अगर आपने ध्यान दिया हो तो आप रोजाना कुछ चीजों को दोहराते रहते है, ये आपकी आदत हो सकती है। आदतों का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। स्वस्थ जीवन जीने के लिए आपको थकाने वाली आदतों से बचना होगा।
दूसरे शब्दों में आप समझ सकते हैं कि आदतें वे क्रियाएं या व्यवहार हैं, जो आप रोजाना करते हैं। मानो या न मानो, बुरी आदतें आपके स्वास्थ्य के लिए भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक रूप से हानिकारक होती हैं।
अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो आपको इन आदतों को बदलना होगा। हम आपको उन बुरी आदतों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको आज से ही छोड़ देना चाहिए। इसकी जानकारी आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर दीक्षा भावसार ने शेयर की है।
भूख इस बात का संकेत है कि आपका भोजन अच्छी तरह से पच चुका है। जब आप बिना भूख के खाते हैं, तब लिवर पर जरूरत से ज्यादा बोझ पड़ता है।
सबसे अच्छा नियम जिसका आपको फॉलो करना है वह केवल तभी खाना खाएं, जब आपको भूख लगे। भूख लगने पर खाने से बचना और बिना भूख के खाने से आपकी आंतों को नुकसान होता है और मेटाबॉलिज्म भी स्लो होता है।
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आपको रात को 10 बजे तक सो जाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि रात 10 बजे से 2 बजे तक का समय पित्त प्रधान होता है। इसका मतलब है कि आपका मेटाबॉलिज्म तेज है।
यदि आप शाम को 7-7:30 बजे खाना खा लेते हैं और जल्दी सो जाते हैं, तो आपकी पाचन अग्नि दिन-भर में खाई जाने वाली चीजों को आसानी से पचाती है। इससे आपका लिवर अच्छी तरह से डिटॉक्स होता है, जिससे आपका वजन कम होता है, शुगर लेवल कंट्रोलमें रहता है और एनर्जी मिलती है। इससे अलावा, आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन से पोषण को अवशोषित करना आसान होता है।
आधी रात के बाद सोने से आपको ठीक से नींद नहीं आती है और यह आपके सर्कैडियन रिदम (यह एक प्राकृतिक आंतरिक घड़ी है, जो नींद और जागने के साइकिल को नियंत्रित करती है) को भी बिगाड़ देता है, जिससे तनाव, विटामिन की कमी, पेट में गड़बड़ी आदि समस्याएं होने लगती हैं।
सूर्यास्त से पहले या सूर्यास्त के 1 घंटे के अंदर या रात को 8 बजे तक डिनर करना सेहत के लिए अच्छा होता है। रात 9 बजे के बाद डिनर करने से मेटाबॉलिज्म स्लो होता है, लिवर ठीक से डिटॉक्स नहीं होता है और नींद भी ठीक से नहीं आती है। लंबे समय तक इसी आदत को अपनाने से डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, मोटापा और हार्ट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
मल्टी-टास्किंग से शरीर में कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) का लेवल बढ़ जाता है, जिससे आपको ऑटो-इम्यून और लाइफस्टाइल से जुड़ी समस्याओं के होने का खतरा बढ़ जाता है।
एक समय में एक काम करने से आपकी कार्य क्षमता बढ़ती है, तनाव कम होता है और आप ज्यादा संतुष्ट और शांतिपूर्ण महसूस करते हैं।
जरूरत से ज्यादा एकसरसाइज करने से थकावट महसूस होती है। इसके अलावा, आपको ब्लीडिंग डिस्ऑर्डर हो सकते हैं और पेचिश, खांसी, बुखार, बहुत ज्यादा प्यास लगना और उल्टी जैसी समस्याएं परेशान कर सकती हैं।
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यदि हम पौष्टिक आहार लिए बिना ज्यादा एक्सरसाइज करते हैं, तो इससे शरीर में वात बढ़ने लगता है, अग्नि तत्व बिगड़ने लगता है और टिश्यू का लॉस होता है।
जब सर्दी के मौसम में आप जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करते हैं, तब यह माथे, हथेलियों और जांघों पर पसीने से पता चलता है।
हेल्दी रहना चाहते हैं तो आज से ही इन आदतों को छोड़ दें। आपको भी हेल्थ से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं और हम अपनी स्टोरीज के जरिए इसका हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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