फिट रहने के लिए वर्कआउट करना जरूरी है, यह बात तो हम सभी जानते हैं। लेकिन शुरुआती दौर में किस एक्सरसाइज को किया जाए, इसे लेकर अक्सर कशमकश रहती है। ऐसे में आपको लो इंपैक्ट एरोबिक्स एक्सरसाइज़ को चुनना चाहिए। बिगनर्स को कभी भी अपनी शुरुआत हाई इंटेसिटी वर्कआउट से नहीं करनी चाहिए।
कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य को बेहतर बनाने से लेकर तनाव और चिंता को कम करने तक, लो इंपैक्ट एरोबिक्स आपकी फिटनेस जर्नी को शुरू करने का एक बेहतरीन और प्रभावी तरीका है। सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण बात, ये एक्सरसाइज़ जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव नहीं डालती है, जिससे यह उन लोगों के लिए एक आदर्श विकल्प हैं जो लंबे गैप के बाद दोबारा अपनी फिटनेस जर्नी शुरू कर रहे हैं या फिर पहली बार वर्कआउट कर रहे हैं। तो चलिए आज इस लेख में बिगनर्स को लो इंपैक्ट एरोबिक्स एक्सरसाइज के मिलने वाले फायदों के बारे में जानते हैं-
लो इम्पैक्ट एरोबिक्स क्या है
लो इम्पैक्ट एरोबिक्स एक तरह की एक्सरसाइज है, जो जोड़ों पर दबाव नहीं डालती है और इसलिए इसे बिगनर्स के लिए काफी अच्छा माना जाता है। इस तरह की एरोबिक्स कूदना या हाई इंटेसिटी वाली हरकतें शामिल नहीं होती हैं। इसमें आप हर समय एक पैर को ज़मीन पर रखते हैं, जिससे जोड़ों पर तनाव कम होता है और चोट लगने का जोखिम कम होता है। इसमें शरीर पर अत्यधिक दबाव डाले बिना हृदय संबंधी फिटनेस में भी सुधार होता है।
कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ होती है बेहतर
लो इंपैक्ट एरोबिक्स एक्सरसाइज को कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ के लिए काफी अच्छा माना जाता है। यह आपकी हृदय गति को बढ़ाकर और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाकर कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ को इंप्रूव करते हैं। जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत रहती है, उनके लिए भी लो इंपैक्ट एरोबिक्स एक्सरसाइज काफी फायदेमंद मानी जाती है। इससे आपकी ओवर ऑल कार्डियोवैस्कुलर बेहतर होती चली जाती है।
ज्वॉइंट का रखे ख्याल
अगर आप एक बिगनर हैं तो यह काफी हद तक संभव है कि आपका वजन अधिक हो या फिर किसी तरह की अन्य कोई ज्वॉइंट प्रोब्लम हो। ऐसे में आपको लो इंपैक्ट एरोबिक्स एक्सरसाइज करनी चाहिए। चूंकि इसमें दौड़ने या कूदने जैसे हाई इंटेसिटी वाले एक्सरसाइज को शामिल नहीं किया जाता है, इसलिएए जोड़ों पर कम तनाव पड़ता है। जिससे यह बिगनर्स या जोड़ों की समस्याओं या चोटों वाले व्यक्तियों के लिए एक सुरक्षित विकल्प बन जाता है।
बढ़ती है मसल स्ट्रेन्थ और फ्लेक्सिबिलिटी
जब आप लो इंपैक्ट एरोबिक्स वर्कआउट करते हैं तो इससे मसल स्ट्रेन्थ और फ्लेक्सिबिलिटी भी इंप्रूव होती है। दरअसल, लो इंपैक्ट एरोबिक्स करते हुए आप कुछ ऐसे मूवमेंट करते हैं, जिसमें अलग-अलग मसल ग्रुप टारगेट होते है। इससे मसल स्ट्रेन्थ बेहतर होती है। साथ ही साथ, लगातार लो इंपैक्ट एरोबिक्स करने पर फ्लेक्सिबिलिटी, ज्वॉइंट मोबिलिटी दोनों इंप्रूव होती है।
मेंटल हेल्थ को मिलता है फायदा
लो इंपैक्ट एरोबिक एक्सरसाइज मेंटल हेल्थ पर भी पॉजिटिव असर डालती है। जब आप लो इंपैक्ट एरोबिक एक्सरसाइज करती हैं तो इससे एंडोर्फिन रिलीज उत्तेजित होता है, जो मूड को बेहतर बना सकता है और साथ ही साथ, इससे एंग्जाइटी और डिप्रेशन के लक्षण भी कम होते हैं। इससे आपकी ओवर ऑल मेंटल हेल्थ पर अच्छा असर पड़ता है।
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Image Credit- freepik
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