बच्चों में दांतों की अच्छी तरह से देखभाल न कर पाने से मुंह में बैक्टीरिया हो जाते हैं और मुंह के बैक्टीरिया दांतों में कैरीज़ को जन्म देते हैं। यही नहीं दांतों में बैक्टीरिया दांतों में प्लाक की परत जमाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। यह प्लाक बच्चों के दांतों को समय से पहले ही कमजोर कर देती हैं। बच्चों के दांतों से प्लाक हटाने के लिए एक्सपर्ट के कुछ टिप्स फॉलो कर सकते हैं।
यदि बच्चों के दांतों में प्लाक की समस्या है तो कुछ तरीकों से इस समस्या से बच्चा जा सकता है और बच्चों में डेंटल हाइजीन भी मेन्टेन की जा सकती है। आइये स्माइल केयर डेंटल यूनिट,कोलकाता के डॉक्टर विवेक तिवारी B.D.S (cal) से जानें कि बच्चों में प्लाक से छुटकारा कैसे पाया जा सकता है।
डेंटल हाइजीन है जरूरी
बच्चों के लिए दांतों की सफाई बहुत जरूरी है। बच्चों को शुरूआती दौर से ही डेंटल हाइजीन सिखानी जरूरी है। बच्चे के जब दांत निकलने शुरू होते हैं तभी से दांतों की अच्छी तरह सफाई करनी चाहिए। बच्चे में रोज़ कम से कम दो बार ब्रश करने की आदत डालनी चाहिए। बचपन से दांतों की सुरक्षा न करने पर प्लाक की समस्या जन्म लेती है। प्लाक में मौजूद बैक्टीरिया एसिड पैदा करते हैं जो दांतों की ऊपरी परत पर हमला करते हैं और कैविटीज को जन्म देते हैं।
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ब्रशिंग हैबिट्स मेन्टेन करना
बच्चों को ठीक से ब्रश करना सिखाएं। सही तरीके से ब्रश न करना प्लाक की समस्या को जन्म देता है जो आगे चलकर टूथ डिके का कारण बनती हैं। यदि दांतों के बीच अच्छी तरह से ब्रश न किया जाए तो ये दांतों के प्लाक का मुख्य कारण होता है। कम से कम 2 मिनट तक बच्चों को ब्रश करना चाहिए जिससे हानिकारक बैक्टीरिया दांतों में जन्म न ले सकें।
इलेक्ट्रिक टूथब्रश का इस्तेमाल
यदि बच्चा ठीक से ब्रश नहीं कर पाता है तो उसे एक इलेक्ट्रिक टूथब्रश से ब्रश करा सकते हैं। इससे दांतों के अंदर की परत में सफाई की जा सकती है। इलेक्ट्रॉनिक रूप से बनाई गई ब्रिसल्स की गति एक मैनुअल टूथब्रश की तुलना में प्लाक को हटाने में ज्यादा मदद करती है। एक इलेक्ट्रिक टूथब्रश हमेशा एक मैनुअल टूथब्रश की तुलना में अधिक और बहुत जल्द ही प्लाक हो हटाता है।
फ्लॉसिंग करना
डेंटल फ्लॉस का उपयोग दांतों के बीच पदार्थों को हटाने के लिए किया जाता है, इसलिए जब आपके बच्चे के कम से कम दो दांत होते हैं जो अगल-बगल होते हैं, तो फ्लॉस को पेश किया जाना चाहिए। अधिकांश बच्चों में लगभग 8 या 9 वर्ष की आयु तक प्रभावी ढंग से फ्लॉस का उपयोग करने की निपुणता नहीं होती है। उस समय के लिए पट्टिका को अनदेखा करना या अकेले ब्रश करना एक अच्छा विचार नहीं है। इसके बजाय, आप प्रत्येक दिन के अंत में अपने बच्चे को फ्लॉसिंग की आदत स्थापित कर सकते हैं।
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डेंटल चेकअप है जरूरी
बच्चों के दांतों का निर्माण जबसे शुरू होता है तभी से दांतों को नियमित रूप से चेकअप की जरूरत है। जरूरी नहीं है कि दांतों की कोई गंभीर समस्या होने पर ही डेंटल चेकअप कराया जाए बल्कि समय-समय पर बच्चों को डेंटिस्ट के पास ले जाएं जिससे प्लाक की समस्या जन्म न ले सके।
बच्चों को दांतों संबंधी कई समस्याओं से छुटकारा दिलाने के लिए उनमें डेंटल हाइजीन मेन्टेन करना जरूरी है। प्लाक की समस्या से बचाव करने के लिए उपर्युक्त बिंदुओं पर ध्यान दें और बच्चों का कई बीमारियों से बचाव करें।
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Image Credit: freepik
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