Mauni Amavasya 2024: मौनी अमावस्या के दिन इस विधि से करें पितरों की पूजा, नाराज पूर्वज हो जाएंगे प्रसन्न

मौनी अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण होने जा रहा है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। 

 
Mauni Amavasya  puja vidhi to please ancestors

(mauni amavasya 2024 puja vidhi to please ancestors) सनातन धर्म में मौनी अमावस्या का खास महत्व है। मौनी अमावस्या माघ मास में आती है। इस दिन व्रत रखने का विशेष महत्व है। साथ ही भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी हो सकती है। वहीं इस दिन मौन रखने को कहा जाता है। बता दें, इस साल दिनांक 26 जनवरी से माघ मास का आरंभ हो रहा है। पंचांग के अनुसार इस साल दिनांक 09 फरवरी से मौनी अमावस्या का आरंभ हो रहा है और इसका समापन दिनांक 10 फरवरी को सुबह 04 बजकर 28 मिनट तक रहेगा।

अब ऐसे में इस दिन किस विधि से पितरों की की पूजा करना शुभ माना जाता है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

मौनी अमावस्या के दिन बन रहा है शुभ योग (Mauni Amavasya 2024 shubh yog)

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इस साल मौनी अमावस्या के दिन शुभ योग का निर्माण होने जा रहा है। बता दें, मौनी अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। दिनांक 09 फरवरी को सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 07 बजकर 05 मिनट से लेकर रात 11 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। इस शुभ संयोग में अगर कोई भी काम किया जाए, तो व्यक्ति को उस कार्य में सफलता मिल सकती है। साथ ही पूजा-पाठ का पूर्ण लाभ भी मिल सकता है।

इस विधि से करें पितरों की पूजा, बनी रहेगी कृपा (Mauni Amavasya Puja Vidhi)

  • मौनी अमावस्या के दिन सुब ब्रह्म मुहूर्त (ब्रह्म मुहूर्त मंत्र) में उठकर स्नान करें और गंगाजल से पूरे घर का छिड़काव करें।
  • दक्षिण दिशा मे मुंह करके बाएं पैर को मोड़कर, बाएं घुटने को जमीन पर टीका कर बैठें। इसके बाद तांबे के चौड़े बर्तन में काले तिल, गाय का कच्चा दूध, गंगाजल और पानी डालें। फिर उस जल को दोनों हाथों में लेकर सीधे हाथ के अंगूठे से उसी बर्तन में गिराएं। इस तरह 11 बार पितरों का ध्यान करें।
  • मौनी अमावस्या के दिन श्राद्ध के दौरान सफेद फूलों का ही उपयोग करना शुभ माना जाता है। श्राद्ध करने के दौरान दूध, गंगाजल,शहद, सफेद कपड़े और तिल विशेष रूप से जरूर है।

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इस दिन दक्षिण दिशा में मुंह करके कुश, जौ, तिल (तिल के उपाय) , चावल, जल लेकर संकल्प करें और एक या तीन ब्राह्मण को भोजन कराएं। इसके बाद भोजन थाली और पत्ते पर ब्राह्मणों के समक्ष परोसें। इससे पितृ बेहद प्रसन्न हो सकते हैं और व्यक्ति को शुभ फलो की प्राप्ति भी हो सकती है।

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जानें मौनी अमावस्या का महत्व (Significance of Mauni Amavasya 2024)

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मौनी अमावस्या का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन व्रत रखने से सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है और कालसर्प दोष और पितृ दोष से भी छुटकारा मिल सकता है।

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Image Credit- Freepik

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