महिलाएं हर महीने पीरियड्स यानी मासिक धर्म की अवस्था से गुजरती हैं। हालांकि इनमें से अधिकांश को पीरियड्स के दौरान हाईजीन मेंटेन करने और अपनी देखभाल करने के बारे में जानकारी होती हैं, वहीं कुछ महिलाओं का शेड्यूल पूरी तरह से खराब हो जाता है, जिसका सीधा असर हमारी हेल्थ पर पड़ता है। सनराइज हॉस्पिटल, नई दिल्ली की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ व लैप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. निकिता त्रेहन, का कहना है कि पीरियड्स के दौरान मन में अजीब सी चिड़चिड़ाहट, छोटी सी बात पर गुस्सा आना, कुछ खाने-पीने का मन न करना, ज़रा सी बात पर रो देना आदि जैसी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलती हैं। इस समय उनका मूड बहुत अजीब सा हो जाता है। इस समय में भावनाओं से लेकर डाइट और जीवनशैली तक सब कुछ अनियमित हो जाता है। जिसकी वजह से उनका पूरा रुटीन डिस्टर्ब हो जाता है। यह वो समय होता है जब हाईजीन और साफ-सफाई रखना बहुत जरूरी है। अगर पीरियड्स के दौरान अच्छे से देखभाल न की जाए तो इन्फेक्शन के अलावा यूट्रस और जेनिटल पार्ट्स से जुड़ी कई गंभीर बीमारियां होने का भी खतरा रहता है। सिर्फ इतना ही नहीं इस दौरान महिलाओं को चाहिए कि वो पीरियड्स के दौरान बिगड़े शेड्यूल को कुछ इस तरह से सुधारे -
माना दर्द के कारण आपका सुबह जल्दी उठने का मन नहीं करता है पर फिर भी इस समय खुद को छोटी-छोटी जीत के लिए तैयार करें। जैसे आप रोज उठतीं हैं उसी टाइम पर उठें। आपका आलसी रवैया जीवनशैली को बदल सकता है।
इसे जरूर पढ़ें : जानें Glucose Challenge Test क्या होता है और इसकी जरूरत कब पड़ती है
उदासी से बचाने के लिए अपने गुस्से और भावनाओं पर काबू करने का प्रयास करें। इसके लिए आप योग और ध्यान जैसी क्रियाएं करने का अभ्यास करें ताकि आपका मस्तिष्क शांत रहे।
पीरियड्स के समय (जानें पीरियड्स होने का कारण )अधिकांश महिलाएं चिढ़चिढ़ी हो जाती हैं, ज़रा -ज़रा सी बात पर गुस्सा भी होती हैं। ऐसा ना हो इसके लिए उन चीजों पर फोकस करें, जो आपको रीचार्ज कर सकती हैं। जैसे आपको अगर गाने सुनने का मन करे तो ऐसा ही करें और जिन चीज़ों से आपको खुशी मिलती है वही करें।
इस समय तला-भुना या गरिष्ठ भोजन करने के बजाय थोड़ा सेहतमंद खाना खाएं। इस बात का ध्यान रखें कि ऐसा भोजन जिसमें मैग्नीशियम और कार्बोहाईड्रेट ज़्यादा मात्रा में हों उसी को प्राथमिकता दें । दिन भर में थोड़ा-थोड़ा खाना खाएं एक साथ ज्यादा खाना खाने से गैस की समस्या हो सकती है ।
पीरियड्स के दौरान मूड को ठीक करने के लिए व्यायाम से अच्छा उपाय कोई और नहीं है, क्योंकि व्यायाम करने से न सिर्फ मांसपेशियों में होने वाली अकड़न खत्म होगी, बल्कि शरीर में एंडोर्फिन हार्मोन का स्राव भी बढ़ेगा।
अगर पीरियड्स के दौरान आपको तेज दर्द होता है तो आप शारीरिक श्रम करने से बचें वरना शरीर का दर्द और अधिक बढ़ जाएगा। तकलीफ से बचने के लिए रेस्ट करें, टेंशन और स्ट्रेस से बचें और 7-8 घंटे की भरपूर नींद लें।
पानी न सिर्फ शरीर को बाहर से साफ करता है बल्कि मन को भी रिफ्रेश कर देता है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से पीरियड के कारण शरीर में होने वाले दर्द से भी राहत मिलती है। इसलिए इस समय पानी का सेवन अधिक से अधिक करें। इससे मन शांत होगा और शरीर को ऊर्जा भी मिलेगी।
इसे जरूर पढ़ें : इनफर्टिलिटी पर क्या असर डालते हैं यूटेरिन फाइब्रॉएड, क्या हर महिला को इनके बारे में जानना है जरूरी
पीरियड्स के दौरान नैपकिन को लेकर बिल्कुल भी लापरवाही ना करें बल्कि हर तीन घंटे पर सैनेटरी नैपकीन बदलती रहें। इससे आप संक्रमण से सुरक्षित रहेंगी ,साथ ही दुर्गंध की समस्या भी नहीं होगी।
पीरियड्स के दौरान इस बात का ख़ास ध्यान रखें कि बहुत तंग कपड़े ना पहनें। तंग कपड़े आपको चिढ़चिढ़ा बना सकते हैं। इन दिनों ऐसे कपड़े पहनें, जिन्हें पहनकर आप आराम महसूस करें।
इन बातों का ध्यान रखकर आप पीरियड्स के दौरान बिगड़े अपने रूटीन को तो सुधार ही सकती हैं साथ ही इस अवधि में भी एनर्जेटिक लग सकती हैं।
अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit:free pik
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।