हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का अहम महत्व होता है। चैत्र नवरात्रि का पर्व माता दुर्गा की आराधना और साधना का विशेष समय होता है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। भक्त और श्रद्धालु नवरात्रि में मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए व्रत भी करते हैं। ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि में विशेष उपाय करने से माता रानी की असीम कृपा बरसती है। इन्हीं उपायों में से एक मंत्रों का जाप करना भी है।
कहते हैं, नवरात्रि के दिनों में उनकी पूजा करने के दौरान विशेष मंत्रों के जाप करने से देवी दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं। इतना ही नहीं, ऐसी मान्यता है कि अगर कोई जातक किसी भी समस्याओं का सामना कर रहा है, तो चैत्र नवरात्रि के दिन पूरे विधि-विधान के साथ पाठ करने से शुभ परिणाम मिल सकते हैं।
इसी के साथ आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी जी से उन नौ दिनों के विशेष मंत्रों और उनसे मिलने वाले फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
चैत्र नवरात्रि में मंत्रों के जाप का महत्व (Chaitra Navratri Mantra)
दुर्गा मंत्रों का जाप नवरात्रि उत्सव का एक अभिन्न अंग माना जाता है क्योंकि यह देवी की दिव्य ऊर्जा का आह्वान करता है। मंत्रों का जाप जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है और इसे अत्यधिक शुभ माना जाता है।
इसके अलावा, ऐसा माना जाता है कि मंत्र जीवन के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह काम करते हैं और सुरक्षा, समृद्धि और आध्यात्मिक उत्थान लाने में मदद करते हैं। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि का आरंभ 30 मार्च से हो रहा है और इसका समापन 6 अप्रैल को राम नवमी के साथ होगा। ऐसे में आपको कुछ विशेष मंत्रों का जाप अवस्थ करना चाहिए।
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माँ शैलपुत्री पूजा मंत्र (Maa Shailputri Puja Mantra)
या देवी सर्वभूतेषु माँशैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:।
द्वितीय ब्रह्मचारिणी पूजा मंत्र (Maa Brahmcharini Puja Mantra)
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
तृतीय चंद्रघंटापूजा मंत्र (Maa chandraghanta Puja Mantra)
या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:।।
चतुर्थ कूष्माण्डा मातापूजा मंत्र (Maa Kushmanda Puja Mantra)
या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
पंचम स्कंदमाता मातापूजा मंत्र (Maa Skandmata Puja Mantra)
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
षष्ठम कात्यायनी मातापूजा मंत्र (Maa Katyayni Puja Mantra)
या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायानी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
सप्तम कालरात्रि मातापूजा मंत्र (Maa Kalratri Puja Mantra)
ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:।'
अष्टम महागौरी मातापूजा मंत्र (Maa Mahagauri Puja Mantra)
या देवी सर्वभूतेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
नवमी सिद्धिदात्री मातापूजा मंत्र (Maa Siddhidatr Puja Mantra)
या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।
माता दुर्गा को प्रसन्न करने के मंत्र
आप नियमित रूप से माता के कुछ विशेष मंत्रों का जाप भी कर सकती हैं। इससे आपके घर में खुशहाली बनी रहेगी और समृद्धि आएगी।
ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे
मंत्र का महत्व- यह मंत्र देवी दुर्गा का एक शक्तिशाली आह्वान मंत्र है, जो उन्हें चामुंडा यानी चण्ड और मुंड राक्षसों चंदा का संहार करने वाली माता के रूप में संबोधित करता है। ऐसा माना जाता है कि वो बाधाओं को दूर करती हैं और सफलता और समृद्धि लाती हैं।
ओम दम दुर्गायै नमः
मंत्र का महत्व-यह मंत्र देवी दुर्गा को समर्पित है और मान्यता है कि माता की सुरक्षा और आशीर्वाद पाने के लिए उनका जाप किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह व्यक्ति के रास्ते से भय, नकारात्मकता और बाधाओं को दूर करने में मदद करती है।
ओम ह्रीं श्रीं क्लीं सर्व पूज्ये देवी महालक्ष्मी नमः
मंत्र का महत्व- यह मंत्र देवी महालक्ष्मी की प्रार्थना के रूप में पढ़ा जाता है, वो धन और समृद्धि की देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं। ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र का जाप प्रचुरता, समृद्धि और सौभाग्य को आकर्षित करता है।
ओम श्री दुर्गाय नमः
मंत्र का महत्व-इस मंत्र का जाप देवी दुर्गा को नमस्कार करता है, उन्हें सर्वोच्च दिव्य मां के रूप में स्वीकार करता है। सुरक्षा, साहस और शक्ति का आशीर्वाद पाने के लिए इस मंत्र का जाप नौरात्रि के दौरान करना फलदायी होगा।
या देवी सर्व भूतेषु मां दुर्गा
मंत्र का महत्व-यह मंत्र सभी प्राणियों की दिव्य मां के रूप में देवी दुर्गा की स्तुति करता है। यह उनकी दिव्य उपस्थिति का आह्वान करने और शांति, खुशी और समृद्धि के लिए उनका आशीर्वाद मांगने के लिए किया जाता है।
सर्व मंगल मांगल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके
मंत्र का महत्व- यह मंत्र देवी दुर्गा को शुभ और परोपकारी मां के रूप में पूजनीय मानता है। जो सभी इच्छाओं को पूरा करती हैं और सभी दुखों को दूर करती हैं। सुरक्षा, समृद्धि और कल्याण के लिए उनका आशीर्वाद लेने के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है।
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यदि आप नौरात्रि के नौ दिनों में यहां बताए मंत्रों का जाप करती हैं तो आपके जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहेगी। आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें
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