सुहागिन स्त्रियां शृंगार करते समय रखें इन बातों का विशेष ध्यान, वैवाहिक जीवन रहेगा सुखमय

हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं द्वारा किए 16 श्रृंगार का विशेष महत्व है। इसे सुहाग की निशानी माना जाता है। 

 
Married women should remember these things while doing Sringar

(Married women should remember these things while doing shringar) सनातन धर्म में सुहागिन महिलाओं द्वारा किए गए सोलह श्रृंगार को सुहाग की निशानी माना जाता है। विवाह के बाद सुहागिन स्त्रियां सिंदूर, मंगलसूत्र, बिछिया, पायल आदि आवश्यक रूप से पहनती हैं। ऐसी मान्यता है कि इसे पहनने से वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है और महिलाओं के सुहाग पर किसी प्रकार का कोई आंच नहीं आता है। अब ऐसे में श्रृंगार करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

इससे शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

इस तरह सिंदूर लगाना होता है शुभ

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भारतीय संस्कृति में विवाहित महिलाओं द्वारा सिंदूर लगाने की परंपरा चली आ रही है। ऐसा माना जाता है कि महिला अपनी मांग में जितना लंबा सिंदूर लगाती हैं, उसके पति की उम्र उतनी ही लंबी होती है। इसलिए हमेशा लंबा सिंदूर लगाना चाहिए। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि मांग हमेशा सीधी होनी चाहिए। भूलकर भी टेड़ी-मेड़ी सिंदूर नहीं लगाना चाहिए।

सुहागिन महिलाएं इस रंग की लगाएं बिंदी

आजकल महिलाएं फैशन में रंग-बिरंगी बिंदियां लगाती हैं, लेकिन सुहागिन महिलाओं को हमेशा लाल रंग की बिंदी लगानी चाहिए। यही उत्तम मानी गई है। मान्यताओं के अनुसार, सुहागिन महिलाओं के लिए काली बिंदी अशुभ माना गया है। वहीं कांच की चूड़ियां सबसे उत्तम मानी गई है। साथ ही ऐसा कहा जाता है कि सुहागिन महिलाओं को काली चूड़ी पहनने से बचना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि मंगलवार और शनिवार के दिन चूड़ियां न खरीदें।

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इस समय न सवारें बाल

महिलाओं को श्रृंगार करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सूर्यास्त के बाद कभी भी भूलकर बालों में कंघी नहीं लगाना चाहिए। ऐसे में रात में कभी भी बाल न सवारें और न ही खोलकर रखें। ऐसा माना जाता है कि सूर्य (सूर्य मंत्र) ढलने के बाद नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव बढ़ जाता है और अशुभ प्रभाव व्यक्ति पर हावी हो सकती है। ऐसे में रात के समय बालों को हमेशा बांधकर और चोटी गूंथ कर सोएं।

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जानें कैसा होना चाहिए मंगलसूत्र

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सनातन धर्म में मंगलसूत्र सुहाग की निशानी मानी जाती है। मंगलसूत्र काली मोतियों का बना सबसे उत्तम माना जाता है। यह पीले धागे में पिरोया हुआ होना चाहिए। क्योंकि पीला रंग देव गुरु बृहस्पति (गुरु दोष उपाय) का प्रतीक माना जाता है। इससे वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है। वहीं मंगलसूत्र के काले मोती विवाहिता को नकारात्मक ऊर्जा से बचाने का कार्य करती है। ऐसा कहा जाता है कि मंगलसूत्र को बार-बार उतारना नहीं चाहिए। इससे अशुभ माना जाता है।

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Image Credit- Freepik

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