'जीवन का अमृत' और 'आयुर्वेद की गोल्डन रेमिडी' तुलसी को कई नामों से जाना जाता है। ऐसा हो भी क्यों न? तुलसी के पत्ते हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छे होते हैं। औषधीय गुणों के साथ-साथ भारत में तुलसी के पौधे की पूजा भी की जाती है। यही वजह है कि लगभग हर भारतीय घर में यह मौजूद होता है। लेकिन इसकी सभी अच्छाइयों के बावजूद तुलसी के पत्तों का जरूरत से ज्यादा सेवन हमारी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। हमें यकीन है कि आपने कभी नहीं सोचा होगा कि तुलसी के कोई साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। इसलिए आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से तुलसी के कुछ संभावित साइड इफेक्ट्स या स्वास्थ्य प्रभाव लेकर आए हैं, जिनके बारे में आपको अवगत होना चाहिए।
क्या सच में तुलसी का सेवन हमारी सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है? यह जानने के लिए हमने डाइटिशियन सिमरन सैनी जी से बात की, तब उन्होंने हमें इसके बारे में विस्तार से बताया। सिमरन सैनी जी का कहना है, ''तुलसी के अधिक सेवन से मतली और दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, जो लोग डायबिटीज और हाइपोथायरायड की दवा का सेवन कर रहे हैं, उन्हें तुलसी का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह दवा के काम में हस्तक्षेप कर सकती है।''
डायबिटीज की दवा में हस्तक्षेप
विभिन्न अध्ययनों में पाया गया है कि तुलसी ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकती है। यदि आप अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए दवा लेती हैं, तो यह इस प्रभाव को बढ़ा सकती है और यहां तक कि लेवल बहुत कम भी हो सकता है। यदि आप डायबिटीज की दवा ले रहे हैं, तो फिर से तुलसी का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।
इसे जरूर पढ़ें:स्ट्रेस को नेचुरली कम करती हैं तुलसी की सिर्फ 5 पत्तियां
हाइपोथायरायड मरीजों के लिए अच्छी नहीं
हाइपोथायरायड के मरीजों के लिए तुलसी का अधिक सेवन नुकसानदेह साबित हो सकता है। इस समस्या के होने पर थायरॉक्सिन हार्मोन का लेवल जरूरत से कम होता है और तुलसी का अधिक सेवन करने से इस हार्मोन का लेवल और कम हो जाता है। इसके अलावा यह दवा के काम में भी हस्तक्षेप पैदा कर सकती है।
ब्लड को पतला करने वाली दवाओं में हस्तक्षेप
तुलसी ब्लड को पतला करने का काम करती है, इससे आमतौर पर कोई नुकसान नहीं होता है। हालांकि, अगर आप पहले से ही ब्लड को पतला करने वाली दवा ले रहे हैं, तो यह इसके प्रभाव को बढ़ा सकती है और ब्लड क्लोटिंग की समस्या पैदा कर सकती है। इसलिए अगर आप ब्लड थिनर लेते हैं, तो तुलसी का इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
यूजेनॉल का अधिक सेवन होता है नुकसानदेह
यूजेनॉल तुलसी का प्राथमिक घटक है। यह पाया गया है कि तुलसी के अधिक सेवन से यूजेनॉल ओवरडोज हो सकता है। बहुत अधिक यूजेनॉल का सेवन करने से विषाक्तता भी हो सकती है। इससे खांसी के दौरान ब्लड आना, तेजी से सांस लेना और यूरिन में ब्लड आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
प्रेग्नेंसी में तुलसी लेने से बचें
तुलसी के पत्तों में मौजूद एक यौगिक को यूजेनॉल कहा जाता है, जो गर्भाशय के संकुचन का कारण बन सकता है। प्रेग्नेंट महिलाओं द्वारा तुलसी के अत्यधिक सेवन से मां और बच्चे दोनों पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकते हैं। तुलसी प्रेग्नेंट महिलाओं में भी प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर कर सकती है। इसलिए, प्रेग्नेंसी के दौरान इस जड़ी-बूटी से बचना सबसे अच्छा हो सकता है।
इसे जरूर पढ़ें:तुलसी की 8-10 पत्तियों को निगलने से दूर होती हैं ये 2 बीमारियां
लिवर को नुकसान
तुलसी में यूजेनॉल होता है, हालांकि यूजेनॉल की थोड़ी मात्रा लिवर में टॉक्सिन से होने वाले डैमेज को रोक सकती है। लेकिन इसके बहुत अधिक लेने से यह लिवर डैमेज, मतली, दस्त, तेजी से दिल की धड़कन आदि जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि किसी स्थिति का स्व-उपचार करने और मानक देखभाल से बचने या देरी करने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। यदि आप किसी भी स्वास्थ्य उद्देश्य के लिए तुलसी का उपयोग करने पर विचार कर रहे हैं, तो पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना सुनिश्चित करें। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
Image credit: Freepik.com
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों