मां बनना किसी भी स्त्री के लिए दूसरा जन्म होता है। बच्चे को जन्म देते समय महिला को असहनीय दर्द होता है। इसलिए कभी-कभी कुछ स्त्रियां उस दर्द से बचने के लिए सी-सेक्शन का रास्ता अपनाती हैं। वहीं कुछ महिलाओं की प्रेग्नेंसी में कई तरह की कॉम्पलीकेशन होती हैं, जिसके कारण वह नॉर्मल डिलीवरी नहीं कर सकती हैं। मसलन, अगर आपकी पहली डिलीवरी सी-सेक्शन से हुई है तो हो सकता है कि आपकी दूसरी डिलीवरी भी सी-सेक्शन से ही हो। ऐसे में अगर आप इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कहीं डिलीवरी के बाद आपके टांके पक ना जाए तो आपको इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।
वास्तव में, पिछले कई वर्षों से डिलीवरी के बाद महिलाओं की केयर एक पैटर्न तरीके से होती है, जिसके कारण उनके टांके पकने की संभावना अधिक होती है। इतना ही नहीं, कई बार महिला व उसके परिवार के सदस्य भी टांकों को लेकर इतना चिंतित होते हैं कि वास्तव में कुछ गलतियां कर बैठते हैं, जिससे टांके पकने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। तो चलिए आज सरोज सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की आब्स्टट्रिशन और गायनेकालॉजी डिपार्टमेंट की एचओडी डॉ निशा जैन आपको बता रही हैं कि आपको किन-किन बातों का ख्याल रखना चाहिए, ताकि आपको बाद में टांके पकने की समस्या ना हो-
पीएं भरपूर पानी
डॉ. निशा बताती है कि डिलीवरी के बाद महिला को भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए। अमूमन भारतीय घरों में ऐसा माना जाता है कि डिलीवरी के बाद अधिक मात्रा में पानी पीने से पेट फूल जाएगा और इसलिए, जच्चा को कम पानी पीने के लिए दिया जाता है। हालांकि, इससे महिला के शरीर में पानी की कमी हो जाती है और फिर उसके टांके पकने की संभावना भी अधिक हो जाती है।
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जरूर नहाएं
डॉ. निशा के अनुसार, यह भी एक ऐसी भूल है, जो अक्सर महिला सी-सेक्शन के बाद करती हैं। उन्हें लगता है कि अगर वह नहाएंगी तो इससे उनके टांकों में पानी चला जाएगा और वह पक जाएंगे। जबकि आजकल सी-सेक्शन के बाद वाटरप्रूफ टेप का इस्तेमाल किया जाता है या फिर टांकों के उपर एक स्प्रे किया जाता है जो टांकों पर एक प्लास्टिक शील्ड की तरह काम करता है और पानी टांकों पर नहीं जाता है। लेकिन अगर आप नहाती नहीं हैं तो इससे आपको गंदगी व जर्म्स के कारण टांके पकने की संभावना अधिक होती है। हालांकि, अगर आपके मन में कोई संशय है तो ऐसे में आप अपने डॉक्टर से इस बारे में बात कर सकती हैं।
एंटी-बायोटिक दवाओं का सेवन
कई बार महिलाएं डिलीवरी के बाद अपनी दवाईयों के सेवन का क्रम तोड़ देती हैं, जिसके कारण भी टांकों के पकने की संभावना अधिक हो जाती है। आमतौर पर डिलीवरी के बाद एंटी-बायोटिक दवाएं दी जाती है, महिला को उसका सेवन सही समय पर और सही तरह से करना चाहिए। अगर आप अपनी दवाईयों को समय पर लेती हैं तो इससे आपको टांके पकने की समस्या नहीं होगी।
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प्रेग्नेंसी में बेहतर हेल्थ है जरूरी
यह भी एक कारण होता है डिलीवरी के बाद टांकों के पकने का। मसलन, प्रेग्नेंसी के आखिरी दिनों में महिला को यूरिन इंफेक्शन होता है। अगर उसे बार-बार यूरिन आता है या फिर यूरिन में जलन होती है तो यूरिन टेस्ट अवश्य करवाना चाहिए। इसके अलावा, अगर प्रेग्नेंसी में महिला को ख्ून की कमी होती है या हीमोग्लोबिन कम होता है तो इससे बाद में टांके पक सकते हैं। इसलिए, अगर आप चाहती हैं कि सी-सेक्शन में बाद आपके टांके ना पके, तो गर्भावस्था में अपनी सेहत का संपूर्ण ध्यान रखें। खानपान से लेकर अपनी दवाईयों पर पूरा ध्यान दें। इससे बाद में आपके टांके नहीं पकेंगे।
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