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How to take care of eye during infection

आंख आने पर आई ड्रॉप डालने का सही तरीका क्या है?  

 मानसून के सीजन में आंख आने की समस्या बहुत बढ़ जाती है, लेकिन अगर ऐसे मौके पर आंखों का सही तरह से ध्यान ना रखा जाए, तो यह जल्दी ठीक नहीं हो पाती। 
Editorial
Updated:- 2023-07-28, 17:37 IST

मानसून का सीजन जितना रोमांटिक होता है उतना ही ज्यादा इसमें बीमारियों का खतरा भी रहता है। अब आजकल फैल रहे आई फ्लू या पिंक आई को ही ले लीजिए। कंजंक्टिवाइटिस की समस्या (conjunctivitis problems) इन दिनों बहुत बढ़ रही है। ऑफिस, स्कूल, कॉलेज, मेट्रो हर जगह कोई ना कोई काला चश्मा लगाए इससे जूझता हुआ दिख जाता है।

कंजंक्टिवाइटिस की समस्या इस साल सबसे ज्यादा देखने को मिल रही है क्योंकि इस बार बारिश की वजह से ज्यादा जलभराव हुआ है जिसकी वजह से बीमारियां फैल रही हैं। अगर कोई संक्रमित व्यक्ति आपके पास है, तो ऐसा हो सकता है कि संक्रमण फैले और आपको भी यह हो जाए। यह बैक्टीरिया के फैलने के कारण होता है ना कि किसी और की आंख में देखने से। 

यह इन्फेक्शन एलर्जिक भी हो सकता है और बैक्टीरियल या वायरस भी। इसके होने पर आंखों में बहुत दर्द होता है और ज्यादा दिक्कत महसूस होने लगती है। 

हमने इंडिया ऑर्बिस (India Orbis) के कंट्री डायरेक्टर ऋषि राज बोहरा से बात की। उन्होंने हमें बताया कि किस तरह से आंखों में आई ड्रॉप डालना सही साबित हो सकता है। डॉक्टर बोहरा के मुताबिक आंखों में एलर्जी की समस्या होने के साथ-साथ हाइजीन इशूज भी होते हैं जिनके कारण कंजंक्टिवाइटिस होता है। 

eye problems and conjunctivitis

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अगर कंजंक्टिवाइटिस हो गया है तो क्या करें?

सबसे पहले पर्सनल हाइजीन का ध्यान रखें। यह बहुत जरूरी है कि आप इसको और ज्यादा फैलने से रोकें। साबुन और पानी से हाथ धोते रहें जिससे यह इन्फेक्शन ज्यादा नहीं फैलेगा। 

पिंक आई की समस्या बहुत ज्यादा दर्द भरी होती है ऐसे में आप आंखों की सिकाई कर सकती हैं। इससे आंखों के आस-पास जो सूखी पपड़ी जम जाती है उससे भी राहत मिलेगी। सुबह उठने पर आंख खुलती नहीं है उस वक्त ऐसा किया जा सकता है। 

हमेशा डॉक्टर द्वारा दी गई आई ड्रॉप डालें

कभी भी खुद से दवा या ड्रॉप लेने के बारे में ना सोचें। यह बैक्टीरियल है या फिर एलर्जिक इसके बारे में डॉक्टर ही ठीक तरह से बता पाएगा। इसके लक्षण दिखने पर डॉक्टर के पास जरूर जाना है। 

eye drops problems

आंखों को मसलने की कोशिश ना करें। हां, इस दौरान आंखों में खुजली होती है और दिक्कत महसूस होती है, लेकिन फिर भी आंखों पर हाथ ना लगाएं। इससे समस्या और बढ़ जाती है। 

टावल, टिशू, कॉन्टैक्ट आदि की हाइजीन बरकरार रखें। पर्सनल आइटम किसी से शेयर ना करें। आई मेकअप तो खासतौर पर किसी और का ना लगाएं।  

कंजंक्टिवाइटिस के दौरान आंखों में ड्रॉप्स डालने का सही तरीका? 

डॉक्टर बोहरा के मुताबिक लोगों को यह भी नहीं समझ आता कि इस दौरान आंखों में ड्रॉप्स किस तरह से डालने हैं। इसका ध्यान रखना बहुत जरूरी है जिससे इन्फेक्शन और ना बढ़े।  

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  • आई ड्रॉप डालते समय बोतल की टिप को ना छुएं 
  • आई ड्रॉप की टिप हमेशा आंखों और हाथों की पहुंच से दूर होनी चाहिए। अगर टिप पर बैक्टीरिया लग जाता है, तो ड्रॉप खराब हो जाती है और इससे इन्फेक्शन और तेजी से फैलता है। 
  • आई ड्रॉप डालते समय हमेशा सिर को जितना पीछे हो सके उतना पीछे करें। आंखों को खोलने के लिए भी आपको अगर मदद चाहिए होगी, तो मदद लें। 
  • आई ड्रॉप्स कभी ज्यादा मत डालें। अगर डॉक्टर की सलाह है दो ड्रॉप्स की तो उतनी ही मात्रा आंखों में डालें। ज्यादा आई ड्रॉप डालने से ज्यादा जल्दी आपका इन्फेक्शन ठीक नहीं होगा। 
  • आई ड्रॉप डालने से पहले हाथों को अच्छी तरह से धो लें। 

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