में और सूर्य मकर राशि में होते हैं, तब महाकुंभ का आयोजन किया जाता है। वहीं तिथि के हिसाब से महाकुंभ साल 2025 में प्रयागराज में आयोजित किया जाएगा। आपको बता दें, बृहस्पति ग्रह को देवगुरु कहा जाता है और यह लगभग 12 वर्षों में राशि चक्र का एक चक्कर पूरा करता है। इसलिए, महाकुंभ हर 12 वर्षों में एक बार आयोजित किया जाता है। महाकुंभ में पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि इस दौरान नदियों का जल अमृत के समान पवित्र हो जाता है। अब ऐसे में सवाल है कि क्या महाकुंभ पर राहु और केतु की महादशी पड़ेगा या नहीं?
इसके बारे में हमने ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से बात की। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।

कब से लगने जा रहा है महाकुंभ?

mahakumbh

हिंदू कैलेंडर के हिसाब से महाकुंभ मेला साल 2025 13 जनवरी से लगने जा रहा है और इसका समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन होगा। इस साल महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में होने जा रहा है।

राहु और केतु की महादशा कब पड़ेगी?

महाकुंभ जनवरी में लगने जा रहा है, लेकिन राहु-केतु की प्रभाव मई से आरंभ होगा। इस दौरान मायावी ग्रह राहु और केतु लगभग ढाई साल में राशि परिवर्तन करते हैं। अभी फिल्हाल राहु मीन राशि और केतु कन्या राशि में विराजमान हैं। वहीं राहु-केतु का गोचर 18 मई 2025 में होने जा रहा है। राहु 18 मई को शाम 04 बजकर 30 मिनट के बाद कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे और केतु सिंह राशि में गोचर करेंगे। इसलिए कुछ समय तक राहु और केतु का प्रभाव महाकुंभ के दौरान देखने को मिल सकता है।

rahu ketu

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कुंभ और सिंह राशि के जातकों को लिए राहु और केतु का गोचर शुभ प्रभाव लेकर आया है, लेकिन इसके अलावा कुछ राशियों पर इसका अशुभ असर पड़ सकता है। इसलिए इस दौरान नीले रंग के वस्त्र पहनें और काले कुत्ते को हमेशा रोटी खिलाएं। इस दौरान कालभैरव बाबा की पूजा विधिवत रूप से करें।

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Image Credit- HerZindagi

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