जब बात कुकिंग होती है तो उस दौरान ऑयल का इस्तेमाल जरूर किया जाता है। लेकिन ऑयल सिर्फ तड़का लगाने या फिर खाने के टेस्ट को बेहतर बनाने के लिए ही नहीं होता है, बल्कि इसका सीधा असर सेहत पर पड़ता है। जहां कुछ तेल पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, वहीं कुछ समय के साथ आपके शरीर को नुकसान पहुंचाते चले जाते हैं। दरअसल, इन कुकिंग ऑयल्स को बहुत अधिक प्रोसेस्ड किया जाता है और इसमें अनहेल्दी फैट्स पाए जाते हैं, जो कई तरह की समस्याओं की वजह बन सकते हैं।
आपको सुनकर शायद अजीब लगे, लेकिन ये कुकिंग ऑयल्स मोटापे से लेकर दिल से जुड़ी बीमारियों की वजह भी बन सकते हैं, इसलिए इनसे बचने की सलाह दी जाती है। लेकिन फिर भी अनजाने में हम इन ऑयल्स को अपनी रोजमर्रा की कुकिंग में शामिल करते हैं। इसलिए, इनके बारे में जानना और इनसे बचना बेहद जरूरी है। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको बता रही हैं कि कुकिंग के लिए किन ऑयल्स का इस्तेमाल करना सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है-
सोयाबीन, सूरजमुखी, कॉर्न, कैनोला या राइस ब्रेन ऑयल को बहुत अधिक केमिकल प्रोसेस किया जाता है। इतना ही नहीं, इसमें ब्लीचिंग भी होती है, जिसकी वजह से इसके प्राकृतिक पोषक तत्व निकल जाते हैं और इसमें हानिकारक कंपाउंड्स मिल जाते हैं। इसलिए, इनसे खाना बनाना अच्छा नहीं माना जाता है। इसमें अक्सर ट्रांस फैट होता है, जो हृदय रोग, डायबिटीज और मोटापे की वजह बनता है। कुछ रिफाइंड वेजिटेबल ऑयल में हेक्सेन भी हो सकता है, जिसका टॉक्सिक इफेक्ट देखने को मिलता है।
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आप कुकिंग में नेचुरल पाम ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन हाइड्रोजनेटेड पाम ऑयल ट्रांस फैट से भरा होता है, जो सेहत के लिए नुकसानदायक है। अक्सर पैकेज्ड फूड आइटम्स में हाइड्रोजनेटेड पाम ऑयल पाया जाता है। हाइड्रोजनेटेड पाम ऑयल शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने और गुड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, जिससे हृदय रोग होता है। इसलिए हमेशा हाइड्रोजनेटेड पाम ऑयल से बचने के लिए लेबल की जांच करें।
डालडा जैसे हाइड्रोजनीकृत ऑयल वास्तव में आर्टिफिशियल घी होते हैं। इसे वेजिटेबल ऑयल में हाइड्रोजन मिलाकर बनाया जाता है, जिससे यह गाढ़ा व मक्खन जैसा ठोस पदार्थ बन जाता है। इसमें ट्रांस फैट बहुत अधिक पाया जाता है, जो हार्ट हेल्थ को नुकसान पहुंचाता है। इससे आपको कोलेस्ट्रॉल से लेकर मोटापे, डायबिटीज और पाचन से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कोशिश करें कि आप वनस्पति घी की जगह शुद्ध घी या कोल्ड-प्रेस्ड ऑयल का इस्तेमाल करें।
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कॉर्न ऑयल को केमिकल्स का इस्तेमाल करके निकाला जाता है और यह बहुत अधिक रिफाइंड होता है। इतना ही नहीं, इसमें ओमेगा-6 फैट बहुत अधिक पाया जाता है, जिससे हृदय रोग और मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। जब इसे गर्म किया जाता है तो इससे ऑक्सीकरण होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। इसलिए आप कॉर्न ऑयल की जगह घी या सरसों के तेल आदि का ही इस्तेमाल करें।
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