हमारी लाइफ में रंगों का बहुत महत्व है। शायद इसलिए भी हम रंगों का त्यौहार होली धूमधाम से मानते हैं। इस दिन सभी का मन रंगों के कारण खुशी से भर जाता हैं। और महिलाओं को तो कुछ रंगों को देखने के बाद अंदर से बेहद खुशी महसूस होती है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि रंग हमें सिर्फ खुशी ही नहीं देते बल्कि हमें मेंटल और फिजिकली फिट रखने में भी हेल्प करते हैं। जी हां रंगों का गहराई तक असर होता है। रंगों की इसी विशेषता के कारण हम कई प्रॉब्लम्स के इलाज के लिए कलर थेरेपी का इस्तेमाल करते हैं।
जी हां बॉडी में जहां भी टॉक्सिन इकट्ठा होकर बीमारियां पैदा करती हैं, कलर थेरेपी उसे दबाती नहीं बल्कि बॉडी से बाहर डिटॉक्स कर देती है। प्रकृति का यह नियम है कि जो थेरेपी जितनी नेचुरल होगी, उतनी ही प्रभावशाली भी होगी। इस थेरेपी सबसे अच्छी बात यह है कि इसे किसी भी उम्र की महिलाओं पर इस्तेमाल किया जा सकता है और इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं हैं यानी यह बेहद ही सेफ थेरेपी हैं। आइए जानें कि कलर थेरेपी किस तरह आपको बीमारियों का इलाज करने में हेल्प करती है।
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इस रंग के प्रभाव वाली महिलाएं साहसी और अच्छे स्वमभाव की होती है। यह रंग पाचन क्रिया को प्रभावित करता है और भूख बढाता है। यह रंग बॉडी की इम्यूानिटी को मजबूत करता है। इसके अलावा फेफड़ों व सांस से जुड़े रोगों को ठीक करने में मदद करता है। इसलिए नारंगी रंग अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों के इंफेक्शन को दूर करने में बेहद मददगार होता है।
नीला रंग आपको सुखद अनुभव देता है, यानी इस रंग से आपको शांत महसूस होता है। आप जानना नहीं चाहेंगे क्यों? क्योंकि नीला रंग पानी से जुड़ा होता है। इसलिए यह हमेशा आपके चारों ओर शांति की चमक पैदा करता है। नीला, ठंडा और गीला होने के कारण अन्य रंगों की तुलना मे धीरे-धीरे हमारी आंखों तक पहुंचता है इसलिए यह हमें शांति देता है। साथ ही यह नींद से जुड़ी परेशानियों को दूर करता है।
पीले रंग को देखकर आपको खुशी महसूस होती है। इस रंग को खुशहाल रंग कहा जाता है। यह हमारे अंदर आशा उत्पन्न करता हे। पीले रंग को भगवान का रंग भी माना जाता है, इसलिए बहुत सारे आध्यात्मिक अर्थ इस रंग से जुड़े हैं। यह सबसे आशावादी रंग है जो इम्यूनिटी और आत्मविश्वास को बढ़ावा देने में हेल्प करता है। साथ ही यह रंग ब्रेन की शक्ति को भी बढ़ाता है। इसके अलावा पेट खराब होने या खुजली से बचने के लिए यह रंग बहुत मददगार होता है।
सफेद रंग शांति का प्रतीक माना जाता है और नई शुरुआत के साथ जुड़ा हुआ है। जो आपको पॉजिटीविटी देता है। सफेद रंग को आत्मा को शुद्ध करने वाला कहा जाता है। यह सभी रंगों का एकदम सही मिश्रण है, इसलिए इसमें सभी रंगों के गुण पाए जाते हैं। इसलिए, शांति, शुद्धता, विश्वास और शीतलता इस रंग का विवरण है।
हरा रंग देशभक्ति का प्रतीक है। देशभक्ति के अलावा, हरा रंग प्रकृति का रंग भी है। इससे हमें आराम महसूस होता है और जैसे-जैसे यह रंग हमें प्रकृति से जोड़ता है, हमें पोषण और आगे बढ़ने की क्षमता देता है। हरे रंग में इम्यूानिटी बढाने की क्षमता होती है। इसके अलावा हरा रंग दिल के लिए बहुत अच्छाम होता है। यह दिल के रोगी में तनाव को दूर करता है जिससे आपको रिलैक्स महसूस होता है।
आपकी आंखें इस रंग को बहुत तेजी से खोजती हैं क्योंकि यह बहुत जल्दी पहुंचता है। लाल रंग आग और रोमांस का है। यह हमारे अंदर साहस और जुनून पैदा करता है। यह सबसे शक्तिशाली रंग माना जाता है। लाल रंग पसंद करने वाली महिलाएं एनर्जी से भरपूर और पॉजिटीव होते हैं। इससे बॉडी में ब्लेड सर्कुलेशन में अच्छा होता है और एड्रिनल ग्लैंड अधिक एक्टिव हो जाती है जिससे बॉडी की ताकत बढ़ती है।
हालांकि काला रंग बुराई का प्रतीक है और इसे मौत का रंग माना जाता है लेकिन यह सभी का सबसे शानदार रंग है। लड़कियां इस रंग को पहनकर बहुत सुंदर लगती हैं। इस रंग की प्रतिष्ठा और सम्मान इसे सभी रंगों का राजा बनाती है।
जैसा कि आप देख सकती हैं, प्रत्येक रंग का अलग अर्थ होता है। वे हमें कुछ महत्वपूर्ण सबक सिखाते हैं। तो अगली बार जब आपको खुद को हल्का या ताज़ा महसूस करना है, तो इंद्रधनुष को देखने का प्रयास करें।
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