इंटरमिटेंट फास्टिंग और टाइम रिस्ट्रिक्ट ईटिंग में क्या होता है अंतर, जानिए यहां

इंटरमिटेंट फास्टिंग और टाइम रिस्ट्रिक्ट ईटिंग को अक्सर लोग एक ही समझते हैं, जबकि इन दोनों में काफी अंतर होता है। जानिए इस लेख में। 
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जब लोग वेट लॉस करते हैं, तो उस दौरान आपका आहार और उसे खाने का पैटर्न बहुत अधिक मायने रखता है। वेट लॉस के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग करना काफी अच्छा माना जाता है। हालांकि, इसके अलावा टाइम रिस्ट्रिक्ट ईटिंग से भी काफी लाभ मिलता है। यह दोनों ही ऐसे तरीके हैं जो आपके ईटिंग पैटर्न को मैनेज करने में मदद करते हैं और इससे आपको वजन कम करने के अलावा, मेटाबॉलिज्म को बूस्टअप करने में काफी मदद मिलती है।

चूंकि इसमें समय को लेकर प्रतिबंध होता है, इसलिए लोग इन दोनों ईटिंग पैटर्न को एक ही समझते हैं, जबकि वास्तव में इसमें कुछ हद तक अंतर होता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग में आपका फिक्स ईटिंग और फास्टिंग विंडो होता है।

लोग अमूमन 16ः8 से लेकर अल्टरनेट फास्टिंग या फिर 5:2 डाइट को फॉलो करते हैं। जबकि टाइम रिस्ट्रिक्ट ईटिंग इंटरमिटेंट फास्टिंग का और भी ज्यादा स्पेसिफिक रूप है, जिसमें एक निश्चित समय सीमा के भीतर सभी मील्स लेना शामिल होता है, जो आमतौर पर 6 से 12 घंटे तक होता है, और दिन के बाकी समय उपवास करना होता है।

तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको टाइम रिस्ट्रिक्ट ईटिंग और इंटरमिटेंट फास्टिंग के बीच के अंतर के बारे में बता रही हैं-

फास्टिंग पीरियड्स

Intermittent fasting vs. time-restricted eating

इंटरमिटेंट फास्टिंग का पीरियड 12 घंटे से लेकर कई दिनों तक हो सकता है। इसमें लोग अमूमन 16:8 या अल्टरनेटिव डे फास्टिंग आदि को फॉलो करते हैं। जबकि टाइम रिस्ट्रिक्ट ईटिंग में फास्टिंग पीरियड हर दिन होता है जो आम तौर पर 12-16 घंटे तक चलता है। अमूमन लोग इसमें सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे के बीच ही अपने सभी मील्स लेते हैं। इसमें अल्टरनेटिव फास्टिंग या एक्सटेंडिड फास्टिंग पीरियड को शामिल नहीं किया जा सकता है।

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फास्टिंग विंडो में फ्लेक्सिबिलिटी

difference between intermittent fasting and time restrict eating expert

इंटरमिटेंट फास्टिंग और टाइम रिस्ट्रिक्ट ईटिंग में फास्टिंग विंडो की फ्लेक्सिबिलिटी को लेकर अंतर पाया जाता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग इस मायने में अधिक फ्लेक्सिबल है कि फास्टिंग विंडो को आपके पैटर्न के आधार पर अलग हो सकता है। मसलन, आप एक पूरा दिन फास्ट रखते हैं और दूसरे पूरा दिन ईटिंग कर सकत हैं। जबकि, टाइम रिस्ट्रिक्ट ईटिंग में ईटिंग विंडो हर दिन लगभग एक समान होती है, जो आमतौर पर 6-12 घंटे के बीच होती है। इस तरह, इसमें फास्टिंग विंडो बहुत अधिक फ्लेक्सिबल नहीं होती है।

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कैलोरी रिस्ट्रिक्शन में अंतर

What is time-restricted eating

यूं तो इंटरमिटेंट फास्टिंग और टाइम रिस्ट्रिक्ट ईटिंग दोनों कहीं ना कहीं वेट लॉस में मददगार है। लेकिन फिर भी इनमें कैलोरी रिस्ट्रिक्शन को लेकर अंतर पाया जाता है। मसलन, इंटरमिटेंट फास्टिंग में ईटिंग पीरियड्स के दौरान भी कैलोरी इनटेक को लेकर रिस्ट्रिक्शन किया जाता है। वहीं, टाइम रिस्ट्रिक्ट ईटिंग में आमतौर पर कैलोरी को लेकर किसी तहर का रिस्ट्रिक्शन नहीं होता है। इसमें कैलोरी को कम करने के बजाय मील्स को शरीर की सर्कैडियन रिदम के साथ एलाइन करने पर अधिक फोकस किया जाता है।
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Image Credit- freepik

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