Ashadha Month 2025: आषाढ़ का महीना कब से शुरू हो रहा है? जानें किन देवी-देवताओं की पूजा से सभी समस्याएं होंगी दूर

हिंदू धर्म में आषाढ़ माह को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस माह में भगवान विष्णु, शिव जी के साथ-साथ मां गौरी और सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। आइए इस लेख में इनकी पूजा करने के महत्व के बारे में विस्तार से जानते हैं।
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आषाढ़ का महीना मुख्य रूप से भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित है। इस पूरे महीने उनकी विधि-विधान से पूजा-अर्चना करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। आषाढ़ माह में दान का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि इस माह में दान-पुण्य करने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं, इस माह में जगन्नाथ जी की रथ यात्रा निकाली जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दौरान सूर्यदेव मिथुन राशि में होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस माह में देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करने से उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है और ग्रहदोष से भी छुटकारा मिल सकता है। आपको बता दें, आषाढ़ का महीना 12 जून से शुरू होने जा रहा है। अब ऐसे में आषाढ़ माह कब से शुरू हो रहा है और इस माह में किन देवी-देवताओं की पूजा से लाभ हो सकता है। इसके बारे में इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

आषाढ़ माह में करें भगवान विष्णु की पूजा

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आषाढ़ माह में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन विष्णु जी की पूजा विधिवत रूप से करें तो व्यक्ति की सभी समस्याएं दूर हो सकती है। साथ ही भाग्योदय हो सकता है। आषाढ़ माह में ही देवशयनी एकादशी पड़ती है, जिस दिन से भगवान विष्णु चार महीने के लिए योगनिद्रा में लीन हो जाते हैं। इसे चातुर्मास कहा जाता है। चातुर्मास में सभी मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं, लेकिन भगवान विष्णु की पूजा, जप, तप और दान का विशेष महत्व होता है। भगवान विष्णु को समृद्धि और वैभव का देवता माना जाता है। इस महीने में उनकी पूजा करने से भक्त को धन-दौलत, सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य प्राप्त होता है।

आषाढ़ माह में करें भगवान शिव की पूजा

शास्त्रों के अनुसार, आषाढ़ माह में शिव परिवार की पूजा करने से सभी पापों से छुटकारा मिलता है। भगवान शिव को शांति का देवता माना जाता है। इस महीने में उनकी पूजा करने से सभी प्रकार की समस्याएं दूर हो सकती है। इतना ही नहीं, मिश्री से बने शिवलिंग की विधिवत पूजा करने से रोगों का नाश होता है और चंद्रदोष से भी छुटकारा मिल सकता है।

आषाढ़ माह में करें मां गौरी की पूजा

मां गौरी को लक्ष्मी जी का ही स्वरूप माना जाताहै। आषाढ़ माह में उनकी पूजा करने से जीवन में सुख-शांति, धन-दौलत, सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य का आगमन होता है। विवाहित महिलाओं के लिए मां गौरी की पूजा बहुत फलदायी होती है। आपको बता दें, इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों और 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है। इन दिनों में मां गौरी सहित देवी दुर्गा की पूजा करने से सभी प्रकार के दुख दूर होते हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

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आषाढ़ माह में करें सूर्यदेव की पूजा

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आषाढ़ माह में सूर्योदय से पहले स्नान करके उगते हुए सूर्य को जल चढ़ाने और पूजा करने से बीमारियां दूर होती हैं। भविष्य पुराण के अनुसार, आषाढ़ माह में सूर्य को जल चढ़ाने से शत्रुओं और विरोधियों पर विजय प्राप्त होती है। भगवान श्रीराम ने भी लंका विजय से पहले सूर्य की उपासना की थी। आषाढ़ माह में सूर्य को जल अर्पित करते समय जल में तिल मिलाना चाहिए।

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Image Credit- HerZindagi

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