किसी अन्य पर्व की ही तरह हिंदू धर्म में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का विशेष महत्व है। इस पर्व को भगवान कृष्ण के जन्म के उत्सव के रूप में मनाया जाता है और इसका उल्लास पूरे देश में रहता है। कृष्ण जन्मोत्सव के रूप में जन्माष्टमी का पर्व हिंदू परंपरा में बहुत महत्व रखता है।
इस दिन भक्तजन भगवान कृष्ण का पूजन करने के लिए विभिन्न अनुष्ठान करते हैं और घर की शांति, खुशी और समृद्धि के लिए उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इन अनुष्ठानों में, भगवान कृष्ण के बाल रूप, लड्डू गोपाल का अभिषेक करना भी अत्यधिक शुभ माना जाता है। यह अनुष्ठान आपके जीवन में न केवल आध्यात्मिक संतुष्टि लाता है बल्कि यह भी माना जाता है कि यह घर में समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
जन्माष्टमी के दिन विशेष रूप से लड्डू गोपाल का पूजन किया जाता है। इस साल श्री कृष्ण का जन्मोत्सव यानी कि जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त, सोमवार के दिन मनाया जाएगा। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें कि इस दिन लड्डू गोपाल का अभिषेक किस तरह करने से खुशहाली बनी रहती है।
लड्डू गोपाल के अभिषेक के लिए आवश्यक सामग्री
जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल का अभिषेक आरंभ करने से पहले आपको कुछ सामग्रियों को इकठ्ठा करने की जरूरत है। आइए जानें इसमें इस्तेमाल होने वाली आवश्यक सामग्रियों के बारे में -
- लड्डू गोपाल की मूर्ति- यदि आपके घर में लड्डू गोपाल की मूर्ति नहीं है तो जन्माष्टमी का दिन लड्डू गोपाल को घर लाने का सबसे शुभ दिन होता है। आप इस दिन लड्डू गोपाल की एक स्वच्छ और पवित्र मूर्ति घर लाएं, यदि पहले से मूर्ति है तो उसे साफ करें।
- गाय का दूध- कृष्ण जी को गाय से अत्यंत लगाव है, इसलिए उनके अभिषेक के लिए ताजा और शुद्ध गाय का दूध रखना बहुत जरूरी है।
- घी- जन्माष्टमी पूजा के लिए घी और मक्खन का इस्तेमाल जरूरी माना जाता है। आमतौर पर इस दिन गाय के दूध से बने घी का इस्तेमाल किया जाता है।
- शहद- प्राकृतिक और शुद्ध शहद का इस्तेमाल लड्डू गोपाल के अभिषेक के लिए किया जाता है।
- दही- गाय के दूध का ताजा दही जीवन के लिए समृद्धि और उर्वरता का प्रतीक माना जाता है। इसका इस्तेमाल भी लड्डू गोपाल को स्नान कराने के लिए किया जाता है।
- गंगाजल- गंगा नदी का पवित्र जल, जिसका उपयोग किसी भी वस्तु के शुद्धिकरण के लिए किया जाता है।
- फूल- लड्डू गोपाल के अभिषेक के लिए और आस-पास की सजावट और प्रसाद के लिए ताजे फूल जैसे गुलाब, बेला,चमेली आदि का इस्तेमाल किया जाता है।
- तुलसी के पत्ते- पवित्र तुलसी के पत्ते, जिन्हें कृष्ण पूजा में पवित्र और आवश्यक माना जाता है। यही नहीं इन पत्तों के बिना लड्डू गोपाल का पूजन अधूरा होता है।
- पंचामृत- दूध, दही, घी, शहद और चीनी का मिश्रण, जिसका उपयोग स्नान अनुष्ठान में किया जाता है।
- नए वस्त्र और आभूषण- अभिषेक के बाद लड्डू गोपाल को सजाने के लिए नए वस्त्रों का इस्तेमाल किया जाता है।
जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल को स्नान कैसे कराएं
- सबसे पहले आप उस स्थान को अच्छी तरह से साफ़ करें जहां लड्डू गोपाल का पूजन करना है। स्थान को शुद्ध करने के लिए चारों ओर गंगाजल छिड़कें।
- शांत मन से बैठें और भगवान कृष्ण का ध्यान करें, उनके दिव्य रूप की कल्पना करें और उन्हें अपने घर में उपस्थिति के लिए आमंत्रित करें।
- इसके पश्चात् लड्डू गोपाल की मूर्ति को स्नान कराना आवश्यक होता हे। इसके लिए आप लड्डू गोपाल की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराकर उनका जल से अभिषेक करें। अधिक शुद्ध करने के लिए शुद्ध गंगाजल से धोएं।
जन्माष्टमी के दिन कैसे करें लड्डू गोपाल का अभिषेक
- सबसे पहले गाय के दूध से अभिषेक शुरू करें। इसके लिए भगवान कृष्ण के मंत्रों का उच्चारण करते हुए लड्डू गोपाल की मूर्ति पर धीरे से दूध डालें।
- इसके बाद, मूर्ति को दही से स्नान कराएं। दही जीवन में समृद्धि और उर्वरता का प्रतिनिधित्व करता है और इससे स्नान कराने से घर में खुशहाली बनी रहती है।
- इसके बाद लड्डू गोपाल का अभिषेक शहद से करें। शहद जीवन में मधुरता और इच्छाओं की पूर्ति का प्रतीक माना जाता है।
- शहद के बाद लड्डू गोपाल का घी से अभिषेक करें। घी को पवित्रता, धन और दिव्य शक्तियों से जोड़ा जाता है।
- सभी पदार्थों से स्नान कराने के बाद लड्डू गोपाल की मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराकर अभिषेक का समापन करें। इससे किसी भी प्रकार की अशुद्धि को दूर करने में मदद मिलती है।
लड्डू गोपाल का अभिषेक करने के बाद क्या करें
लड्डू गोपाल का अभिषेक करने के तुरंत बाद लड्डू गोपाल का शृंगार करना एक परंपरा है। अभिषेक के बाद लड्डू गोपाल की मूर्ति को मुलायम और साफ कपड़े से धीरे-धीरे सुखाएं। मूर्ति को नए, साफ कपड़े पहनाएं, मुख्य रूप से यदि आप पीले या लाल जैसे चमकीले रंगों के वस्त्र जन्माष्टमी के दिन पहनाते हैं तो बहुत शुभ माना जाता है। लड्डू गोपाल की मूर्ति को गहनों से सजाएं, जिसमें मुकुट, चूड़ियां और ताजे फूलों की माला को शामिल करें। श्रृंगार के बाद लड्डू गोपाल को तुलसी दल जरूर चढ़ाएं।
श्रृंगार के बाद लड्डू गोपाल को भोग लगाएं
लड्डू गोपाल का श्रृंगार करने के बाद उनके लिए एक विशेष प्रसाद या भोग तैयार करें। मुख्य रूप से लड्डू गोपाल को माखन-मिश्री का भोग लगाना जरूरी होता है। इसके अलावा आप भोग में ताजे फल और मिठाइयां भी रखें। किसी भी भोग में तुलसी दल रखना जरूरी माना जाता है, अन्यथा लड्डू गोपाल को भोग स्वीकार नहीं होता है।
यदि आप जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल का इन तरीकों से अभिषेक करते हैं तो आपके जीवन में सदैव समृद्धि बनी रहेगी। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
Images:Freepik.com
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों