बचपन से लेकर आज तक नजर लग जाने को लेकर आपने कितना कुछ सुना है? ये भी हो सकता है कि आपको इस पर यकीन भी बहुत ज्यादा हो। हमारे शास्त्रों में नजर लगने की बात को बहुत गंभीरता से लिया जाता है। वास्तु शास्त्र भी नजर दोष की अहमियत को नकारता नहीं है। छोटे बच्चे से लेकर बड़े बुजुर्गों तक के लिए 'नजर लग गई है' जैसे शब्द का प्रयोग किया जाता है।
आध्यात्म पॉजिटिव एनर्जी और नेगेटिव एनर्जी के कॉन्सेप्ट को मानता है और इसे ही आध्यात्मिक भाषा में नजर दोष कहा जाता है। लोगों का मानना होता है कि जहां नेगेटिव एनर्जी होती है वहां पर नजर दोष होता है। विज्ञान सिरे से इस कॉन्सेप्ट को नकारता है और इसे अंधविश्वास माना जाता है। असलियत को लेकर कई तर्क हैं और इसे मानने और न मानने वालों की संख्या भी बहुत ज्यादा है।
नजर दोष का वर्णन शास्त्रों के हिसाब से क्या है और इसे हटाने का सबसे अच्छा तरीका क्या माना जाता है इसे लेकर ज्योतिष विशेषज्ञों के अलग-अलग तर्क हैं। हमने इसे लेकर प्रख्यात ज्योतिर्विद पं रमेश भोजराज द्विवेदी जी से बात की और उन्होंने हमें शास्त्रों में वर्णित नजर दोष के बारे में विस्तार से बताया।
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क्या होता है नजर दोष?
पंडित जी के अनुसार नजर दोष एक तरह की नेगेटिव एनर्जी है जो किसी व्यक्ति के इर्द-गिर्द आने लगती है और उसके साथ कुछ न कुछ बुरा होता जाता है। कई बार तो गाय-भैंस के ज्यादा दूध न देने को भी इसी दोष का हिस्सा मान लिया जाता है। बच्चों को काला टीका लगाया जाता है, बड़े अपनी उपलब्धियों को जगजाहिर करने से बचते हैं और इसे उतारने के लिए तरह-तरह के उपाय किए जाते हैं। ये नेगेटिव एनर्जी किसी भी तरह की हो सकती है और कई बार तो लोग अपने भूख न लगने या व्यापार के घाटे को भी नजर लगने से जोड़ने लगते हैं।
आपने देखा होगा कि लोग अपनी गाड़ी के आगे नींबू-मिर्च टांगते हैं, ईवल आई पहनते हैं, नारियल को किसी नई वस्तु पर घुमाकर फोड़ देते हैं ये सब कुछ बुरी नजर से बचने के उपाय माने जाते हैं।
किन चीज़ों से उतारी जाती है नजर?
अधिकतर लोग एक निर्धारित तरीके से ही नजर उतारते हैं, लेकिन पंडित जी की राय में इसके कई तरीके माने जाते हैं, जैसे-
- नमक, राई, बाल, लहसुन, प्याज के सूखे छिलके, सूखी मिर्च आती को व्यक्ति के ऊपर से 7 बार फेरकर उन्हें अंगारों में डाला जाता है।
- काला धागा या काला टीका लगाया जाता है।
- गेहूं के आटे से दीया बनाकर उसमें ज्योत जलाकर उसे 7 बार व्यक्ति के ऊपर से फेरा जाता है।
- ईंट के टुकड़े से नजर उतारकर उसे चौराहे पर रखा जाता है।
- पानी से नजर उतारी जाती है।
- फिटकरी से नजर उतारी जाती है।
- चप्पल से नजर उतारने की प्रथा है।
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क्या नजर उतारने से जुड़ा कोई धार्मिक उपाय भी होता है?
पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी का कहना है कि हनुमान जी की आराधना करने से नजर दोष कम होता है। हनुमान जी के कंधों का सिंदूर लाकर शनिवार के दिन नजर लगे व्यक्ति को लगाना होता है। इसके अलावा, इसी सिंदूर को एक सूखी लाल मिर्च, एक लोहे की कील, खड़े उड़द के साथ एक सफेद वस्त्र में काले धागे से बांधकर उसे बच्चे के कमरे में बांधने से नजर दोष हटता है।
नजर दोष को हटाने और उससे बचने के और भी कई उपाय अलग-अलग धर्मों में भी माने जाते हैं। ईसाई, मुस्लिम, बौद्ध, जैन, शिंटो आदि धर्मों का पालन करने वाले लोग भी किसी न किसी तरह से इस दोष की बात करते हैं, लेकिन इसका कोई ठोस उपाय या फिर इसे सच मानने की कोई ठोस वजह सर्वव्याप्त नहीं है। नजर दोष की बात कर हम यहां किसी अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देना चाहते हैं, बल्कि यहां तो उस सर्वमान्य धारणा की बात हो रही है जिसे किसी न किसी तरह से पूरी दुनिया में माना जाता है।
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