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Pitru Paksha 2023: कौन पहुंचाता है पितरों तक खाना?

मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध कर्म, पिंडदान और तर्पण आदि करने से पितृ प्रसन्न हो जाते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं। श्राद्ध कर्म के दौरान पितरों को भोग लगाया जाता है। 
Editorial
Updated:- 2023-09-28, 09:58 IST

Astro Tips: हिन्दू धर्म में पितृपक्ष का बहुत महत्व माना जाता है। इस साल पितृपक्ष 29 सितंबर, दिन शुक्रवार से शुरू हो रहे हैं। 

मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध कर्म, पिंडदान और तर्पण आदि करने से पितृ प्रसन्न हो जाते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं। 

श्राद्ध कर्म के दौरान पितरों को भोग लगाया जाता है। यानी कि कौवे को भोजन कराया जाता है। यह भोजन पितरों का पहुंचता है।

ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि कौवा पितरों का प्रतीक होता है इसलिए उसे खाना खिलाने का विधान वर्णित है।

हालांकि पितरों तक उस भोजन को पहुंचाने का काम कौवे का नहीं होता बल्कि दो पितृ देव इस काम को विधि से संपन्न करते हैं। 

पितृपक्ष 2023 कौन पहुंचाता है पितरों तक भोजन

  • धर्म शास्त्रों में यह वर्णित है कि पितृ पक्ष के समय पितृ धरतीलोक पर आते हैं और अर्पित की गई चीजों को वे ग्रहण भी करते हैं।
  • इसके बाद पितृ अपना आशीर्वाद परिवार को देकर वापस पितृ लोक पहुंच जाते हैं। इसी के साथ श्राद्ध कर्म संपूर्ण माना जाता है।

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pitron tak khana kaun pahunchata hai

  • इन्हें पितृ देवों के माध्यम से यह भोजन प्राप्त होता है। असल में, विश्वदेव और अग्निश्रवा नाम के दो दिव्य पितृ शास्त्रों में वर्णित हैं। 
  • गरुड़ पुराण के अनुसार, ये दोनों पितृ देव ही नाम गोत्र (बिना गोत्र के कैसे करें शादी) के सहारे अर्पित किए भोजन को उसी परिवार के पितरों तक पहुंचाते हैं।

pitron tak khana kaise pahunchta hai

  • अगर पितृ देव योनी में होते हैं तो उनके लिए निकाला गया भोजन अमृत रूप में उन तक पहुंचता है और उन्हें तृप्त करता है।

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  • वहीं, मनुष्य योनि में पितरों के होने पर उनके लिए निकाला गया भोजन अन्न रूप में उन्हें प्राप्त होता है और तृप्त करता है। 
  • पशु योनि में घास रूप, नाग योनि में वायु रूप और यक्ष योनि में पान के रूप में पितरों तक निकाला गया भोजन पहुंचता है।   

 

आप भी अगर पितृ पक्ष के दौरान अपने पितरों का श्राद्ध करना चाहते हैं तो कौवे को भोजन कराने के बाद लेख में बताए गए पितृ देवों का स्मरण कर खाना अपने पितरों तक अवश्य पहुंचाएं। तभी आपक श्राद्ध कर्म पूरा होगा। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। 

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