हिन्दू धर्म में तीज पर्व का बहुत महत्व माना जाता है। पंचांग के अनुसार, साल में तीन बार तीज आती है। इन्हीं में से एक है सावन में आने वाली हरियाली तीज जो इस बार 7 अगस्त, दिन बुधवार को पड़ रही है। हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रख भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। हरियाली तीज का व्रत रखने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही, इस तीज व्रत से जुड़े कई नियम भी हैं जिनका पालन करना आवश्यक माना गया है। इसी कड़ी में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि हरियाली तीज के दैरान पूजा में खीरा रखना जरूरी होता है। ऐसे में आइये जानते हैं कि आखिर क्यों हरियाली तीज की पूजा में खीरे की स्थापना होती है।
हरियाली तीज 2024 पर पूजा में क्यों रखा जाता है खीरा?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जितने भी तरल पदार्थ होते हैं उनका संबंध चंद्रमा से होता है। ठीक ऐसे ही खीरे का भी संबंध चंद्रमा से है। ऐसे में खीरा चंद्रमा का प्रतीक भी माना जाता है।
वहीं, दूसरी ओर चंद्रमा को भगवान शिव अपने मस्तक पर धारण करते हैं। सरल शब्दों में आपको समझाएं तो खीरे का चंद्रमा से नाता है और चंद्रमा का भगवान शिव शंकर महादेव से।
हरियाली तीज में जब भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा होती है तब उस दौरान खीरा इसलिए रखा जाता है ताकि शिवशक्ति के साथ-साथ चंद्रमा का पूजन भी किया जा सके।
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हरियाली तीज के दिन चंद्रमा का प्रतीक मानकर खीरे को पूजा में रखा जाता है ताकि चंद्रमा की शुभता बनी रहे और मन के विकार दूर हो सकें और व्रत बिना किसी दोष के पूरा हो सके।
आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर हरियाली तीज के दिन पूजा के दौरान क्यों रखा जाता है खीरा और क्या है उससे मिलने वाले लाभ एवं उसका महत्व। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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