एलोवेरा सबसे फेमस हर्ब्स में से एक है। आज वेट लॉस से लेकर बालों और चेहरे को सुंदर बनाने और कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स को दूर करने के लिए एलोवेरा का इस्तेमाल किया जाता है। एलोवेरा को एक ऐसा हर्ब माना जाता है, जिसके केवल फायदे ही फायदे हैं। कई महिलाओं के दिन की शुरूआत एलोवेरा जूस के साथ होती है। अगर आप भी ऐसी महिलाओं में से एक हैं जिनके दिन की शुरूआत एलोवेरा के साथ होती है तो यह आर्टिकल सिर्फ आपके लिए है क्योंकि अगर एलोवेरा का सही तरीके से इस्तेमाल ना किया जाए तो आपकी हेल्थ को नुकसान हो सकता है। जी हां एलोवेरा से निकलने वाला एलो-लेटेक्स सिरदर्द, एलर्जी और कैंसर जैसी घातक बीमारी तक का कारण माना जाता है।
अगर आप एलोवेरा का इस्तेमाल करती हैं तो आपने देखा होगा कि जब हम इसे तोड़ते हैं तो इसमें से पीले रंग का पदार्थ निकलता है। इसी पीले रंग के पदार्थ को एलो लेटेक्स कहते है। यहीं पदार्थ बहुत सारी बीमारियों का कारण बनता है। यहां तक कि कैंसर जैसी घातक बीमारी भी इसी के कारण होती हैं। विश्वास नहीं हो रहा तो आइए हमारे साथ इस बारे में विस्तार से जानें।
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एलोवेरा लेटेक्स के नुकसान
एक्सपर्ट के अनुसार एलोवेरा से निकालने वाले इस पीले रंग का लेटेक्स टॉक्सिक होता है। अगर इसमें थोड़ी मात्रा में टॉक्सिक हो इसे नजरअंदाज किया जा सकता है। लेकिन क्या आप जानती हैं, इसके टॉक्सिक इतने खतरनाक होते हैं जो कैंसर जैसी घातक बीमारी का कारण बनते हैं। इसके अलावा 2011 में अमेरिका एनटीपी में हुई एक स्टडी में अमेरिकी सरकार ने लैब में एलोवेरा का टेस्ट किया। इस टेस्ट में ये परिणाम सामने आए कि अगर आप जूस के द्वारा इसका सेवन करती हैं या चटनी, जैम, मुरब्बा या सब्जी में एलोवेरा के लेटेक्स का इस्तेमाल करते हैं तो बॉडी में कैंसर के कारक पैदा होने लगते हैं। इसके अलावा जैल के तौर पर भी इसे त्वचा में लगाया जाए तो ये एक्जिमा, रेशैज और अन्य स्किन प्रॉब्लम्स हो सकती है।
अन्य नुकसान
- गर्भापात का खतरा- प्रेग्नेंसी में एलो लेटेक्स का इस्तेमाल भूल कर भी ना करें। मैरीलैंड मेडीकल सेंटर यूनीवर्सिटी की रिपोर्ट के अनुसार ये यूटेरिन कॉन्ट्रेक्शन पैदा करता है जिससे गर्भपात होने की आशंंका पैदा हो जाती है।
- दस्त- एलोवेरा में लैक्सेटिव, एंथ्राक्विनोन आदि तत्व मौजूद होते हैं, इसका ज्यादा मात्रा में सेवन करने से दस्तलग सकते हैं। तो ध्यान रहे कि यदि आपको इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम या गैस की समस्या हो तो एलोवेरा का सेवन न करें।
- बर्थ डिफेक्ट्स - एलो लेटेक्स बर्थ डिफेक्ट्स का भी कारण बनता है। वैसे भी शिशु को एलोवेरा से ही होने वाले फायदों के बारे में अब तक कोई जानकारी या रिसर्च का पता नहीं चला है। तो ब्रेस्टफीडिंग के दौरान एलोवेरा का इस्तेमाल बिल्कुल ना करें।
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- पोटेशियम का स्तर कम होना- अगर ऐलोवेरा का जरूरत से अधिक मात्रा में या गलत तरीके से सेवन किया जाए तो बॉडी में पोटैशियम की कमी हो जाती है। ऐसा होने से दिल की धड़कन अनियमित हो सकती हैं और कमजोरी महसूस हो सकती है।
- दवाओं का असर करें बेअसर-एलोवेरा में मौजूद लैक्सेटिव शरीर में कुछ दवाओं को अवषोषित होने से भी रोक सकता है। अगर आप दवाएं ले रही हैं तो एलोवेरा को किसी भी रूप में लेने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह अवश्य ले लें।
यह जानने के बाद आप घबराएं नहीं क्योंकि एलोवेरा के बहुत सारे फायदे हैं। लेकिन तब जब इसका इस्तेमाल सही तरीके से किया जाएं। आइए इसे सही तरीके से इस्तेमाल करने तरीके के बारे में जानें।
इस्तेमाल का सही तरीका
- इसे इस्तेमाल करने के लिए एलोवेरा की पत्ती को तोड़कर कुछ देर के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
- कुछ देर बाद इसका पीला पदार्थ यानी लेटेक्स पूरी तरह से निकाल जाएगा फिर इसे अच्छे से धोकर इस्तेमाल करें।
- चाहे इसके जैल को खाने के लिए इस्तेमाल करना हो या लगाने के लिए इसी तरीके से इस्तेमाल करना सही रहता है।
आप भी एलोवेरा का सेवन करते समय यह सावधानियां जरूर लें। इस तरह के और आर्टिकल पढ़ने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
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