बच्चे बाहर खेलना ख़ूब पसंद करते हैं, ख़ासकर गर्मियों के मौसम में। हालांकि बच्चे बड़ों की तुलना में गर्म तापमान को अधिक झेल नहीं पाते हैं। उनके पूरे शरीर के अनुपात के रूप में उनकी बॉडी सरफेस, एक बड़े व्यक्ति की तुलना में बहुत अधिक है। इसलिए किसी भी फ़िज़िकल एक्टिविटी के दौरान अधिक गर्मी पैदा करते हैं और उन्हें बड़ों की तुलना में कम पसीना आता है। इससे शरीर की गर्मी से छुटकारा पाने में उनकी क्षमता कम हो जाती है, जिसकी वजह से डिहाइड्रेशन जैसी समस्या होती है।
इसके अलावा बच्चे खेलकूद में इस तरह बिजी हो जाते हैं, जिसमें वह पानी पीना तक भूल जाते हैं। इससे उनके शरीर में न सिर्फ़ डिहाइड्रेशन की समस्या शुरू होती है बल्कि कई गंभीर बीमारियां भी होने की संभावना रहती है। एक बार डिहाड्रेशन होने के बाद बच्चे न सिर्फ़ कमज़ोर महसूस करते हैं बल्कि उन्हें मितली या फिर लूज मोशन भी होना शुरू हो जाता है। तो चलिए जानते हैं कि बच्चों को डिहाइड्रेशन से बचाए रखने के लिए माता-पिता को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
बच्चों की सेहत की हो जानकारी
शारीरिक फ़िटनेस की कमी किसी बच्चे के प्रदर्शन को बाधित कर सकती है। अगर आपके बच्चे का वज़न अधिक है और वह एक्सरसाइज़ नहीं करता है तो उसे करने के लिए कहें। शरीर के वज़न के 3 प्रतिशत से अधिक डिहाइड्रेशन है तो बच्चे में गर्मी से संबंधित बीमारियों का ख़तरा बढ़ जाता है। बच्चों को खेल या फिर अन्य फ़िज़िकल एक्टिविटी में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करें। ख़ास कर जब आपके बच्चे का वज़न अधिक हो।
वर्कआउट की इंटेंसिटी बढ़ाएं
कई बच्चों का शरीर काफ़ी नाज़ुक होता है उन्हें गर्मी में रहने की आदत नहीं होती। ऐसे में उन्हें गर्मी से परिचित करवाएं और धीरे-धीरे 10 से 14 दिनों में वर्कआउट की इंटेंसिटी और समय को बढ़ाएं। यह उनके शरीर को अधिक पानी पीने, ब्लड शुगर की मात्रा बढ़ाने, और अधिक पसीना लाने में प्रशिक्षित करने में मदद करता है। पसीना आने से उनके शरीर से गर्मी बाहर निकलेगी।
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हेल्दी ड्रिंक पीने की डालें आदत
खेल कूद के साथ-साथ हेल्दी ड्रिंक पीने की आदत डलवाएं। स्पोर्ट्स ड्रिंक सही हो सकती हैं, कई ड्रिंक्स में उच्च स्तर का शुगर होने के साथ-साथ पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स भी मौजूद होते हैं। उनका स्वाद बच्चों की पीने की इच्छा में सुधार कर सकता है, लेकिन उनका उपयोग केवल व्यायाम की अवधि तक ही सीमित होना चाहिए। हालांकि किसी ट्रेनर या फिर कोच के अंडर काम कर रहे हैं तो आप अपने डायटीशियन से इस बारे में सलाह ज़रूर लें।
मौसम के अनुसार प्लान करें अपना काम
सबसे ज़रूरी है कि आप मौसम की जानकारी रखें। कई बार तापमान गर्म होने के साथ-साथ मौसम में ह्यूमिडिटी भी होती है, जो सेहत के लिए काफ़ी नुक़सानदायक होता है। ह्यूमिडिटी में एक्सरसाइज़ करने की वजह से सेहत पर गहरा असर पड़ सकता है। यहां तक कि ड्राई क्लाइमेट में हाई ह्यूमिडिटी हो सकती है अगर सुबह के वर्कआउट से पहले स्प्रिंकलर सिस्टम चलता है। इसलिए बच्चों को तेज धूप या फिर अधिक गर्म समय में एक्सरसाइज़ करने न दें। इसके बजाय आप सुबह या फिर शाम के वक़्त वर्कआउट करें। वहीं वर्कआउट के लिए लाइट वेट और लाइट कलर ही चूज करें।
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बच्चों की सेहत पर रखें पूरी नज़र
बच्चों के खेलते या फिर अन्य काम करते वक़्त पूरी नज़र रखें क्योंकि पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने से उनकी डिहाइड्रेशन की समस्या को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा उनकी डाइट में उन्हीं फल और सब्जियों को शामिल करें जिसमें पानी की मात्रा अधिक हो। इसके अलावा अगर आपका बच्चा बीमार या फिर कमज़ोर महसूस कर रहा है तो उसे हेल्दी ड्रिंक ज़रूर ऑफ़र करें। चीनी और पानी घोल, या फिर गर्मियों में मिलने वाले फलों का उन्हें समय-समय पर ज़रूर सेवन कराएं। इसके अलावा डिहाइड्रेशन की वजह से उनकी सेहत लगातार बिगड़ रही है तो डॉक्टर से संपर्क तुरंत करें।
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