Pind Daan Ka Sahi Tarika: हिन्दू धर्म में पितृपक्ष का बहुत महत्व माना जाता है। पितृपक्ष पितरों के लिए मोक्ष का मार्ग माने जाते हैं।
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से लेकर आश्विन माह की अमावस्या तिथि तक सोलह दिन तक श्राद्ध कर्म किये जाते हैं।
मान्यता है कि पितृपक्ष में श्राद्ध कर्म, तर्पण एवं पिंडदान करने से पितरों को श्रापित योनियों से मुक्ति मिलती है और उनकी कृपा होती है।
शास्त्रों में पुरुषों द्वारा ही तर्पण-पिंडदान आदि करने का विधान है। वहीं, आजकल महिलाएं भी ये सब विधि-विधानों का पालन करती हैं।
ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि महिलाओं द्वारा पिंडदान करना क्या सही है और कैसे करना चाहिए पिंडदान।
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अगर आप भी पितृपक्ष के दौरान पिंडदान करना चाहती हैं तो यहां इस लेख में दी गैजानकारी के माध्यम से पिंडदान करने की संपूर्ण विधि के बारे में जान सकती हैं। इससे आपके द्वारा किया गया श्राद्ध कर्म पितरों को लगेगा भी और किसी प्रकार का दोष भी उत्पन्न नहीं होगा। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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