रसोई घर का सीधा रास्ता भूख और सेहत है। जब भी हमें भूख लगती है तो हम हमेशा रसोई घर की ओर रुख करते हैं। भूख के अलावा देखें तो रसोई हमेशा से ही हमारे लिए पहली दवाई की दुकान रही है। इसमें रखी कुछ चीजों ने हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत कर हमें निरोगी रखने में मदद किया है। इसके साथ ही ये खाने में स्वाद का तड़का भी लगाते हैं।
किचन की इन बहुउपयोगी चीजों में कुछ मसाले, कई तरह के ड्राई फ्रूट्स और कुछ दैनिक आहार की फूड सामग्री हैं जो सर्दी, जुकाम और खांसी जैसी छोटी-मोटी बीमारियों से राहत देते हैं। इसके अलावा, इनसे असाध्य रोगों जैसे कुछ ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर आदि को संतुलित किया जा सकता है।
पहली दवाई की दुकान
हमारी पहली दवाई की दुकान यानी की रसोई में हल्दी, अदरक, मेथी, दालचीनी, लौंग, काली मिर्च और जीरा आदि प्रमुख दवाइयां हैं। इन मसालों का आयुर्वेद के अनुसार सेवन हमें कई प्रकार के संक्रमण से बचाए रखने में मदद करता है और शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को भी हेल्दी रखता है। आइए अपनी रसोई में रखी इन चीजों के बारे में जानते हैं। इनके बारे में हमें वेदास क्योर के संस्थापक और निदेशक, श्री विकास चावला जी बता रहे हैं।
1. हल्दी
हल्दी हमारी रसोई का एक सबसे आम मसाला है और आयुर्वेद में इसका अहम स्थान है। इसके चमत्कारी गुण वात और कफ दोषों को दूर करने में मदद करते हैं। इसमें करक्यूमिन होता है जो अर्थराइटिस, एलर्जी, हार्टरोग, अल्जाइमर और डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद होता है। हल्दी में कैंसररोधी गुण भी पाए जाते हैं। उष्ण एवं शोथहर गुण भी इसमें होते हैं जिससे जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। रोगों में इसका उपयोग आयुर्वेद में कई तरह से किया जाता है, इसकी कई विधियां हैं।
दूध में मिलाकर इसका सेवन करना इसके फायदे को कई गुना बढ़ा देता है। चुटकी भर हल्दी को एक गिलास दूध में डालकर अच्छे से उबाल लें और फिर गुनगुना होने पर इसका सेवन करें। सर्दी-जुकाम में यह बहुत लाभदायक है, इसके साथ ही इससे शरीर के दर्द में या ठंड लगने पर इसका सेवन बहुत फायदेमंद होता है।
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2. दालचीनी
यह एक चमत्कारी मसाला है, जिसमें कई औषधीय गुण हैं। इसमें बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-फंगल गुण विद्यमान हैं जो कई तरह के संक्रमण से निपटने में मदद करते हैं। इसमें इम्यून को बढ़ाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट जैसे पॉलीफेनोल्स और प्रोएंथोसायनिडिन पाए जाते हैं। कुछ आयुर्वेदिक संस्थानों के अनुसार दालचीनी के सेवन से दांत व सिर दर्द, चर्म रोग, पाचनतंत्र संबंधी विकार, पीरियड्स की परेशानियों का उपचार किया जा सकता है।
आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सुझाए गए हर्बल काढ़े में भी दालचीनी को मुख्य घटक के रूप में शामिल किया गया है, जिससे इम्यूनिटी बेहतर होती है। दालचीनी की चाय फायदेमंद होती है, लेकिन इसके सेवन से सिर दर्द की शिकायत हो सकती है और प्रेग्नेंट महिलाओं को इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। इसका उपयोग चिकित्सक की सलाह पर ही करना चाहिए।
3. मेथी
इम्यून सिस्टम को मजबूत करने वाली मेथी, एक प्राकृतिक एंटी-ऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करती है। ये साग और मसाले और रूप में इस्तेमाल की जाती है। एक रिसर्च के अनुसार मेथी लीवर के लिए फायदेमंद है क्योंकि इसमें हिपेटो-प्रोटेक्टिव गुण होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार 1-2 ग्राम मेथी दाना (बीज) के चूर्ण का सेवन न्यूरो (तंत्रीका-तंत्र) से जुड़ी समस्याओं में लाभकारी होता है और शरीर के दर्द में भी राहत देता है।
4. काली मिर्च
यह भी एक बेहतरीन इम्यूनिटी बूस्टर है क्योंकि इसमें गैस्ट्रो-सुरक्षात्मक, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। ये श्वसन संक्रमण से तुरंत राहत पहुंचाता है, सर्दी और खांसी को ठीक कर गले को भी सुरक्षा प्रदान करता है। इसको दैनिक आहार में शामिल करने से शरीर को आंतरिक मजबूती मिलती है।
अस्थमा-खांसी से राहत पाने के लिए 2 ग्राम काली मिर्च चूर्ण को 200 मिली गाय के दूध में पकाकर पीने से फायदा होता है। पेट के कीड़े का उपचार करने के लिए 2-3 ग्राम काली मिर्च चूर्ण को 1 कप छाछ के साथ सुबह खाली पेट लेने से पेट के कीड़े निकल जाते हैं।
5. लौंग
इसमें भी बहुत अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो अच्छी इम्यूनिटी का निर्माण करते हैं। यह खांसी से राहत देने में मदद करता है और गले की तकलीफ को भी कम करता है। इसका सेवन गर्म पानी के साथ या चाय में डालकर किया जा सकता है।
3-4 नग लौंग को आग पर भूनकर बारीक पीस लें। फिर इसमें शहद मिलाकर चाटने से खांसी में लाभ मिलता है। 1 ग्राम लौंग और 3 ग्राम हरड़ चूर्ण को मिलाकर काढ़ा बना लें इसके बाद, इसमें थोड़ा-सा सेंधा नमक डालकर पीने से अपच की परेशानी ठीक हो जाती है।
6. अदरक
एक सुलभ और गुणकारी जड़ी बूटी है जिसका उपयोग अक्सर भोजन में स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है। अदरक वाली चाय तो वैसे भी भारतीय लोगों को बहुत पसंद है, लेकिन इसका उपयोग स्वाद के साथ सेहत भी देता है। यह इम्यूनिटी को बढ़ाता है और शरीर को डिटॉक्सीफाई भी करता है।
अदरक का 6 मिली रस निकालकर उसमें 6 ग्राम शहद मिलाकर दिन में 3-4 बार सेवन करने से इन्फ्लुएंजा रोग का उपचार किया जा सकता है। निमोनिया में भी ये फायेदमंद है। अदरक 5 मिली अदरक के रस में 1 या दो वर्ष पुराना घी और कपूर मिलाकर गर्म कर छाती पर मालिश करने से निमोनिया में लाभ होता है।
7. जीरा
यह एक लोकप्रिय मसाला है और इसका उपयोग भारतीय व्यंजनों में हमेशा किया जाता है। जीरे में पाए जाने वाले ‘एपिजेनिन’ और ‘ल्यूटोलिन’ नामक तत्व एंटी-ऑक्सीडेंट के तौर पर काम करते हैं। इसके तत्व शरीर के अंदर उन मुक्त कणों के प्रति सुरक्षा प्रदान करते हैं जो हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
आज के समय में एसिडिटी एक आम परेशानी हैं और इसके उपचार के लिए जीरा एक खास औषधि है। जीरा, और धनिया के 120 ग्राम पेस्ट को 750 ग्राम घी में पकाकर, रोज 10-15 ग्राम की मात्रा में सेवन करें। इससे एसिडिटी के साथ-साथ पुरानी कफ की समस्या, पित्त की बीमारी, तथा भूख की कमी भी ठीक होती है।
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महामारी के दौर में साथ दिया
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में रसोई का भी योगदान कम नहीं रहा है। लोगों ने रसोई में मौजूद मसालों का आयुर्वेद के अनुसार उपयोग कर अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाया है। हतना ही नहीं रसोई के मसालों का उपयोग कर स्वास्थ्यवर्धक काढ़े को भी खूब बनाया गया।
(किसी भी समस्या का स्वयं उपचार न करें, अपने चिकित्सक से सलाह अवश्य लें)
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