अर्थराइटिस के मरीज़ों के लिए फिजियोथेरेपिस्ट के बताए 5 खास टिप्स

अगर आप अर्थराइटिस के दर्द से जूझ रही हैं तो फिजियोथेरेपिस्ट की बताए ये टिप्स आपके लिए कारगर साबित हो सकते हैं।

tips for arthritis by physiothearapist

आज यानी 8 सिंतबर के दिन वर्ल्ड फिजिकल थेरेपी डे समाज में फिजियोथेरेपिस्ट के महत्वपूर्ण योगदान के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है। मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द में आपको फिजियोथेरेपी से आराम मिल सकता है अगर आप डॉक्टर की सलाह और देख-रेख में थेरेपी करें। वहीं आजकल एक समस्या जो कई लोगों में देखने को मिल रही है वो है अर्थराइटिस। ये अब कम उम्र के लोगों के लिए भी एक बड़ी चिंता बनता जा रहा है और कई लोगों में तो ये 40 की उम्र से ही शुरू हो जाता है। अर्थराइटिस असल में शरीर के जोड़ों की एक स्थिति है जिसमें जोड़ों में सूजन आ जाती है और इसका सबसे पहला लक्षण इनमें अकड़न ही होता है। ये उम्र के साथ और गंभीर और दर्दभरा हो जाता है।

वैसे तो अर्थराइटिस के कई प्रकार होते हैं पर ये प्रमुख दो प्रकारों से विभाजित किया जाता है। ओस्टियोअर्थराइटिस और रुमेटॉइड अर्थराइटिस। रुमेटॉइड एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है जिसमें जॉइंट कैप्सूल प्रभावित होता है और इससे जोड़ों में सूजन आती है और अंतत: जॉइंट कार्टिलेज प्रभावित होती है। ओस्टियोअर्थराइटिस रोजमर्रा की आंतरिक टूट-फूट के कारण होता है।

इन दोनों ही अर्थराइटिस के कारण कई बार लोगों को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पर अर्थराइटिस के मरीज़ों को अपनी दिनचर्या में क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए जिससे उन्हें फायदा मिले ये जानने के लिए हमने मंडल रेल हॉस्पिटल भोपाल में कार्यरत फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर समर्थ सूर्यवंशी से बात की। उन्होंने हमें इससे जुड़े कई नियम बताए जो दर्द में राहत देने में मदद कर सकते हैं।

वो टिप्स जो अर्थराइटिस के मरीज़ों के लिए हो सकते हैं बेहतर-

dr samarth suryavanshi physiotherapist

1. एक्सरसाइज-

वैसे तो अर्थराइटिस के मरीज़ों के लिए कई बार उठना बैठना भी मुश्किल होता है, लेकिन अगर सही फिजियोथेरेपी की जाए तो उनकी मांसपेशियों में ताकत आ सकती है जिससे जॉइंट्स में घर्षण कम होता है। डॉक्टर समर्थ के मुताबिक आपको अपने फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह के साथ ही एक्सरसाइज तय कर लेनी चाहिए।

काम की टिप-

डॉक्टर समर्थ के मुताबिक क्वाड्रीसेप्स हैमस्ट्रिंग्स की ट्रेनिंग लेना सबसे लाभकारी साबित हो सकता है। अधिकांश फिजियोथेरेपिस्ट इसकी ही सलाह देते हैं।

physiotherapist tips

इसे भी पढ़ें:सर्दियों में arthritis का pain आपको भी करता हैं परेशान, तो broccoli और पालक खाएं

2. पॉश्चर-

अर्थराइटिस में आराम देने के लिए सही पॉश्चर का होना बहुत जरूरी है जिससे इंसान जॉइंट पेन से बच सके। ये दर्द हमेशा हमारे गलत उठने बैठने के तरीके से और ज्यादा बढ़ जाता है। पैर किस तरह से रखना है ये भी आपको फिजियोथेरेपिस्ट बता सकता है जिससे आपका पेन कुछ कम हो।

काम की टिप-

डॉक्टर समर्थ के मुताबिक आपको ज्यादा देर तक घुटने मोड़कर बैठने से बचना चाहिए। ऐसा करने से कार्टिलेज पर ज़ोर पड़ता है और जॉइंट्स पर अत्यधिक दबाव पड़ता है। ये जोड़ों के दर्द का एक मुख्य कारण बन सकता है।

3. वजन पर नियंत्रण-

अगर आपको अर्थराइटिस की समस्या है तो ये बहुत जरूरी है कि आप अपना वजन नियंत्रित कर लें क्योंकि इसके बढ़ने से जॉइंट्स पेन बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और एक स्टडी के मुताबिक अगर बॉडी का एक किलो वजन बढ़ता है तो इसे जॉइंट में ये 4 किलो माना जाता है। ये भी कार्टिलेज के डैमेज होने का प्रमुख कारण बन सकता है।

काम की टिप-

अगर आपका वजन बढ़ रहा है तो आप उसे खाने-पीने से भी कंट्रोल कर सकते हैं, लेकिन तब भी एक्सरसाइज बहुत जरूरी होगी।

physiotherapist and tips

4. चोट से बचें-

अगर आपको अर्थराइटिस है तो छोटी सी चोट भी घातक हो सकती है। इसलिए हर रोज़ सावधानी बरतनी जरूरी है और दीवार से टकराना या फिर गिरना बहुत ज्यादा समस्या पैदा कर सकता है।

काम की टिप-

डॉक्टर समर्थ के मुताबिक अक्सर लोग दर्द में अपने घुटनों में हाथ मारते हैं और बार-बार अपने जोड़ों पर हाथ मारना भी माइक्रोट्रॉमा कहा जाता है जिससे जोड़ों का दर्द और ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसा करने से बचना चाहिए, इससे आप दर्द को कम नहीं करते बल्कि बढ़ा देते हैं।

इसे भी पढ़ें:कैसी चोट और दर्द के लिए करें बर्फ से सिकाई, एक्सपर्ट से जानें गरम और ठंडे के नियम

5. संतुलित आहार-

अर्थराइटिस के मरीज़ों को विशेषज्ञ की देखरेख में संतुलित आहार लेना चाहिए। कैल्शियम और विटामिन-डी की कमी बिल्कुल नहीं होनी चाहिए, जिससे जोड़ों के दर्द में आराम मिल सके।

काम की टिप-

एक्सरसाइज के साथ-साथ आप डाइट चार्ट भी बनवा लें ताकि आप अपना वजन कंट्रोल कर सकें। स्वस्थ आहार शरीर को कई तरह की समस्याओं से बचाता है।

फिजियोथेरेपिस्ट के हिसाब से आपको इन 5 बातों का ध्यान रोज़ाना रखना होगा। अगर कोई अपना ध्यान ठीक तरह से नहीं रख रहा है तो उसे आगे चलकर ज्यादा समस्या होगी। जिसके घर में पहले भी किसी को अर्थराइटिस हो चुका है उसे शुरुआत से ही अपने शरीर का ख्याल रखना चाहिए। तो अगर आप भी जोड़ों के दर्द या अर्थराइटिस की समस्या से परेशान हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Recommended Video

अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य एक्सपर्ट स्टोरीज पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP