नवरात्रि व्रत में क्या करें क्या नहीं, जानें उपवास रखने के सही नियम

नवरात्रि का त्योहार आने वाला है, नव दिन के इस महापर्व में लोग नव दिनों तक व्रत रखते हैं। ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें व्रत रखने के सही नियम के बारे में जानकारी नहीं है।

 
dos and donts for navratri fasting

नवरात्रि कात्यौहार हिंदू धर्म में बहुत खास माना जाता है। देवी मां के भक्त माता को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए नव दिनों की कठोर व्रत रखते हैं। इस व्रत में लोग पानी, फल, मिष्ठान और एक समय सात्विक भोजन कर व्रत रखते हैं। ऐसे बहुत से लोग हैं, जो पहली बार व्रत रखने वाले हैं या जो लोग सालों से व्रत रख रहे हैं। ऐसे में आज उन लोगों को हम व्रत रखने के सही नियम के बारे में बताएंगे।

कैसे रखें नव दिनों का नवरात्रि व्रत

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  • नवरात्रि व्रत रख रहे हैं, तो इस व्रत में आपको पूरी तरह से शुद्ध और पवित्र होना चाहिए। आप तन, मन और विचार से शुद्ध रहें। ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें, बुरे विचार को मन में न आने दें और झूठ भी न बोलें।
  • नव दिन के व्रत में मन को शांत रखते हुए क्रोध न करें। दिन भर मां के नामों का जाप करें और किसी भी महिला या कन्या का अपमान न करें। घर के छोटे बच्चों पर क्रोध न करें और न ही उन्हें मारे-पीटें। बड़ों का सम्मान करें और लड़ाई-झगड़ा एवं बहस करने से बचें।
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  • सात्विक चीजों का सेवन करें, यदि आप उपवास नहीं भी रख रहे हैं, तो धूम्रपान, शराब, गुटखा, पान मसाला, तंबाकू, लहसुन प्याज और मांस मछली का सेवन न करें। घर पर भी इन चीजों को बनाने से बचें।
  • बहुत से लोग व्रत में फलाहार करके दिन भर खाते-पीते रहते हैं। ऐसे व्रत का फल नहीं मिलता है इस लिए व्रत को व्रत की तरह रखना चाहिए नवरात्रि में रसोपवास, फलोपवास, दग्धोपवास, लघु उपवास अधोपवास और पूर्णोपवास होता है। इनमें से आप किसी भी तरह के व्रत को रख सकते हैं।
  • व्रत रख रहे हैं, तो सुबह सूर्योदय से पहले उठकर नित्य क्रिया से निपट कर शुद्ध स्नान कर लें और अपने हाथों से माता के लिए फूल-बेलपत्र और दूब तोड़कर माला बना लें। पूजन सामग्री की व्यवस्था कर पूजा करें। व्रत के दौरान यात्रा, लड़ाई-झगड़ा मारपीट, गाली गलौच और गलत काम करने से बचें।
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  • माहवारी और अशौच अवस्था में व्रत नहीं रखना चाहिए। इसके अलावा जिनका स्वास्थ्य खराब है उन्हें भी व्रत नहीं रखना चाहिए। यदि आप यात्रा कर रहे हैं तो भी व्रत करने से बचें।
  • नव दिन के व्रत को बीच में ही नहीं तोड़ना चाहिए यदि समस्या गंभीर है तो मां से क्षमा मांग कर व्रत तोड़ सकते हैं। नहीं तो कन्या पूजन के बाद हवन और पारण करने के बाद ही व्रत खोलना चाहिए।

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Image Credit:freepik

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