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Ganga Dussehra 2024 Lord Shiva Abhishek: गंगा दशहरा के दिन गंगाजल में ये चीजें मिलाकर करें भगवान शिव का अभिषेक

असल में गंगा दशहरा के दिन मां गंगा पृथ्वी पर आई थीं और धरा पर आते समय मां गंगा के वेग से पृथ्वी को बचाने के लिए भगवान शिव ने उन्हें अपनी जटाओं में धारण किया था। इसके बाद से ही गंगा दशहरा के दिन गंगाजल से शिवलिंग के अभिषेक की परंपरा शुरू हुई। 
Editorial
Updated:- 2024-06-14, 08:30 IST

हिन्दू धर्म में गंगा दशहरा का बहुत महत्व माना जाता है। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन गंगा दशहरा मनाया जाता है। इस साल गंगा दशहरा 16 जून, दिन रविवार का पड़ रहा है। इस दिन गंगा पूजा के साथ ही गंगा स्नान का भी विशेष स्थान मौजूद है। साथ ही, इस दिन भगवान शिव की पूजा एवं उनका अभिषेक करने का भी विधान है। 

असल में गंगा दशहरा के दिन मां गंगा पृथ्वी पर आई थीं और धरा पर आते समय मां गंगा के वेग से पृथ्वी को बचाने के लिए भगवान शिव ने उन्हें अपनी जटाओं में धारण किया था। इसके बाद से ही गंगा दशहरा के दिन गंगाजल से शिवलिंग के अभिषेक की परंपरा शुरू हुई। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं गंगा दशहरा पर शिवलिंग अभिषेक की विधि।

गंगा दशहरा 2024 शिवलिंग अभिषेक विधि 

lord shiva abhishek with gangajal on ganga dussehra

गंगा दशहरा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर लें। इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर मां गंगा का ध्यान कर उन्हें प्रणाम करें। इसके बाद भगवान शिव का ध्यान करते हुए जलाभिषेक विधि की तैयारी शुरू करें। 

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इसके लिए सबसे पहले एक साफ थाली लें। उसमें गंगाजल से भरा हुआ तांबे का लोटा रखें। गंगाजल के उस लोटे में एक चुटकी काले तिल, एक चुटकी सूखा पीला चंदन और कनेर के पुष्प की पंखुड़ियां मिला लें। 

इसके बाद उस जल के लोटे पर ॐ लिखेंऔर उस लोटे को कपड़े से ढक लें। साथ ही, थाली में घी का दीपक भी बनाकर रखें। ध्यान रहे गंगा दशहरा के दिन शिवलिंग पर जल मंदिर जाकर ही चढ़ाएं। 

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घर में अगर शिवलिंग स्थापित है तो इसी विधि के साथ पूजा कर सकते हैं लेकिन गंगा दशहरा के दिन शिवालय में भगवान शिव साक्षात वास करने आते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं। 

bhagwan shiv abhishek with gangajal on ganga dussehra

बहराल, मंदिर जाकर शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाएं और भगवान शिव के 'ॐ नमः शिवाय मंत्र' का 108 बार जाप करें। फिर शिवलिंग के आगे घी का दीपक जलाएं और शिव जी की आरती गाएं।

 

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर गंगा दशहरा के दिन भगवान शिव का अभिषेक किस विधि से करें और अभिषेक के समय कौन से नियमों का पालन करना आवश्यक है। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।   

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