बिना आंखों के इस खूबसूरत दुनिया का अनुभव कर पाना मुश्किल है। यही नहीं शरीर का यह एक नाजुक अंग है, जिससे जुड़ी परेशानियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। वहीं कई लोगों को नहीं पता होता कि सूर्य के हानिकारक किरणों की वजह से इस पर गहरा असर पड़ता है। कई बार इसकी वजह से आंखों से जुड़ी परेशानियां शुरू हो जाती हैं। यही नहीं इसकी वजह से आंखों से जुड़ी कई बीमारियों के लक्षण देखे जाते हैं।
बात करें ड्राई आई की तो यह भी एक तरह की बीमारी है, जो सूर्य की हानिकारक किरणों के प्रभाव से होता है। शुरुआती दिनों में अपनी आंखों की सुरक्षा की जाए तो ड्राई आई की परेशानी से लेकर कई अन्य परेशानियों से भी बचा जा सकता है। वहीं सूर्य की हानिकारक किरणों की वजह से आंखों में होने वाली परेशानियों के लक्षण हमें पहले ही दिखाई देने लगते हैं। वहीं इस बारे में हमें बता रही हैं आई स्पेशलिस्ट शिबल भारतीय।
मोतियाबिंद
उम्र बढ़ने के साथ आंख की प्राकृतिक लेंस अपारदर्शी हो जाती है। हालांकि यूवी रेज की वजह से इसकी प्रक्रिया में तेजी आ जाती है। इसलिए धूप में निकलते वक्त सनग्लास कैरी करना चाहिए। ऐसा करने से मोतियाबिंद की बीमारी तेजी नहीं बढ़ती। वहीं मोतियाबिंद बुजुर्ग व्यक्ति को प्रभावित करते हैं, हालांकि पर्याप्त सुरक्षा के बिना सूर्य के अत्यधिक संपर्क से सामान्य दृष्टि समस्या विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है। (आंखों की सेहत)
एज रिलेटेड मैक्युलर डिजनरेशन
एज रिलेटेड मैक्युलर डिजनरेशन होने के पीछे एक मुख्य वजह यूवी रेज भी है। यूवी रेज मैक्युला को नुकसान पहुंचाने में भूमिका निभाता है। मैक्युला आपके आंखों के पिछले हिस्से में रेटिना का सबसे सेंसिटिव पार्ट होता है। हालांकि यह बीमारी उम्र के साथ बढ़ती है, लेकिन यूवी रेज की वजह से भी यह बीमारी बढ़ने की संभावना रहती है। हालांकि धूप में चश्मे का उपयोग संभावित रूप से आपको ARMD(एज रिलेटेड मैक्युलर डिजनरेशन) से बचा सकता है। इस बीमारी से व्यक्ति को धुंधलापन और रोशनी कमजोर होने लगती है।
इसे भी पढ़ें:इन तीन कारणों से कम नहीं होता डिलीवरी के बाद महिलाओं का वजन
Pterygium और pinguecula(नाखूना रोग)
टिश्यू की असामान्य वृद्धि की वजह से नाखूना रोग होने की संभावना रहती है। इसमें आंख के सफेद हिस्से और पारदर्शी पुतली के बीच में झिल्लीनुमा त्रिकोणाकार धब्बा बनने लगता है। यह धीरे-धीरे सभी जगह फैलने लगता है। यह आपके आंखों के कॉर्निया पर अटैक कर सकते हैं। धूप का चश्मा पहनने से आप इन परेशानियों से बच सकते हैं। वहीं कॉर्निया आंख का बाहरी आवरण है, और इसे आप आंखों की त्वचा भी माना सकते हैं। जैसे सनबर्न त्वचा को नुकसान पहुंचा है, वैसे ही कॉर्निया को भी। कॉर्निया के सनबर्न को फोटोकेराटाइटिस कहा जाता है। इसकी वजह से सूजन और दर्द की समस्या शुरू हो जाती है। यह अनफिल्टर्ड यूवी रेज के एक्सपोजर के कारण होता है।
स्किन कैंसर
विशेषज्ञ के अनुसार, 10 प्रतिशत तक स्किन कैंसर पलक पर पाए जाते हैं और यह यूवी रेज के बढ़ते जोखिम से जुड़े हुए होते हैं। इसके अलावा कई बार हमें आंखों में खुजली भी पलकों की वजह से होती है। इसलिए धूप में चश्मा पहनने से आप ना सिर्फ अपनी आंखों को यूवी रेज से सुरक्षित रख सकते हैं बल्कि यह कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को भी रोकने में मददगार साबित हो सकता है।
इसे भी पढ़ें:मेनोपॉज के बाद वेजाइना में होने वाली ड्राईनेस के लिए ये टिप्स अपनाएं
झुर्रियों की समस्या
आंखों के आसपास होने वाली झुर्रियों की एक वजह सूरज की हानिकारक किरणें भी हैं। इससे एजिंग की समस्या बढ़ने लगती हैं। यही नहीं तेज रोशनी में हम सभी की आंखें सिकुड़ जाती हैं। इससे आंखों के आसपास अधिक झुर्रियां होने लगती हैं। धूप का चश्मा एलर्जी पैदा करने वाले एजेंटों और अवशेषों के लिए एक यांत्रिक बाधा भी प्रदान करता है। इसके अलावा यह ड्राई आई की समस्या को भी रोकते हैं।
Recommended Video
विशेषज्ञों के अनुसार, सूर्य की हानिकारक किरणों से आंखों को हमेशा बचाए रखने की आवश्यकता होती है। अगर आप इनमें से किसी भी तरह की समस्या का सामना कर रहा हैं तो तुरंत सनग्लास पहनें और डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों