हरतालिका तीज के दिन अगर आप विधी विधान पूजा नहीं करेंगी, तो आपका व्रत रखना व्यर्थ जा सकता है। इस दिन का व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को खुश करने के लिए किया जाता है। यह व्रत विवाहित महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस व्रत से वह अपने पती की लंबी आयु और सुख समृद्धि की कामना करती हैं। ऐसे में अगर आप व्रत वाले दिन गलतियां करती हैं, तो व्रत का कोई मोल नहीं रह जाता। इस दिन महिलाएं हरतालिका तीज के मंत्रों का भी उच्चारण करती हैं। यह मंत्र भगावन शिव को प्रसन्न करने के लिए होते हैं। इसलिए अगर आप व्रत वाले दिन इस पढ़ रही हैं, तो इसका उच्चारण सही से करें। आज के इस आर्टिकल में आइएहम ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से जानेंगे कि हरतालिका तीज के दिन शिव-गौरी के किन मंत्रों का जाप किया जाता है।
हरतालिका तीज पर करें भगवान शिव के इन मंत्रों के जाप (Hartalika Teej Puja Mantra)
- ऊँ शं शंकराय भवोद्भवाय शं ऊँ नमः
- नमामिशमीशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद स्वरूपं
- ऊँ शं विश्वरूपाय अनादि अनामय शं ऊँ
- ऊँ क्लीं क्लीं क्लीं वृषभारूढ़ाय वामांगे गौरी कृताय क्लीं क्लीं क्लीं ऊँ नमः शिवाय
- ऊँ शं शं शिवाय शं शं कुरु कुरु ऊँ
भगवान शिव और माता पार्वती को प्रसन्न करने के खास मंत्र
- ऊँ साम्ब शिवाय नमः
- ऊँ पार्वत्यै नमः
हरतालिका तीज के दिन व्रत कैसे रखें?
हरतालिका तीज के दिन लोग भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत तो रखते हैं, लेकिन हरतालिका तीज के नियम नहीं जानते। सबसे पहले आपको यह ध्यान रखने की जरूरत है कि व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन की याद में रखा जाता है। लोग इस दिन व्रत रखकर अपने पति की लंबी उम्र कामना करते हैं। अगर आप इस दिन व्रत रखने जा रही हैं, तो आपको कुछ टिप्स फॉलो करने चाहिए।
- इसके लिए आप एक दिन पहले ही पूजा स्थल की अच्छी से सफाई कर लें।
- अगले दिन जब आप व्रत रखेंगी, तो आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी।
- हरतालिका तीज से एस दिन पहले ही आप पूजन की चीजें जैसे दीपक, फूल, फल, पान, सुपारी, वस्त्र आदि तैयार कर के रख लें।
- हरतालिका तीज पूजन नियम भी आपको पता होने चाहिए। पूजा की शुरुआत से पहले आपको कलश स्थापना करनी चाहिए।
- इस दिन निर्जला व्रत रखा जाता है, यह बिना पानी-पिए रखने की परंपरा है। अगर स्वास्थ्य कारणों से आप इसे नहीं रख पा रही हैं, तो फलाहार लिया जा सकता है।
- इस दिन आपको मिट्टी/बालू से शिव-पार्वती और गणेश जी की प्रतिमा भी बनानी होती है।
- इसके बनाने के बाद आरती की थाली तैयार करें, इसके बाद आप हरतालिका तीज के आरती पढ़कर पूजा शुरू करें।
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