श्री कृष्ण को कौन-कौन से श्राप मिले थे?

जहां एक ओर द्वापर युग कृष्ण लीलाओं से संपूर्ण रहा वहीं, श्री कृष्ण ने अपनी लीलाओं और धर्म की स्थापना के मार्ग में कुछ श्राप भी भोगे। 

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Shri Krishna Ke Shrap: द्वापर युग में भगवान विष्णु ने श्री कृष्णा के रूप में जन्म लिया था। यह भगवान विष्णु का आठवां अवतार था। जहां एक ओर द्वापर युग कृष्ण लीलाओं से संपूर्ण रहा वहीं, श्री कृष्ण ने अपनी लीलाओं और धर्म की स्थापना के मार्ग में कुछ श्राप भी भोगे। असल में श्री कृष्ण श्राप या किसी भी सांसारिक भावना से ऊपर हैं लेकिन इसके बाद भी उन्होंने मनुष्य शरीर में बंधें होने के कारण इन श्रापों को अपने ऊपर लिया और इनका फल भुगता। तो चलिए ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि कौन-कौन से श्राप भगवान श्री कृष्ण को मिले थे।

श्री कृष्ण को मिला पहला श्राप

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श्री कृष्ण को सबसे पहला श्राप उनके बाल्य काल में मिला था। असल में एक बार ऋषि दुर्वासा गोकुल के बाहर अपनी तपस्या में लीन बैठे थे। तब श्री कृष्ण ने अपनी शरारतों और बाल लीलाओं के माध्यम से ऋषि दुर्वासा की साधना भंग कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने श्री कृष्ण को यह श्राप दिया कि वह जिस मैय्या के लाड़-प्यार में आकर इतने शरारती बने हैं उन्हीं मैय्या से वह कई वर्षों तक दूर रहेंगे। एक ऋषि द्वारा मिले इसी श्राप को निभाने श्री कृष्ण ने गोकुल का त्याग कर दिया था।

श्री कृष्ण को मिला दूसरा श्राप

श्री कृष्ण को दूसरा श्राप मिला था कौरव माता गांधारी से। महाभारत ग्रंथ के अनुसार, जब गांधारी ने कौरव वंश की वधुओं के रोने की आवाज सुनी तब उन्होंने श्री कृष्ण को यह कहते हुए श्राप दिया कि वह भगवान हैं और चाहते तो इस अनर्थ को रोक सकते थे। बिना युद्ध के भी धर्म की स्थापना की जा सकती थी। इतना कहकर गांधारी ने युदुवंश के विनाश का श्राप श्री कृष्ण को दिया था। इस श्राप को भी श्री कृष्ण ने स्वीकार किया और अपने कुल का विनाश होते हुए स्वयं देखा।

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श्री कृष्ण को मिला तीसरा श्राप

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श्री कृष्ण को तीसरा श्राप मिला था यमराज से। हालांकि यह पूरी तरह श्राप के श्रेणी में नहीं आता है लेकिन श्री कृष्ण ने इस श्राप को भी स्वीकार किया था। श्राप यह था कि जब श्री कृष्ण संदीपनी मुनि के पुत्र को यमराज से पुनः जीवित लेने गए थे, तब यमराज ने श्री कृष्ण से युद्ध किया मगर वह युद्ध में हार गए थे। इसके बाद यमराज ने श्री कृष्ण को भूलवश यह कह दिया था कि श्री कृष्ण के प्राण हरने वह यमराज समय से पहले खुद ही आ जायेंगे और हुआ भी वैसा ही।

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर किन-किन लोगों ने कौन-कौन से श्राप श्री कृष्ण को द्वापर युग में दिए थे। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi, freepik

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