आषाढ़ मास से ही चातुर्मास का आरंभ होता है। चातुर्मास वह चार महीनों की अवधि होती है जिसमें भगवान विष्णु क्षीरसागर में योगनिद्रा में चले जाते हैं। इस दौरान सृष्टि का कार्यभार भगवान शिव संभालते हैं। चूंकि भगवान विष्णु इन महीनों में विश्राम करते हैं, इसलिए उनके भक्त इन चार महीनों में उनकी विशेष आराधना कर उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। ऐसा माना जाता है कि आषाढ़ मास में भगवान विष्णु की सच्चे मन से पूजा करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है।
जो भक्त इस मास में विष्णु जी की आराधना करते हैं, उन्हें मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है और वे वैकुंठ धाम में स्थान पाते हैं। आषाढ़ मास में की गई विष्णु पूजा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। अविवाहितों को योग्य जीवनसाथी मिलता है और संतानहीन दंपतियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है।
आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से भगवान विष्णु को लाल चावल चढ़ाने के महत्व के बारे में विस्तार से जानते हैं।
आषाढ़ मास हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है, खासकर भगवान विष्णु के भक्तों के लिए। यह मास चातुर्मास की शुरुआत का प्रतीक है, जब भगवान विष्णु चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। इस दौरान भक्त उनकी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं ताकि उनकी कृपा बनी रहे। आषाढ़ मास में भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के कई तरीके हैं, और इनमें से एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है उन्हें लाल चावल अर्पित करना। आपको बता दें, लाल चावल, जिसे अक्सर 'रक्तशाली' चावल भी कहा जाता है, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार लाल चावल का संबंध ऊर्जा, समृद्धि और शुभता से है।
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि लाल चावल भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं। उन्हें यह अर्पित करने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। लाल रंग को धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। आषाढ़ में भगवान विष्णु को लाल चावल चढ़ाने से घर में सुख-समृद्धि आती है और आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, लाल चावल का संबंध कुछ ग्रहों से भी है। इसे अर्पित करने से कुंडली में ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है और उनके अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है। चातुर्मास के दौरान किए गए धार्मिक कार्यों का फल कई गुना अधिक मिलता है। आषाढ़ मास में, जो चातुर्मास का पहला महीना है, लाल चावल चढ़ाने से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।
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Image Credit- HerZindagi
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