कई सारे लोग होते हैं, जो बृहस्पतिवार के दिन विष्णु भगवान का व्रत करते हैं। इस व्रत को लोग सुख-समृद्धि और धन-धान्य के लिए रखते हैं। इसलिए अक्सर इस व्रत को गिनती में रखा जाता है, जैसे 5,11 और 21। जब यह गिनती पूरी हो जाती है, तो हमें इसका उद्यापन करना होता है। लेकिन इसके लिए भी जरूरी है कि आप सही मुहूर्त का ध्यान रखें। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे व्रत के पारण का फल अच्छा मिलेगा। पंडित सौरभ त्रिपाठी जी, छिंदवाड़ा, एमपी जी ने ऐसे कुछ चौघड़िया मुहूर्त के बारे में बताया है, जब आप इस व्रत का उद्यापन कर सकते हैं।
मुहूर्त का नाम | मुहूर्त का समय |
शुभ | सुबह 05:50 से सुबह 07:25 |
रोग | सुबह 07:25 से सुबह 09:01 |
उद्वेग | सुबह 09:01 से सुबह 10:36 |
चर | सुबह 10:36 से दोपहर 12:11 |
मुहूर्त का नाम | मुहूर्त का समय |
अमृत | शाम 06:31 से रात 07:56 |
चर | रात 07:56 से रात 09:21 |
रोग | रात 09:21 से रात 10:46 |
काल | रात 10:46 से मध्यरात्रि 12:11 |
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