(best time for pind daan) अगर कोई व्यक्ति को पितरों को प्रसन्न करना चाहता है, तो पितृपक्ष का समय बहुत ही शुभ और पवित्र माना जाता है। इस दिन पितरों का तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है और पूर्वज अपने वंशज को आशीर्वाद भी देते हैं। पितृपक्ष की शुरूआत हर साल भाद्रपद माह के प्रतिपदा तिथि से होती है और इसकी समाप्ति आश्विन माह के अमावस्या के दिन होती है।
बता दें, पितृपक्ष के दौरान अगर कोई भी आए, तो उसे खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि पितृ ही सभी रूप में अपने वंशजों से मिलने आते हैं। अब ऐसे में पितृपक्ष में पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध आदि पूरे नहीं की जाती है। इसके लिए सही समय, सही तिथि के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है।
आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि पितृपक्ष में श्राद्ध, तर्पण और कर्मकांड करने का शुभ समय क्या है, जिससे पितरों को मृत्यु लोक से मुक्ति दिलाया जा सकता है।
किस समय पिंडदान करने होता है सबसे शुभ? ( Best Time for PindDaan)
पिंडदान के लिए सबसे शुभ समय दोपहर का होता है। जिसे कुतुप बेला कहा जाता है। पिंडदान मातृपक्ष और पितृपक्ष का तीन पीढ़ियों तक पड़ता है। पिंड का दान ना सुबह और ढलती शाम में किया जाता है। इससे व्यक्ति पर अशुभ प्रभाव भी पड़ सकता है। पितृपक्ष में पिंडदान दोपहर 11 बजकर 30 मिनट से लेकर दोपहर 02 बजकर 30 मिनट का समय सबसे उत्तम माना जाता है।
जानें श्राद्ध की शुभ तिथि क्या है? ( Shradh Tithi)
- दिनांक 30 सितंबर दिन शनिवार (शनिवार उपाय) को प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध।
- दिनांक 01 अक्टूबर दिन रविवार को द्वितीय तिथि का श्राद्ध।
- दिनांक 02 अक्टूबर दिन सोमवार को तृतीया तिथि का श्राद्ध।
- दिनांक 03 अक्टूबर दिन मंगलवार को चतुर्थी तिथि का श्राद्ध।
- दिनांक 04 अक्टूबर दिन बुधवार को पंचमी तिथि का श्राद्ध।
- दिनांक 05 अक्टूबर दिन गुरुवार को षष्ठी तिथि का श्राद्ध।
- दिनांक 06 अक्टूबर दिन शुक्रवार को सप्तमी तिथि का श्राद्ध।
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- दिनांक 07 अक्टूबर दिन शनिवार को अष्टमी तिथि का श्राद्ध।
- दिनांक 08 अक्टूबर दिन रविवार को नवमी तिथि का श्राद्ध।
- दिनांक 09 अक्टूबर दिन सोमवार को दसवीं तिथि का श्राद्ध।
- दिनांक 10 अक्टूबर दिन मंगलवार (मंगलवार मंत्र)को एकादशी तिथि का श्राद्ध।
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- दिनांक 11 अक्टूबर दिन बुधवार को द्वादशी तिथि का श्राद्ध।
- दिनांक 12 अक्टूबर दिन गुरुवार को त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध।
- दिनांक 13 अक्टूबर दिन शुक्रवार को चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध।
- दिनांक 14 अक्टूबर दिन शनिवार को अश्विन माह का अमावस्या श्राद्ध।
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