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कौन थे दशरथ के नाती जिन्होंने लड़ा था महाभारत का युद्ध?

ग्रंथों के अनुसार, महाराज दशरथ के चार पुत्र थे: राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न। वहीं, उनकी एक पुत्री भी थिजिंका नाम शांता था। हालांकि शांता का उल्लेख वाल्मीकि रामायण में नहीं मिलता है। महाभारत का युद्ध शांता के पुत्र जो कि महाराज दशरथ के नाती लगे उन्होंने लड़ा था।
Editorial
Updated:- 2024-06-12, 16:07 IST

महाभारत में ऐसे कई पात्रों का वर्णन मिलता है जो उस युद्ध का हिस्सा तो रहे हैं, लेकिन उन्हें लेकर हमेशा से एक रहस्य ग्रंथों में विद्यमान रहा है। इन पात्रों को गुप्त पात्र का नाम दिया गया जिन्होंने महाभारत युद्ध में अपनी भागीदारी निभाई थी। ठीक ऐसे ही इन्हीं पात्रों में से एक हैं श्री राम के पिता महाराज दशरथ के नाती जिन्होंने महाभारत युद्ध में हिस्सा लिया था। बता दें कि अपने चारों पुत्रों से जहां एक ओर महाराज दशरथ को 8 पोतों की प्राप्ति हुई थी। वहीं, उनके एक नाती भी थे। ऐसे में अब सवाल उठता है कि ये नाती कौन थे जिन्होंने महाभारत के युद्ध में हिस्सा लिया था। तो चलिए ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जानते हैं इस बारे में विस्तार से।  

कौन थे दशरथ के नाती जिन्होंने लड़ा था महाभारत युद्ध?

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ग्रंथों के अनुसार, महाराज दशरथ के चार पुत्र थे: राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न। वहीं, उनकी एक पुत्री भी थिजिंका नाम शांता था। हालांकि शांता का उल्लेख वाल्मीकि रामायण में नहीं मिलता है। महाभारत का युद्ध शांता के पुत्र जो कि महाराज दशरथ के नाती लगे उन्होंने लड़ा था। 

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असल में ऋषि श्रृंग के पुत्र अलम्बुष का विवाह महाराज दशरथ की पुत्री शांता से हुआ था। इसके अलावा, ऐसा भी कहा जाता है कि अलम्बुष पांडवों के रिश्ते में भी लगते थे लेकिन उनसे नाराज थे क्योंकि पांडवों ने महाभारत युद्ध के दौरान जीतने के लिए कई प्रकार के छल अपनाए थे।

महाभारत युद्ध में जब अर्जुन के पुत्र इरावन ने शकुनी के सभी पुत्रों को मार डाला था, तब दुर्योधन ने पांडवों के ही रिश्तेदार यानी कि राजा दशरथ के नाती अलम्बुष से सहायता मांगी थी। अलम्बुष का क्रोध पांडवों के लिए इतना था कि उन्होंने युद्ध में सहायक बनने के लिए हामी भर दी। 

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इसके बाद अलम्बुष और इरावन का युद्ध शुरू हुआ। दोनों ही मायावी विद्याओं के स्वामी थे लेकिन युद्ध में अलम्बुष इरावन पर भारी पड़ गए और उन्होंने इरावन को मृत्यु के घाट उतार दिया। तब श्री कृष्ण ने अलम्बुष को उसकी भूल का दंड देने हेतु भीम पुत्र घटोत्कच को युद्ध में उतारा। 

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घटोत्कच और अलम्बुष के भीषण युद्ध को देख कौरव एवं पांडव सेना थर-थर कांपने लगी और श्री कृष्ण की कृपा से घटोत्कच ने अलम्बुष का वध कर दिया।

 

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर कौन थे महाराज दशरथ के पोते जिन्होंने द्वापर युग में लड़ा था महाभारत का युद्ध। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। 

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