जिस तरह से लोग घर की हर एक वस्तु के लिए वास्तुशास्त्र के नियमों का पालन करते हैं उसी प्रकार जीवन के हर एक नए मोड़ में भी इससे जुड़ी कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी होता है। ऐसा माना जाता है कि यदि आपके घर में कोई भी वास्तु दोष होता है तो ये सुख समृद्धि को नष्ट देता है। उसी प्रकार प्रेग्नेंसी में भी वास्तु से जुड़े कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है जिससे मां और बच्चे दोनों पर किसी नकारात्मक शक्ति का प्रभाव न पड़ सके। दरअसल ऐसा माना जाता है कि अगर घर में कोई वास्तु दोष होता है तो इसका प्रभाव न केवल मां पर पड़ता है बल्कि होने वाले बच्चे पर भी पड़ता है।
सभी की इच्छा होती है कि गर्भधारण में कोई परेशानी न हो, भावी संतान स्वस्थ हो और उसे किसी तरह की कोई बीमारी न हो इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना अति आवश्यक है जिसमें मां के स्वास्थ्य के साथ घर के कुछ वास्तु से जुड़ी बातें भी शामिल हैं। आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ.आरती दहिया से जानें उन वास्तु टिप्स के बारे में जो प्रेग्नेंसी में कुशलता बनाए रखने के लिए फॉलो की जा सकती हैं।
वास्तु दोष को दूर रखें
अगर हमारे घर की दक्षिण पूर्व दिशा वास्तु दोष से युक्त है तो स्त्रियों में संतान न होने की समस्या हो सकती है। इसलिए बेहतर है कि आप इस दिशा को साफ़ सुथरा रखें। इसके साथ ही यदि आप प्रेग्नेंट हैं तो अपने घर की छत को अवश्य साफ़ रखें। छत में किसी भी प्रकार का कचरा, लकड़ी, कबाड़, लोहे की छड़ आदि न रखें। इससे घर में वास्तु दोष उत्पन्न होता है और संतान होने में समस्या आती है। वास्तु टिप्स के अनुसार, एक विवाहित जोड़े को सुखी जीवन के लिए हमेशा बेडरूम के दक्षिण-पूर्व दिशा में सोना चाहिए क्योंकि यह अग्नि तत्व से जुड़ा है।
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सही दिशा में रखें बेड
बेड की व्यवस्था इस तरह से होनी चाहिए कि माता का सिर दक्षिण दिशा की तरफ रहे। इससे आपका एवं बच्चे का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। कमरे का रंग रोगन करते समय सही रंगों का चयन करना चाहिए। कमरे की साज सज्जा बहुत ही सात्विक होनी चाहिए। बहुत ज्यादा भड़कीले रंगों का प्रयोग नहीं होना चाहिए।
घर में हल्के सुनहरे, गुलाबी या पीले रंग का प्रयोग करें। प्रेगनेंसी के दौरान लाल, काला, भूरा, नीला इन रंगों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। हल्के रंगों के प्रभाव से होने वाली माता का मन प्रसन्न रहता है। इससे बच्चा भी गर्भ में खुश खुश रहता है। शास्त्र और विज्ञान भी यही मानते हैं कि माता की मनोदशा का प्रभाव् गर्भ में पल रहे बच्चे पर बहुत अधिक पड़ता है और बच्चे का विकास भी वैसे ही होता है।
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राधा कृष्ण की तस्वीर लगाएं
गर्भवती महिला के कमरे की दक्षिण दीवार पर राधा कृष्ण की तस्वीर लगाएं। इससे पति पत्नी के बीच का तालमेल बना रहता है और बिना किसी परेशानी के ही बच्चे का जन्म होगा। इसके अलावा यदि इसके ठीक विपरीत उत्तरी दीवार पर आप लड्डू गोपाल की तस्वीर लगाती हैं तो आने वाली संतान बहुत ही चरित्रवान, संस्कारी होती है और भगवान कृष्ण की कृपा संतान को मिलती है। गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला जो दवा खाती है उसे घर के उत्तर पूर्व दिशा में रखें। इससे आपको उन दवाओं का बहुत अच्छा लाभ मिलेगा।
कमरे में मोर पंख रखें
प्रेग्नेंसी में मोर पंख को कमरे में रखना मां और बच्चे दोनों के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। इसी तरह गुलाबी रंग को सुख और आनंद का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में गर्भवती महिला के कमरे में इस रंग की बड़ी तस्वीर लगाना शुभ होता है। साथ ही सफेद रंग शांति और अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है। इसलिए कमरे में गुलाबी रंग के साथ सफेद रंग की तस्वीर या शो पीस भी रख सकते हैं।
इन सभी वास्तु के नियमों के अलावा घर के साउथ ईस्ट में कोई भी कट नहीं होना चाहिए। प्रेग्नेंसी में ऐसा कमरा न चुनें जिसमें टॉयलेट भी इस दिशा में हो। वास्तु से जुड़ी इन सभी बातों को ध्यान में रखकर आप प्रेग्नेंसी के समय को कुशलता से बिता सकती हैं और होने वाला बच्चा भी स्वस्थ होगा। बच्चे के जन्म के बाद कुछ दिनों के लिए उसके लिए ईशान कोण वाला स्थान चुनें इससे बच्चा स्वस्थ रहेगा, रोगमुक्त रहेगा और उसका विकास अन्य बच्चों की अपेक्षा बेहतर होगा।
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Image Credit: freepik
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