Panchak Ki Manyata: क्या वाकई पंचक में किसी एक की मृत्यु होने से घर के बाकी लोगों के जीवन पर भी होता है संकट? जानें इसके पीछे का कारण और उपाय

ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि पंचक के दौरान अगर किसी की मृत्यु हो जाए तो इससे उस मृतक के घर के अन्य लोगों के जीवन पर भी संकट मंडराने लगता है।
panchak ke niyam


हिन्दू धर्म में पंचक का समय अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि पंचक काल में शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। इसके अलावा, पंचक काल के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा करने की भी मनाही होती है। इतना ही नहीं, ज्योतिष शास्त्र में तो यहां तक बताया गया है कि पंचक के दौरान अगर किसी की मृत्यु हो जाए तो इससे उस मृतक के घर के अन्य लोगों के जीवन पर भी संकट मंडराने लगता है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने में बताया कि घर के किसी भी 1 सदस्य की पंचक में मृत्यु होने का अर्थ है कि घर के पांच लोगों पर मृत्यु का साया मंडराना। आइये जानते हैं इस विषय में और भी विस्तार से।

पंचक में मृत्यु होने का क्या मतलब होता है?

panchak mein ho jaye mrityu to kya kare

हिंदू पंचांग के अनुसार, यदि पंचक के समय किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाए तो यह मान्यता है कि परिवार या रिश्तेदारों से पांच अन्य लोगों की मृत्यु की अशुभ खबर मिलती रहती है। वहीं, अगर पंचक के दौरान किसी का जन्म होता है, तो लगातार किसी के जन्म को लेकर शुभ समाचार प्राप्त होते हैं। पंचक काल में किसी की मृत्यु को अशुभ माना जाता है, और यह विश्वास किया जाता है कि इससे परिवार में जनहानि की आशंका बढ़ जाती है।

पंचक में किसी की मृत्यु होने पर क्या उपाय करें?

panchak mein ho jaye mrityu to kya karna chahiye

गरुड़ पुराण के अनुसार, पंचक काल में मृत्यु होने पर मृतक के शव के साथ आटे या कुश के पांच पुतले बनाकर अंतिम संस्कार करने से पंचक दोष का प्रभाव कम हो जाता है। अगर आटे या कुशा के पुतले बनाना संभव न हो, तो 5 पिंड तैयार कर उन्हें भी अंतिम संस्कार के दौरान जलाना चाहिए। इस उपाय से घर के अन्य सदस्यों पर छाया मृत्यु का संकट टल जाता है।

यह भी पढ़ें:Navratri Aur Sade Sati: शनि की साढ़े साती से मुक्ति के लिए क्यों लाभकारी मानी जाती है नवरात्रि? जानें इससे जुड़े उपाय

पंचक में किसी की मृत्यु होने पर अनुष्ठान क्यों करते हैं?

panchak mein ho jaye mrityu to kya hota hai

पंचक काल में मृत्यु होने पर परिवार के सदस्यों को अशुभ प्रभाव से बचाने के लिए विशेष धार्मिक अनुष्ठान करने की सलाह दी जाती है, जैसे धनिष्ठा पंचक शांति पूजा और रुद्राभिषेक। गरुड़ पुराण में यह भी बताया गया है कि पंचक काल में मृत्यु होने पर मृतक के घर के लोग भगवान का ध्यान करते हुए महा मृत्युंजय मंत्र का अखंड जाप करें। इसके अलावा, महामृत्युंजय मंत्र का महा अनुष्ठान कराना चाहिए। इस उपाय से मृत्यु संकट टल जाता है।

अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP