महिलाओं को इस तरह करना चाहिए पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल

पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करते समय अगर आप भी स्क्वाट करके बैठती हैं तो उसे रोक दें। जानिए उसका कारण...

How to pee in public toilet

जब भी पब्लिक टॉयलेट की बात होती है तब हमेशा हमारे मन में एक खराब सी छवि बन जाती है। गंदी बदबू, गंदगी से भरे हुए टॉयलेट, फिनाइल की तीखी स्मेल, डस्टबिन ऐसा जिसे देखा भी ना जा सके और भी बहुत कुछ। यकीनन पब्लिक टॉयलेट में जाना महिलाओं के लिए एक बहुत ही खराब एक्सपीरियंस हो सकता है।

अधिकतर महिलाएं पब्लिक टॉयलेट में जाते समय स्क्वैट करते हुए टॉयलेट यूज करना पसंद करती हैं। ऐसा इसलिए ताकि उन्हें वहां की गंदगी से कोई इन्फेक्शन ना हो जाए। यकीनन पब्लिक टॉयलेट बहुत ही गंदे और खराब होते हैं जिनके कारण महिलाओं को दिक्कत महसूस हो सकती है।

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर डॉ तनाया उर्फ डॉ क्यूटरस ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट में पर एक पोस्ट शेयर की है जिसमें उन्होंने ये बताया है कि पब्लिक टॉयलेट इस्तेमाल करते समय महिलाओं को क्या नहीं करना चाहिए।

indian public toilet

इसे जरूर पढ़ें- क्या आप जानते हैं पब्लिक बाथरूम में दरवाजे पूरे क्यों नहीं होते हैं?

पब्लिक टॉयलेट में क्या बिल्कुल नहीं करना चाहिए?

जैसा कि हमने बताया कि पब्लिक टॉयलेट को इस्तेमाल करते समय अधिकतर महीलाएं स्क्वाट करना पसंद करती हैं यही नहीं करना है। डॉक्टर क्यूटरस के मुताबिक ये तरीका महिलाओं के पेल्विक फ्लोर को वीक बनाता है। अगर कोई महिला बार-बार ऐसा कर रही है तो उसके यूटरेस की पेल्विक मसल्स और वीक होती जाएंगी और उसके कारण उसे परेशानी उठानी पड़ सकती है।

public toilet uses

जब आप इस तरह से स्क्वैट करने की कोशिश करती हैं तो आप अपने पेल्विक फ्लोर को वीक बना रही होती हैं। ऐसा करने से पेल्विक प्रोलैप्स की स्थिति बढ़ जाती है। पेल्विक प्रोलैप्स एक कंडीशन होती है जिसमें पेल्विक फ्लोर के ऑर्गन्स नीचे गिर जाते हैं और यकीन मानिए ये कई महिलाओं के साथ होता है।

महिलाओं को इससे जुड़ी कई सारी समस्याएं होती हैं और एक रिपोर्ट बताती है कि उत्तराखंड और बिहार के ग्रामीण इलाकों में ये बहुत ज्यादा हो रहा है।

जिस भी महिला का पेल्विक फ्लोर वीक होता है उसे और भी कई तरह की समस्याएं झेलनी पड़ती हैं जिसमें निजी अंगों से जुड़ी समस्याएं शामिल हैं।

क्या पब्लिक टॉयलेट से यूटीआई या एसटीआई हो सकता है?

ये सही है कि पब्लिक टॉयलेट में बहुत सारे बैक्टीरिया और वायरस पनप रहे होते हैं, लेकिन टॉयलेट सीट से आपको यूटीआई या एसटीआई जैसी कोई समस्या हो सकती है ये रेयर केस होगा। टॉयलेट सीट से यूटीआई या एसटीआई की संभावना होना स्वाभाविक नहीं। डॉक्टर क्यूटरस का कहना है कि आप इस डर से पब्लिक टॉयलेट में बैठना बंद ना करें।

इसे जरूर पढ़ें- Expert Tips: कोविड -19 इन्फेक्शन के दौरान पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करते समय रखें ये 3 अहम सावधानियां

अगर पेल्विक फ्लोर से जुड़ी समस्याओं से बचना है तो क्या करें?

पेल्विक फ्लोर की समस्या एकदम से नहीं होती बल्कि ये काफी समय तक चीज़ों को इग्नोर करने के कारण बढ़ती है। इसे रोकने के लिए आपको ये बातें ध्यान रखनी चाहिए-

  • कीगल एक्सरसाइज करें
  • ज्यादा देर तक यूरिन को ना रोकें
  • हर जगह स्क्वाट करके यूरिन करना बंद करें
  • अगर पेल्विक फ्लोर वीक है या किसी बीमारी का शिकार हैं तो डॉक्टर की सलाह लें
  • अपनी लाइफस्टाइल को ठीक रखें जो सबसे बड़ी समस्या बन सकती है
  • अल्कोहल और स्मोकिंग से बचें
  • डॉक्टर की सलाह लें

ये सारी बातें आपके पेल्विक फ्लोर को ठीक करने के लिए काफी जरूरी साबित हो सकती हैं। आपको ये ध्यान रखना है कि अगर प्रोलैप्स जैसी कोई भी स्थिति हो रही है तो पहले डॉक्टर से बात करें। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP