क्या आपका पेट भी रोज सुबह साफ नहीं होता है?
क्या आप भी टॉयलेट में घंटों बैठी रहती हैं?
क्या कब्ज के कारण पूरा दिन बेचैनी और भारीपन में गुजरता है?
अगर इन सवालों का जवाब 'हां' है, तो अब आपको और परेशान होने की जरूरत नहीं है। आज हम आपके साथ कुछ ऐसे कारगर उपाय शेयर करने जा रहे हैं, जिन्हें अपनाने के बाद सुबह पेट साफ करना आपके लिए आसान काम बन जाएगा और आप दिनभर हल्का महसूस करेंगी।
आज के समय में कब्ज एक आम स्वास्थ्य समस्या बन गई है, जिससे बड़ी संख्या में लोग जूझ रहे हैं। यह न केवल शारीरिक असहजता पैदा करती है, बल्कि हमारे मानसिक स्वास्थ्य और संपूर्ण शरीर पर भी नकारात्मक असर डालती है। अक्सर लोग तुरंत राहत पाने के लिए बाजार में मिलने वाले जुलाब या केमिकल युक्त दवाएं लेते हैं। हालांकि, इनसे कुछ दिनों तक ही राहत मिलती है और कुछ ही समय बाद समस्या फिर से लौट आती है। इतना ही नहीं, इन दवाओं का लंबे समय तक सेवन आंतों को कमजोर भी कर सकता है।
लेकिन क्या आप जानती हैं कि हमारी आंतों को कठोर केमिकल्स की नहीं, बल्कि सही देखभाल, पर्याप्त मात्रा में फाइबर और अच्छे रूटीन की जरूरत होती है?
इस आर्टिकल में हम लाइफस्टाइल और डाइट से जुड़े ऐसे ही 10 आसान और असरदार उपायों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप न सिर्फ कब्ज की परेशानी से छुटकारा पा सकती हैं, बल्कि अपनी आंतों को भी स्वस्थ, मजबूत और खुश रख सकती हैं, जिससे आपका स्वास्थ्य बेहतर होगा। इसके बारे में हमें डाइटिशियन मनप्रीत बता रही हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स किया है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं।
पानी हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए अमृत की तरह होता है। यह मल को नरम बनाने में मदद करता है, जिससे उनका आंतों से गुजरना आसान हो जाता है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है, जो डाइजेस्टिव सिस्टम का काम सही तरीके से होता है। सुबह उठकर एक या दो गिलास गुनगुना पानी पीने की आदत डालें और दिन-भर थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीती रहें। यदि आप सादा पानी पीना पसंद नहीं करती हैं, तो आप इसमें नींबू का रस या कुछ पुदीने के पत्ते मिला सकती हैं या हर्बल चाय का सेवन कर सकती हैं।
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प्रोसेस्ड फूड्स जैसे मैदा, वाइट ब्रेड, पास्ता, बिस्कुट, चिप्स और अन्य पैकेटबंद स्नैक्स में फाइबर की मात्रा बहुत कम या न के बराबर होती है। इनमें अनहेल्दी फैट और चीनी होती है, जो डाइजेशन को धीमा और कब्ज की समस्या को बढ़ा सकते हैं। इनकी जगह, अपनी डाइट में साबुत अनाज, ताजे फल, सब्जियां और घर का बना भोजन शामिल करें जो प्राकृतिक रूप से फाइबर और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।
अंजीर और प्रून लैक्सेटिव के रूप में जाने जाते हैं। ये दोनों चीजें रात-भर पानी में भिगोने से नरम हो जाती हैं और इनके गुण और भी बढ़ जाते हैं। सुबह खाली पेट इनका सेवन करने से आंतों में गति आती है और मल त्याग में आसानी होती है, क्योंकि इनमें फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है। इसलिए, अपने दिन की शुरुआत भीगे हुए अंजीर और प्रून से करें।
तनाव और डाइजेशन का गहरा संबंध है। ज्यादा तनाव से डाजेस्टिव सिस्टम की मसल्स सिकुड़ सकती हैं, जिससे भोजन का आगे बढ़ना धीमा हो जाता है और कब्ज हो सकता है। डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज, 10-15 मिनट का मेडिटेशन, योगासन या कोई भी ऐसी एक्टिविटी, जो आपको आराम दे (जैसे संगीत सुनना या टहलना), पाचन संबंधी तनाव को कम करने में मदद कर सकती है। अपने रूटीन में खुद को रिलैक्स करने के लिए समय निकालना जरूरी है।
चिया और अलसी के बीज घुलनशील और अघुलनशील फाइबर का सबसे अच्छा स्रोत हैं। जब इन्हें पानी या किसी लिक्विड में मिलाया जाता है, तो ये फूलकर एक जैल जैसा पदार्थ बनाते हैं जो मल को नरम और भारी बनाता है, जिससे इनका निकलना आसान होता है। आप इन्हें अपनी सुबह की स्मूदी, दलिया, दही या बस एक गिलास पानी में मिलाकर ले सकते हैं। इन्हें डाइट में शामिल करते समय पानी का सेवन बढ़ाना जरूरी है।
पपीता 'पपैन' नामक पावरफुल डाइजेस्टिव एंजाइम से भरपूर होता है, जो प्रोटीन को तोड़ने और डाइजेस्टिव सिस्टम को सही रखने में मदद करता है। इससे कब्ज की समस्या भी दूर होती है। इसे सुबह के नाश्ते के कुछ घंटे बाद या दोपहर के भोजन से पहले खाना विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है। पपीता विटामिन सी, ए और एंटी-ऑक्सीडेंट का भी अच्छा स्रोत है।
जब आपको शौच जाने की इच्छा हो, तब उसे टालना नहीं चाहिए। इच्छा को दबाने से मल आंतों में ज्यादा समय तक रहता है, जिससे वह और ज्यादा कठोर और सूखा हो सकता है और बाद में उसे निकालना मुश्किल हो जाता है। अपने शरीर के संकेतों को सुनें और जब भी जरूरत महसूस हो, तुरंत शौचालय जाएं।
दही और छाछ में प्रोबायोटिक्स (गुड बैक्टीरिया) होते हैं। ये प्रोबायोटिक्स आंतों में हेल्दी माइक्रोबियल को बैलेंस करने में मदद करते हैं, जो डाइजेशन के लिए जरूरी है। ये हानिकारक बैक्टीरिया के विकास को रोकते हैं और आंतों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। भोजन के साथ या दिन में किसी भी समय एक कटोरी ताजा दही या एक गिलास छाछ पिएं।
पेट की हल्की मालिश आंतों की मसल्स को सही रखने और गैस को दूर भगाने में मदद करती है । बिस्तर पर जाने से पहले पीठ के बल लेट जाएं और पेट पर हल्के हाथों से क्लॉकवाइज मालिश करें। आप इसके लिए नारियल या तिल के तेल का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। यह न सिर्फ डाइजेशन में मदद करेगा, बल्कि आपको आराम भी देगा।
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जीरा और धनिया दोनों ही पेट के लिए अच्छे होते हैं। इनकी चाय बनाने के लिए, एक चम्मच जीरा और एक चम्मच धनिया के बीज को एक गिलास पानी में उबालकर छान लें और भोजन के बाद गुनगुना पिएं। यह आयुर्वेदिक मिश्रण सूजन, गैस को कम करने और आसानी से मल त्याग के लिए अच्छा होता है। यह पाचन अग्नि को भी बढ़ावा देता है।
इन आसान उपायों को अपनाने से आपका पेट भी सुबह आसानी से साफ हो जाएगा। यदि कब्ज की समस्या बनी रहती है या गंभीर है, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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