हम आपको समय-समय पर कुछ ऐसी सब्जी और फल के पेड़-पौधे उगाने के बारे में बताते रहते हैं जिन्हें आप आसानी से गार्डन में उगा सके। इससे पहले तेजपत्ता का पौधा, खीरा का पौधा, आलू, नींबू और लेमनग्रास के साथ-साथ अन्य कई पेड़-पौधे को गार्डन में उगाने के बारे में बता चुके हैं। इसी क्रम में आज हम आपको करोंदा का पौधा लगाने के बारे में बताने जा रहे हैं।
गर्मियों के मौसम में कभी चटनी, अचार तो कभी सब्जी के रूप में करोंदा को खूब पसंद किया जाता है। कहा जाता है कि इसका सेवन सेहत के लिए बेहद ही फायदेमंद होता है। ऐसे में अगर आपको करोंदा खाना पसंद है तो आपको इस लेख को ज़रूर पढ़ना चाहिए क्योंकि इस आर्टिकल में हम आपको करोंदा का पौधा उगाने के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें फॉलो करके आप भी आसानी से गार्डन में उगा सकती हैं। आइए जानते हैं।
ये तो हम सभी जानते हैं कि किसी भी सब्जी या फल को गार्डन में लगाने के लिए सबसे पहले ज़रूरी है बीज का सही चुनाव करना। अगर बीज सही नहीं हो तो आप और हम कितना भी मेहनत कर ले पौधा कभी भी फल नहीं देगा। इसलिए करोंदा का पौधा उगाने से पहले सही बीज ज़रूर खरीदे। करोंदा का सही बीज खरीदने के लिए आप इधर-उधर न जाकर किसी बीज भंडार का रूख कर सकती हैं। बीज भंडार में आप सीड के रूप में या पौधे, दोनों में से किसी भी रूप में बीज को खरीद सकती हैं। बीज भंडार में अच्छे किस्म के बीज मिल जाते हैं।
इसे भी पढ़ें:अपने इंडोर प्लांट्स का ऐसे रखें ध्यान, नहीं होंगे आपके पौधे खराब
करोंदा का बीज खरीदने के बाद समय है मिट्टी तैयार करने की। आप जिस मिट्टी को गमले में डालने वाले हैं उस मिट्टी को अच्छे से फोड़कर एक दिन के लिए धूप में रख दें। इससे मिट्टी में मौजूद नमी और कीड़े भाग जाएंगे। अगले दिन मिट्टी में एक मग खाद को डालकर अच्छे मिक्स कर लें। खाद मिक्स करने के बाद मिट्टी को गमले में डालें और मिट्टी में लगभग 1-2 इंच गहरा बीज दबाकर ऊपर से मिट्टी डाल लें। (काली मिर्च का पौधा) मिट्टी डालने के बाद पानी डालकर छोड़ दीजिए।
अगर बीज पौधे के रूप में है तो उसे लगाने का तरीका दूसरा है। इसके लिए सबसे पहले मिट्टी में खाद डालकर अच्छे से मिक्स कर लें। इसके बाद एक हाथ से पौधे को गमला में बीचों-बीच डालकर पकड़े रहे और दूसरे हाथ से खाद युक्त मिट्टी डालकर बराबर कर लें। मिट्टी बराबर करने के बाद एक से दो मग पानी डाल दें। अगर करोंदा का बीज गमला में लगाना है तो आप मिट्टी का गमला ही इस्तेमाल करें क्योंकि इससे पौधे का विकास अच्छा होता है और फल भी अच्छे से होते हैं।
पौधे के सही विकास के लिए सही खाद का उपयोग करना बेहद ज़रूरी होता है। कई बार गलत खाद का इस्तेमाल करने से पौधा मर भी जाता है। ऐसे में आप केमिकल युक्त खाद का उपयोग न करके जैविक खाद का ही इस्तेमाल करें। जैविक खाद के इस्तेमाल से पौधे को अधिक नुकसान भी नहीं पहुंचता है और पौधे में फल भी अच्छे होते हैं। (तेजपत्ता का प्लांट) गाय, भैंस आदि अन्य जानवर के गोबर को भी खाद के रूप में उपयोग किया जा सकता है। घर में बचे हुए भोजन को भी खाद के रूप में उपयोग किया जसा सकता है।
अक्सर छोटे-छोटे कीड़े किसी भी पौधे को अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में करोंदा के पौधे को मौसमी कीड़ों से बचाने के लिए आप नेचुरल कीटनाशक स्प्रे का छिड़काव कर सकती हैं। नेचुरल कीटनाशक स्प्रे बनाने के लिए आप नीम, पुदीना, बेकिंग सोडा या फिर सिरका का इस्तेमाल कर सकती हैं। जब पौधा लगभग 2-3 फीट बड़ा हो जाए तो उनके फूल और पत्तों पर भी स्प्रे का छिड़काव ज़रूर करें।
इसे भी पढ़ें:बीजों के अलावा पत्तों से भी उगा सकते हैं यह पौधे, जानिए
जब तक बीज तीन से चार इंच बड़ा नहीं हो जाता है तब तक आप उसे तेज धूप से बचाकर रखें। जब पौधा बड़ा हो जाए तो आप उसमें सप्ताह में दो से तीन बार पानी ज़रूर डालें। पानी डालने के अलावा समय-समय पर खाद को फ्रेस मिट्टी में मिक्स करके पौधे के आसपास ज़रूर डालें। लगभग नौ से दस महीने बाद पौधे में फल दिखाई देने लगते हैं। जब पौधे में फल दिखाई दे तो आप उसके पकने के लिए छोड़ सकती हैं। कई महिलाएं करोंदा के पकने पर ही उसे अचार, चटनी या सब्जी में इस्तेमाल कर करती हैं।
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit:(@mlvldlzblgrf.i.optimole.com,www.gazipurkotha.com)
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।