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बार-बार होती है UTI की परेशानी, ये आयुर्वेदिक टिप्स दिला सकते हैं राहत

बार-बार यूटीआई ने परेशान कर दिया है, तो आप हाइजीन  मेंटेन करने के साथ-साथ आयुर्वेद का सहारा भी ले सकती हैं। आइए, यहां एक्सपर्ट से जानते हैं कि कैसे आयुर्वेद UTI की समस्या से राहत दिला सकता है।
Editorial
Updated:- 2024-08-27, 12:09 IST

यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यानी  यूटीआई (UTI) एक ऐसा इंफेक्शन है जो यूरिनरी सिस्टम यानी मूत्राशय के किसी भी हिस्से में हो सकता है। यूटीआई एक बहुत ही कॉमन बीमारी है, लेकिन यह पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में देखने को मिलती है। यूटीआई इंफेक्शन के लक्षण पेशाब में जलन, यूरिन का रंग धुंधला होना और बदबू आना हो सकते हैं। कुछ महिलाओं को पेट के निचले हिस्से में दर्द की शिकायत भी होती है।

यूटीआई इंफेक्शन के लक्षणों पर अगर ध्यान नहीं दिया जाए तो यह गंभीर भी हो सकता है। इंफेक्शन के बढ़ने पर ब्लैडर के साथ पीठ में दर्द, बुखार, उल्टी और जी मिचलाने  जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। यूटीआई में ज्यादातर पर्सनल हाइजीन का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। लेकिन, अगर आप बार-बार यूटीआई का शिकार हो रही हैं, तो आप आयुर्वेदिक उपायों को भी अपना सकती हैं।

यूटीआई में आयुर्वेद कैसे मदद कर सकता है, इसके टिप्स डॉ. चैताली राठौड़ ने अपने सोशल मीडिया और हमारे साथ शेयर किए हैं। डॉ. चैताली राठौड़ ने BAMS किया है। एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर आप बार-बार यूटीआई इंफेक्शन के घेरे में आ जाती हैं, तो कुछ चीजों की मदद से इससे राहत पा सकती हैं।

यूटीआई में आयुर्वेदिक टिप्स दिला सकते हैं राहत! 

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दही और खट्टे भोजन से बचें

एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर आपको बार-बार यूटीआई हो जाता है, तो दही और खट्टा भोजन करने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि हर दिन दही खाना आपके इंफेक्शन को बढ़ा सकता है।

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भीगी काली किशमिश

इंफेक्शन से परेशान महिलाएं हर दिन 3 से 4 भीगी काली किशमिश का सेवन कर सकती हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक, इनका सेवन सुबह-सुबह करना फायदेमंद हो सकता है। भीगी काली किशमिश दिन में दो बार भी खाई जा सकती है। यह यूटीआई इंफेक्शन में लाभकारी हो सकती है।

 

 

 

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चावल का पानी या तंदुलोदक

हर दिन दो बार चावल का पानी भी पीना इंफेक्शन को कम कर सकता है। इस चावल के पानी को आयुर्वेद में तंदुलोदक भी कहा जाता है। यूटीआई इंफेक्शन में 10-15ml चावल का पानी लेने की सलाह दी गई है। साथ ही, एक्सपर्ट ने बताया है कि चावल के पानी की डोज इंफेक्शन की कंडीशन पर निर्भर करती है।

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तंदुलोदक कैसे बनाएं? 

तंदुलोदक को बनाने के लिए एक हिस्सा चावल लें और चार हिस्सा पानी लें। फिर चावल को पानी में पकने तक उबालें। इसके बाद,  पानी को एक बर्तन में निकाल लें। इसी पानी का आपको सेवन करना है।

यूटीआई से राहत के लिए अन्य टिप्स

  • केले के तने का जूस: आयुर्वेद में केले के तने के बहुत सारे फायदे बताए गए हैं। केले के तने के जूस में इलेक्ट्रोलाइट्स की मात्रा भरपूर होती है। यह पेशाब में होने वाली जलन को दूर करने में मदद कर सकता है।
  • जौं का पानी: यूटीआई से बचने के लिए जौ के पानी का सेवन करना भी फायदेमंद माना जाता है। यह भी पेशाब में होने वाली जलन में राहत दिलाता है। साथ ही, यह बॉडी में मौजूद टॉक्सिक पदार्थों को बाहर भी करने में मदद करता है। 
  • हाइड्रेट रहें: इंफेक्शन के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया को शरीर से  निकालने के लिए पानी का सेवन ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। दिन में 8 गिलास पानी पीने की सलाह दी जाती है। 
  • टाइट कपड़े ना पहनें: इंफेक्शन में टाइट कपड़े पहनने से बचना चाहिए, खासकर अंडरगारमेंट्स। खुले कपड़े पहनने से बैक्टीरिया को विकास करने में मदद नहीं मिलती है। इंफेक्शन में जितनी सफाई रखेंगी, उतना ही आपके लिए फायदेमंद रहेगा। ऐसे में हर बार साफ-सुथरे कपड़े ही पहनें।

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  • पीरियड्स में रखें खास ख्याल: पीरियड्स के दौरान खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस समय इंफेक्शन के बढ़ने का  चांस सबसे ज्यादा होता है । पीरियड्स के दौरान साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए।

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यूटीआई में रखें हाइजीन का ध्यान

  • यूटीआई इंफेक्शन में पर्सनल हाइजीन का खास ख्याल रखने की सलाह दी जाती है। एक्सपर्ट ने कुछ टिप्स भी बताए हैं, जिन्हें अपनाकर आप इंफेक्शन से राहत पा सकती हैं।
  • एक्सपर्ट ने अंगों की स्किन को अच्छे से साफ करने की सलाह दी है।
  • इंफेक्शन से बचने के लिए सेक्शुअल इंटरकोर्स के बाद टॉयलेट जाने और पानी पीने की सलाह दी गई है।
  • ऐसे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, जो जेनेटिल एरिया में जलन पैदा करे। 

 

यूटीआई यानी यूरिन इंफेक्शन के लिए यह सिर्फ आयुर्वेदिक उपाय हैं, इलाज नहीं। ऐसे में अगर आपको यूटीआई इंफेक्शन हो गया है, तो डॉक्टर से अवश्य ही सलाह लेनी चाहिए। क्योंकि, इसका सही समय पर इलाज नहीं किया जाए तो यह गंभीर परेशानी का कारण भी बन सकती है।

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Image Credit: Freepik

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