काम जरूरी है लेकिन काम के दौरान प्रेशर इनता बढ़ जाता है कि कई बार यह निराशा और अवसाद का कारण बन जाता है। यही डिप्रेशन मन में गलत विचारों को पैदा करता है और व्यक्ति आत्महत्या जैसी कदम उठाने लगता है। अभी हाल ही में खबर सामने आई है कि काम के दबाव के कारण एक लड़की ने मौत को गले लगा लिया। ऐसे में जरूरी है कि अगर किसी भी व्यक्ति को कम का दबाव महसूस हो तो वक्त रहते ही इसकी गंभीरता को समझा जाए,और इससे निपटने के लिए उपाय किए जाएं।
वैसे तो योग, प्राणायाम जैसी कई सारी क्रियाएं हैं जो मन को शान करती है, लेकिन जरूरी है कि वर्क स्ट्रेस के कारण को समझकर उनका निदान किया जाए। अगर आप भी वर्क स्ट्रेस से परेशान हैं और मन में गलत ख्याल आते हैं तो हम आपको एक्सपर्ट के बताएं कुछ टिप्स बता रहे हैं, जिससे आपकी टेंशन दूर होगी। इस बारे में Dr. Rahul Chandhok, Head Consultant-Mental Health & Behavioural Science, Artemis Hospitals
वर्क स्ट्रेस से दूर रहने के उपाय
एक्सपर्ट बताते हैं कि काम के साथ जिम्मेदारियां का दबाव स्वाभाविक है, लेकिन ऐसा लगे कि वर्क स्ट्रेस के कारण आपके जीवन पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है तो खुलकर बात करना जरूरी ह। एक बार अपने एचआर से अपनी चिताओं को साझा कीजिए, हो सकता है कि उनके पास आपकी समस्या का कोई समाधान हो। आपका प्रयास आपकी ही तरह अन्य कई लोगों को भी उसे तरह की समस्या से बचा सकता है।
हर व्यक्ति की काम करने की अपनी क्षमता और अपना तरीका होता है, इसलिए किसी अन्य के प्रदर्शन के कारण दबाव में ना आएं। किसी अन्य से आपके काम की तुलना नहीं की जा सकती। अगर आप खुद की तुलना करने की भावना से दूर रहें तो कई तरह के स्ट्रेस से खुद को दूर रख पाएंगे। ऐसे लोगों से दूर रहे जो अक्सर किसी की तुलना करते रहते हैं।
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काम के चक्कर में अक्सर लोगों को घर से दूर रहना पड़ता है, जो की सबसे घातक है। जहां तक संभव हो अकेले रहने से बचें, सेटल हो जाएं तो अपने परिवार के ही सदस्य को अपने पास बुला सकते हैं। किसी अपने का आसपास रहना कई तरह के तनाव से बचाता है। अगर आप परिवार से दूर भी रह रहे हैं तो रोजाना उनसे बात करें और परिवार के किसी न किसी सदस्य से अपने मन की बात खुलकर साझा करें।
खुद को समय देना बेहद जरूरी है। कोशिश करें कि वीकेंड पर काम का कोई दबाव न रहे, वर्क स्ट्रेस में वर्क कल्चर की बहुत बड़ी भूमिका होती है। अगर सही कल्चर ना हो तो पहले अपने सीनियर से बात करें, इसके बाद भी अगर कोई हल न दिखे तो कंपनी बदलने की दिशा में कोशिश शुरू कर दें। टॉक्सिक माहौल में बिताया गया हर मिनट आपको डिप्रेशन में डाल सकता है। इसके अलावा काम और समय को अच्छे से मैनेज करना भी स्ट्रेस से बचने का जरूरी पहलू है।
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