हनुमान जयंती के पावन अवसर पर बजरंगबली की आरती का विशेष महत्व होता है। इस दिन श्रद्धालु पूरे भक्ति भाव से हनुमान जी की पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसा कहा जता है कि हनुमान जी की आरती करने से भक्तों को शक्ति, साहस और सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कहा जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से हनुमान लला की आरती करता है, उसकी सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं और जीवन में सुख-शांति व समृद्धि आती है।
हनुमान जी को संकटमोचक कहा जाता है और उनकी आरती करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, शनि दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में सफलता के नए द्वार खुलते हैं। इसी के साथ आइए इस लेख में हम आपको हनुमान जी की आरती, उसकी विधि और इससे प्राप्त होने वाले शुभ फलों के बारे में विस्तार से बताते हैं।
हनुमान जी की आरती (Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi)
॥ आरती ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
जाके बल से गिरवर काँपे ।
रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई ।
संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
दे वीरा रघुनाथ पठाए ।
लंका जारि सिया सुधि लाये ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।
जात पवनसुत बार न लाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
लंका जारि असुर संहारे ।
सियाराम जी के काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।
लाये संजिवन प्राण उबारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
पैठि पताल तोरि जमकारे ।
अहिरावण की भुजा उखारे ॥
बाईं भुजा असुर दल मारे ।
दाहिने भुजा संतजन तारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।
जय जय जय हनुमान उचारें ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई ।
आरती करत अंजना माई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
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जो हनुमानजी की आरती गावे ।
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥
लंक विध्वंस किये रघुराई ।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
॥ इति संपूर्णंम् ॥
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हनुमान जी की आरती से लाभ (Significance Of Hanuman Ji ki Aarti)
हनुमान जयंती के पावन अवसर पर यदि श्रद्धा और भक्ति भाव से हनुमान जी की आरती की जाए, तो यह जीवन में संकटों को हरने वाली, सुख-शांति देने वाली और आत्मबल बढ़ाने वाली सिद्ध होती है। इस दिन हनुमान जी का स्मरण करके आरती के माध्यम से उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं। हनुमान जी की आरती करने से सभी प्रकार के संकट, भय और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है तथा जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। ऐसा माना जाता है कि सच्चे मन से की गई आरती बजरंगबली को प्रसन्न करती है और भक्तों को उनकी कृपा प्राप्त होती है। आरती के पुण्य प्रभाव से राहु-केतु दोष, शनि साढ़े साती और अन्य ग्रह दोषों से राहत मिलती है।
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