इस स्‍पेशल पौधे से दूर करें ये 8 परेशानियां, इस्तेमाल का सही तरीका जानें

अगर आप हेल्‍थ से जुड़ी समस्‍याओं को दूर करना चाहती हैं तो इस आर्टिकल में एक्‍सपर्ट के बताए पौधे के पत्ते, छाल और फूलों को 1 बार आजमाकर जरूर देखें। 

benefits of harsingar for health

महिलाएं स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़ी छोटी-छोटी समस्‍याओं के लिए ऐसे हर्ब्‍स की तलाश में रहती हैं जो न केवल आसानी से उपलब्‍ध हो, बल्कि असरदार भी हो। साथ ही इसके कोई साइड इफेक्‍टस भी न हो। इसलिए हम आपको समय-समय पर ऐसे हर्ब्‍स की जानकारी देते रहते हैं। इसके अलावा, हम आपको इसे इस्‍तेमाल करने के तरीके के बारे में भी बताते हैं क्‍योंकि ज्‍यादातर महिलाओं को बीमारी के हिसाब से इसे इस्‍तेमाल करना नहीं आता है।

आज हम आपको एक ऐसे हर्बल पौधे के बारे में बता रहे हैं जो आपके घर के आस-पास आसानी से देखने को मिल जाता है। इसके पत्ते, छाल और फूल इतने फायदेमंद हैं कि आपकी हेल्‍थ से जुड़ी कई समस्‍याओं को मिनटों में दूर कर सकती हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टर दीक्षा भावसार ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इससे जुड़ी जानकारी शेयर की है।

आयुर्वेदिक डॉक्टर दीक्षा भावसार जी ने कैप्‍शन में लिखा, 'पारिजात को कई नामों जैसे रात की चमेली और हरसिंगार से भी जाना जाता है। इसका वानस्पतिक नाम निक्टेन्थेस आर्बर-ट्रिस्टिस है। पारिजात या हरसिंगार सुगंधित सफेद फूलों वाला छोटा सजावटी वृक्ष है। इसके खूबसूरत सफेद फूलों की सुखदायक और शांत सुगंध कई लोगों द्वारा पसंद जाती है।'

'आपको यह जानकर उत्सुकता होगी कि पारिजात का पेड़ केवल रात में ही खिलता है और सुबह अपने सभी फूलों को गिरा देने के लिए जाना जाता है। वास्तव में, इसे 'रात की रानी' के नाम से जाना जाता है। यह हिंदू पौराणिक कथाओं में वर्णित एक पवित्र वृक्ष है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण अपनी प्यारी पत्नी सत्यभामा के लिए इस वृक्ष को स्वर्ग से लाए थे। यह स्वर्ग में मौजूद पांच पेड़ों में से एक है।'

'हरसिंगार विभिन्न स्वास्थ्य लाभों वाला पौधा है। हरसिंगार के पेड़ के एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्‍टीरियल गुण इसे मानव स्वास्थ्य के लिए वरदान बनाते हैं। पुराने बुखार,अर्थराइटिस, जोड़ों का दर्द, साइटिका के इलाज के लिए पत्ते दिए जाते हैं। आइए इसके कुछ उपचार गुणों का पता लगाएं।'

अगर आप भी इन समस्‍याओं में से किसी से परेशान हैं तो इसका इस्‍तेमाल घर पर करें। हालांकि अगर आप हेल्‍थ से जुड़ी अन्‍य किसी समस्‍या से भी परेशान है और इसके लिए कोई दवा ले रही हैं तो एक्‍सपर्ट की सलाह से ही इसका सेवन करें।

बीमारी में हरसिंगार के पत्तों का ऐसे करें इस्‍तेमाल

बुखार के लिए

harsingar for fever

पारिजात को ज्वरनाशक के रूप में जाना जाता है। यह मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया बुखार सहित विभिन्न प्रकार के बुखार को ठीक करने में मदद कर सकता है। हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि पारिजात के पत्तों और छाल का अर्क बुखार को तुरंत कम करने के लिए बहुत उपयोगी है। यह डेंगू और चिकनगुनिया बुखार में प्लेटलेट काउंट बढ़ाने में मदद करता है। यह बैक्टीरिया वृद्धि को भी रोकता है जो बुखार का कारण बन सकता है।

सामग्री

  • पारिजात के पत्ते- 2 ग्राम
  • छाल- 3 ग्राम
  • तुलसी की पत्तियां- 2-3

विधि

  • तुलसी की पत्तियों के साथ छाल और पत्ते लेकर पानी में उबालें।
  • जब यह आधा रह जाए तो इसे दिन में 2 बार पिएं।

साइटिका और अर्थराइटिस के लिए

साइटिका सबसे दर्दनाक समस्‍याओं में से एक है। पारिजात के पत्तों और फूलों में एंटी-इंफ्लेमेंटरी गुण और विशिष्ट एसेंशियल आयल होते हैं जो इसे साइटिका और अर्थराइटिस के दर्द के उपचार में लाभकारी बनाते हैं।

साइटिका के लिए सामग्री

  • पारिजात के पत्ते- 3-4
  • पानी- 1 गिलास

विधि

  • पत्तों को अच्‍छी तरह से धो लें।
  • फिर इसे पीसकर पानी में उबालकर छान लें।
  • दिन में 2 बार खाली पेट पिएं।
  • आपको जल्‍द ही राहत मिलेगी।

अर्थराइटिस के लिए सामग्री

  • पारिजात के पत्ते, फूल और छाल- 5 ग्राम
  • पानी- 200 ग्राम

विधि

  • लगभग 5 ग्राम पत्ते, छाल, फूल लेकर पानी का काढ़ा बना लें।
  • काढ़ा तब बनता है जब पानी 1/4 मात्रा तक कम हो जाता है।

पेट के कीड़ों के लिए

harsingar for intestinal worms

सामग्री

  • पारिजात के पत्तों का रस- 2 चम्‍मच
  • मिश्री-आवश्यकतानुसार

विधि

  • 2 चम्मच रस निकालने के लिए पत्तों को मूसल में पीसें।
  • फिर इसे मिश्री और पानी के साथ सेवन करें।

सूजन और दर्द के लिए

सामग्री

  • पारिजात के पत्ते- 3-4
  • पानी- 2 गिलास

विधि

  • पत्तों को पानी में तब तक उबालें जब तक पानी 1/4 न हो जाएं।
  • फिर इसे काढ़े को पिएं।

सूखी खांसी के लिए

क्या आप लगातार खांसी और गले में जलन से पीड़ित हैं? पारिजात के पत्तों और फूलों से बनी चाय का उपयोग खांसी, जुकाम और ब्रोंकाइटिस को कम करने के लिए किया जाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि पारिजात पौधे का इथेनॉल अर्क एक बेस्‍ट ब्रोन्कोडायलेटर है। यह अस्थमा में भी खूबसूरती से काम करता है।

सामग्री

  • पारिजात के पत्ते- 2
  • शहद- 1 चम्‍मच

विधि

  • पत्तों को मूसल में पीसकर रस निकाल लें।
  • इसका सेवन शहद के साथ करें।

सर्दी/खांसी/साइनस के लिए

सामग्री

  • पारिजात के पत्ते- 2-3
  • पारिजात के फूल- 4-5
  • तुलसी के पत्ते- 2-3
  • पानी- 1 गिलास

विधि

  • इसे चाय की तरह पिएं।
  • 1 गिलास पानी में पत्ते और फूल उबालें।
  • इसमें तुलसी के पत्ते डालकर चाय की तरह पिएं।

चिंता के लिए

harsingar for anxiety

रात की चमेली के तेल का उपयोग अरोमाथेरेपी में तनाव और चिंता को दूर करने के लिए किया जाता है। यह आपके ब्रेन में सेरोटोनिन के लेवल को बढ़ाता है और मूड को नियंत्रित करता है जिससे आप खुश महसूस करती हैं।

विधि

  • पत्तियों के पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाएं।
  • आप चाहें तो तुलसी के 2-3 पत्तों के साथ 2 ग्राम पत्ते लेकर पानी में उबालकर दिन में 2 बार पिएं।

दाद के लिए

पारिजात एंटी-एलर्जी, एंटी-वायरल और एंटी-बैक्‍टीरियल के रूप में अद्भुत तरीके से काम करता है। यह बैक्‍टीरिया को रोकने में मदद करता है। इसका उपयोग त्वचा के विभिन्न फंगल संक्रमण के इलाज के लिए भी किया जा सकता है।

सामग्री

  • पारिजात के पत्ते- 2

विधि

  • पत्तों का लेप बनाकर प्रभावित जगह पर लगाएं।

नोट

यह जानने के लिए कि यह आपके शरीर के अनुकूल है या नहीं, इसे शुरू करने से पहले हमेशा डॉक्टर से सलाह लें।

आपको यह आर्टिकल कैसा लगा? हमें फेसबुक पर कमेंट करके जरूर बताएं। हर्ब्‍स से जुड़ी ऐसी ही अन्‍य जानकारी के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।

Image Credit: Shutterstock & Freepik

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